काम का तनाव: सर्वे में खुलासा- जीवनसाथी या डॉक्टरों की तुलना में प्रबंधकों की वजह से मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है अधिक असर
By विनीत कुमार | Published: March 9, 2023 10:19 AM2023-03-09T10:19:43+5:302023-03-09T10:21:00+5:30
नई दिल्ली: मौजूदा दौर में नए उम्र के कर्मचारी मानसिक स्वास्थ्य को तरजीह दे रहे हैं, ऐसे में किसी कार्यालय में काम का माहौल और प्रबंधकों की भूमिका भी जांच के घेरे और सवालों दायरे में है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में 60% कर्मचारियों को लगता है कि उनका काम उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने की सबसे बड़ी वजह है। सर्वे में शामिल अधिकांश लोगों ने यह भी कहा कि वे ज्यादा वेतन वाली नौकरी की तुलना में मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देंगे और यहां तक कि वेतन में कटौती के लिए तैयार हैं।
सर्वे में कहा गया है, 'प्रबंधकों का भी लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर उतना ही प्रभाव पड़ता है जितना कि उनके जीवनसाथी (दोनों 69%) का होता है। यहां तक कि ये प्रभाव उनके डॉक्टर (51%) या थेरेपिस्ट (41%) की तुलना में अधिक है। इसमें ये भी संभावना जताई गई है कि विश्व स्तर पर 40% सी-स्तर के कर्मचारी 'काम से संबंधित तनाव के कारण अगले 12 महीनों में नौकरी छोड़ देंगे।'
इस महीने की शुरुआत में सॉफ्टवेयर कंपनी यूकेजी के द वर्कफोर्स इंस्टीट्यूट द्वारा 'मेंटल हेल्थ एट वर्क: मैनेजर्स एंड मनी' पर यह रिपोर्ट जारी की गई थी। इस सर्वे में विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं निभाने वाले 10 देशों के कामकाजी लोगों को शामिल किया गया था।
सर्वेक्षण के अनुसार, दुनिया भर में पांच में से एक कर्मचारी का मानना है कि उनकी नौकरी का उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। महिलाओं में यह संख्या और भी कम हो जाती है।
रिपोर्ट में कहा गया है, 'कार्य दिवस के अंत में 43% कर्मचारी 'अक्सर' या 'हमेशा' थके हुए होते हैं, और 78% कहते हैं कि तनाव उनके काम के प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। काम का तनाव हमारे व्यक्तिगत जीवन में भी आता है। कर्मचारियों का कहना है कि काम उनके घरेलू जीवन (71%), अच्छे जीवन (64%), और रिश्तों (62%) पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
अहम बात ये है कि भले ही 40% कर्मचारी काम को लेकर तनाव में रहते हैं लेकिन सर्वेक्षण में शामिल कई लोगों ने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने इस बारे में अपने प्रबंधक से शायद ही कभी या कभी बात नहीं की।
रिपोर्ट के अनुसार, 'कुछ लोग का कहना था कि मेरे प्रबंधक परवाह नहीं करेंगे। ऐसे लोगों की संख्या 16 प्रतिशत थी। वहीं 13 प्रतिशत ने कहा कि मेरा प्रबंधक बहुत व्यस्त है जबकि अन्य (21 प्रतिशत) का मानना था कि उन्हें (प्रबंधकों को) इसका पता लगाने में सक्षम होना चाहिए।'
यहां यह भी अहम है कि प्रबंधक भी काम को लेकर 'तनावग्रस्त' हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 'लगभग आधे प्रबंधक चाहते हैं कि काश किसी ने उन्हें अपनी वर्तमान नौकरी (57%) न लेने की चेतावनी दी होती और कई प्रबंधकों ने यह कहा कि संभावना है कि वे अगले 12 महीनों के भीतर अपनी नौकरी छोड़ देंगे क्योंकि वे बहुत अधिक काम से संबंधित तनाव का अनुभव कर रहे हैं।'