हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के प्रति लोगों का जागरूक करना है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने साल 1972 में की थी। 5 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था। इस बार इसकी थीम प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को खत्म करना है। क्या आप जानते हैं कि प्रदूषण बढ़ने से सांस और स्किन की बीमारियां होने लग गई हैं। जर्नल फिजिशियन डॉक्टर अजय लेखी आपको बता रहे हैं कि प्रदूषण बढ़ने से आपको क्या-क्या बीमारियां हो सकती हैं।
1) फेफड़े का कैंसर
इन दिनों प्रदूषण इतना ज्यादा फैल गया है कि इनका धुंआ लोगों के फेफड़ों में जहर भरने लगा है। पहले तो फेफड़े का कैंसर सिगरेट के धुएं से होता था पर अब वायु प्रदूषण से भी होने लगा है।
2) सिरदर्द और थकान
क्या आप जानते हैं कि सिदर्द और थकान का कारण प्रदूषण भी है? ध्वनि प्रदूषण आपके ब्रेन सेल को डैमेज कर के आपको थकान का एहसास करवा सकता है।
3) ओवरी में सिस्ट
फल और सब्जियां आज कल हाइब्रिड मिलने लगी हैं, जिसको खाने से महिलाओं की ओवरी में सिस्ट बन जाते हैं, जिससे वे कभी मां नहीं बन पाती।
4) ब्रोंकाइटिस
ब्रोंकाइटिस एक फेफड़े और सांस संबंधित समस्या है जोकि हाई लेवल के प्रदूषण की वजह से होती है।
5) अस्थमा
अस्थमा सांस की बीमारी है और इसका अटैक तब तेज हो जाता है जब आप प्रदूषण के घेरे में पैर रखते हैं। आजकल अस्थमा स्कूल जाते बच्चों को भी होने लग गया है।
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7) पेट की बीमारी
कई समय तक जब आप विषाक्त भोजन और प्रदूषित पानी पीते हैं, तो आपको पेट की बीमारी लग जाती है। हाइब्रिड भोजन जो हम उगा रहे है, उसे खाने से पेट की कई बीमारियां होती हैं।
8) मेलानोमा
मेलानोमा एक त्वचा कैंसर है जो कि ओजोन लेयर के डायरेक्ट कांटैक्ट में रहने से आती है। हमारी ओजोन लेयर बुरी तरह से फट रही है और इसका कारण प्रदूषण ही है।
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9) जन्म दोष
जब आपका वास्ता वातावरण में फैले जहरीले तत्वों से पड़ता है तो, यही जहरीले तत्व पेट में पल रहे शिशुओं के अंदर भी चले जाते हैं है। यह जहरीले तत्व अब आपके जीन में बस चुके हैं, जिनसे छुटकारा पाना थोड़ा मुश्किल है।
10) पागलपन
पागलपन सड़कों पर इतनी तेज चीखते-चिल्लाते मोटरों की आवजे काफी होती हैं हमें पागल बनाने के लिये। ऊपर से अगर आप तेज आवाज में गाने सुनते हैं तो उससे भी आपके दिमाग पर गहरा असर पड़ता है।
(फोटो- पिक्साबे)