Uttar Pradesh Government: मधुमेह बीमारी से पीड़ित छात्रों को कक्षा में इंसुलिन और ग्लूकोमीटर लेकर जाने की इजाजत, उत्तर प्रदेश सरकार ने जारी किया निर्देश
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 22, 2023 06:48 PM2023-07-22T18:48:09+5:302023-07-22T19:06:20+5:30
Uttar Pradesh Government: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, डॉक्टरों के परामर्श के आधार पर मधुमेह से पीड़ित बच्चों को ब्लड शुगर (रक्त में शर्करा के स्तर) की जांच करने, इंसुलिन का इंजेक्शन लगाने, मध्य सुबह या मध्य दोपहर का नाश्ता लेने सहित अन्य देखभाल की आवश्यकता हो सकती है।
Uttar Pradesh Government: बच्चों में मधुमेह के बढ़ते खतरों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा द्वारा संचालित विद्यालयों में बीमारी से पीड़ित छात्रों को कक्षा में इंसुलिन और ग्लूकोमीटर लेकर जाने की इजाजत देने का फैसला लिया है।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, डॉक्टरों के परामर्श के आधार पर मधुमेह से पीड़ित बच्चों को ब्लड शुगर (रक्त में शर्करा के स्तर) की जांच करने, इंसुलिन का इंजेक्शन लगाने, मध्य सुबह या मध्य दोपहर का नाश्ता लेने सहित अन्य देखभाल की आवश्यकता हो सकती है, ऐसे में शिक्षकों को परीक्षा के दौरान या सामान्य दिनों में भी बच्चों को आवश्यक सहायता मुहैया कराने की इजाजत होनी चाहिए।
सरकारी द्वारा जारी बयान के मुताबिक, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण, भारत सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों को प्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया गया है। बयान के अनुसार, इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा सभी मंडलीय शिक्षा निदेशकों (बेसिक) एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष द्वारा शून्य से 19 वर्ष के छात्रों में मधुमेह नियंत्रण के लिए प्रदेश सरकार से कार्यवाही सुनिश्चित करने की अपील की गई थी। इसके बाद उप्र सरकार ने बाल संरक्षण एवं सुरक्षा के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं।
बयान के अनुसार, मधुमेह से पीड़ित बच्चों को स्कूली परीक्षा या अन्य परीक्षाओं के दौरान यह छूट दी जा सकती है कि वे अपने साथ चीनी की गोली, टॉफी रखें। उसमें कहा गया है, ‘‘ऐसे बच्चे अपनी दवाएं, फल, नाश्ता, पीने का पानी, बिस्कुट, मूंगफली, सूखा मेवा आदि परीक्षा कक्ष में शिक्षक के पास रख सकते हैं ताकि आवश्यकता पड़ने पर तत्काल उनका उपयोग कर सकें।’’
बयान के अनुसार, स्कूल कर्मचारियों को बच्चों की परीक्षा कक्ष में अपने साथ ग्लूकोमीटर और ग्लूकोज परीक्षण स्ट्रिप्स ले जाने की अनुमति देनी चाहिए और इस उपकरण को पर्यवेक्षक या शिक्षक के पास रखा जा सकता है। बच्चों को ब्लड शुगर का परीक्षण करने और आवश्यकतानुसार उपरोक्त वस्तुओं का सेवन करने की अनुमति दी जानी चाहिए।