भुवनेश्वर, 30 नवंबर: पिछले कुछ वर्षों से लचर प्रदर्शन करने वाला पाकिस्तान हाल की घटनाओं को भुलाकर जर्मनी के खिलाफ शनिवार को यहां होने वाले मैच में अपनी जीजान लगाकर हॉकी विश्व कप में सकारात्मक शुरुआत करने के लिये उतरेगा।
विश्व कप इतिहास की सबसे सफल टीम पाकिस्तान की हॉकी में पिछले ढाई दशक में निरंतर गिरावट आयी है। अब वह विश्व रैंकिंग में 13वें स्थान पर है और इसका प्रमुख कारण राष्ट्रीय महासंघ (पीएचएफ) का कुप्रबंधन है।
कुव्यवस्था का हाल यह था कि पाकिस्तानी हॉकी टीम का धन नहीं होने के कारण इस बार विश्व कप में खेलना ही संदिग्ध बना हुआ था लेकिन बाद में आखिरी क्षणों में प्रायोजक मिलने से टीम किसी तरह विश्व कप खेलने के लिये यहां पहुंच पायी। पाकिस्तानी टीम की तैयारियां भी अच्छी नहीं रही है। रोलैंट ओल्टमैन्स ने केवल चार महीने तक मुख्य कोच रहने के बाद पद छोड़ दिया और तौकीर दार ने एक महीने पहले यह जिम्मेदारी संभाली।
पाकिस्तान चार बार का चैंपियन है लेकिन उसने आखिरी विश्व कप 1994 में जीता था। पिछले आठ वर्षों में पाकिस्तान हाकी की स्थिति सबसे खराब रही। उसकी टीम 2010 में 12वें और आखिरी स्थान पर रही थी जबकि 2014 में वह विश्व कप के लिये क्वालीफाई नहीं कर पायी थी।
पाकिस्तानी कोच दार ने कहा कि उनका लक्ष्य एक मैच जीतकर क्रासओवर में अपनी जगह सुरक्षित करना है। उन्होंने कहा, 'जर्मनी मजबूत टीम है और हम लंबे समय से उनके खिलाफ नहीं खेले हैं लेकिन जर्मन भी पिछले दो वर्षों से किसी बड़े टूर्नामेंट में नहीं खेले हैं। टूर्नामेंट से पहले कुछ परेशानियां थी लेकिन हमारा ध्यान भंग नहीं हुआ।'
जर्मनी भी पिछले डेढ़ वर्ष में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया है और यही वजह है कि वह रैंकिंग में शीर्ष से छठे नंबर पर खिसक गया। वहीं एक अन्य मैच में शनिवार को नीदरलैंड्स का सामना मलेशिया से होगा।