International Yoga Day 2020: कोरोना काल में डिजिटल तरीके से मनाया जाएगा योग दिवस २०२०, घर पर योग है थीम
By प्रिया कुमारी | Published: June 17, 2020 04:48 PM2020-06-17T16:48:55+5:302020-06-17T17:33:54+5:30
International Yoga Day 2020: 21 जून 2010 योगा दिवस हर बार की तरह नहीं बल्कि कुछ अलग तरीके से मनाया जाएगा। इस बार योग दिवस डिजिटल तरीके से मनाया जाएगा।
International Yoga Day 2020 (अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस २०२०): हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। लेकिन इस बार योग दिवस पिछले योगा डे से थोड़ा सा अलग होगा। कोरोना महामारी ने हर त्योहार मनाने का तरीका बदल दिया है। इसलिए इस बार कोरोना को देखते हुए घर पर योग दिवस मनाने की अपील की जा रही है। ताकि लोगों को अपने परिवार के साथ योग करने के लिए प्रेरित किया जा सके।
पीएम मोदी ने वीडियो ब्लॉगिंग प्रतियोगिता की शुरुआत करते हुए कहा है कि देशभर की जनता हिस्सा ले और अपना वीडियो शेयर किया है। माई लाइफ माय योगा प्रतियोगिता आयुष मंत्रालय और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद का संयुक्त प्रयास है।
एक अधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस आयोजन के पीछे जीवन को बदलने के साथ-साथ साकारात्मत प्रभाव डालना है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस उन्ही गतिविधियों में से एक है। इस बार का योग दिवस का थीम है घर पर योग।
कोरोना के टाइम पर योग हमारे स्वास्थ्य के लिए किसी वरदान से कम नही है। हमारे शरीर को मजबूत बनाता है। ऐसे में कुछ लोग ऐसे भी होंगे जो योग की शुरुआत करने जा रहे हैं। योगा भी कई तरह के होते हम आपको बताने जा रहे हैं क्या के योगा के नियम के साथ-साथ और भी बहुत कुछ।
योग के नियम
किसी गुरु के निर्देशन में योग अभ्यास शुरू करें, सूर्योदय या सूर्यास्त के वक़्त योग का सही समय है, योग करने से पहले स्नान जरूर करें, योग खाली पेट करें, आरामदायक सूती कपड़े पहनें, तन की तरह मन भी स्वच्छ होना चाहिए योग करने से पहले सब बुरे खयाल दिमाग से निकाल दें।
शारीरिक और मानसिक उपचार के योग के सबसे अधिक लाभों में से एक है। योग अस्थमा, मधुमेह, रक्तचाप, गठिया, पाचन विकार और अन्य बीमारियों में चिकित्सा के एक सफल विकल्प है। खास तौर पर जहां नए नए विज्ञान कई बीमारियों के उपचार में फेल है वहां योग कई बीमारियों के इलाज में सफल रहा है। एचआईवी (HIV) पर योग के प्रभावों पर अनुसंधान वर्तमान में आशाजनक परिणामों के साथ चल रहा है।
योग के प्रकार
राज योग- इस योग के आठ अंग है, जिस कारण पंतजलि ने इसका नाम अष्टांग योगा रखा है। यह आठ अंग यम, नियमस आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारण, और समाधि है। राज योग आत्मविवेक और ध्यान करने के लिए तैयार करता है। आसन योग का सबसे प्रसिद्ध अंग है।
कर्म योग-कर्म योग का उद्देश्य यह है कि जो हम अनुभव करते हैं वह हमारे कार्यों द्वारा अतीत में बनाया गया है। इस बारे में जागरूक होने से हम वर्तमान को अच्छा भविष्य बनाने का रास्ता बना सकते हैं। जो हमारे अंदर के नाकारात्मका को दूर करता है। जब हम अपना काम करते हैं और अपना जीवन जीते हैं और दूसरों की सेवा करते हैं तो हम कर्म योग करते हैं।
भक्ती योग- भक्ति योग सभी के लिए परमात्मा को देखकर, भावनाओं को नियंत्रित करने का एक साकारात्मक तरीका है। भक्ति का मार्ग हमे सभी के लिए स्वीकार्यता और सहिष्णुता पैदा करता है।
ज्ञान योग- इस योग में बुद्धि का ज्ञान होता है। योग में ग्रंथो और ग्रंथो के अध्ययन के जरिए बुद्धि के विकास के लिए जरूरी है। ज्ञाम योग को काफी कठिन माना जाता है, और साथ सबसे प्रत्यक्ष भी। इस योग में अध्ययन करना होता है ये योग वो करना पसंद करते हैं तो बौद्धिक रूप से इच्छुक है।