UTI treatment in kids: बच्चों में यूरिन इन्फेक्शन के कारण, लक्षण और 5 असरदार घरेलू उपाय
By उस्मान | Updated: December 15, 2020 12:29 IST2020-12-15T12:22:27+5:302020-12-15T12:29:40+5:30
बच्चों में पेशाब का संक्रमण का इलाज : जानिये बच्चों को यह बीमारी होने पर क्या चेतावनियां मिलती हैं और इसका इलाज क्या है

बच्चों में यूटीआई का इलाज
बच्चों को शुरूआती कुछ वर्षों में बहुत बीमारियों का सामना करना पड़ता है। सर्दी और अन्य श्वसन संक्रमण आम हैं। लेकिन बच्चों में मूत्र पथ में संक्रमण (यूटीआई) की समस्या भी हो सकती है। पांच साल की उम्र तक 8% लड़कियों और 2% लड़कों को यूरिन इन्फेक्शन की समस्या देखने को मिल सकती है।
कभी-कभी बच्चों में यूटीआई के लक्षणों को पहचानना मुश्किल हो सकता है। इस स्थिति में बच्चे का इलाज करवाना जरूरी है, क्योंकि यूटीआई की समस्या गंभीर गुर्दे के संक्रमण में बदल सकती है।
बच्चों को यूरिन इन्फेक्शन कैसे होता है
ऐसा तब होता है जब उनकी त्वचा या प्यूप से बैक्टीरिया मूत्र पथ में पहुंच जाते हैं और वहां बढ़ जाते हैं। ये गंदे कीटाणु मूत्र मार्ग में कहीं भी संक्रमण पैदा कर सकते हैं।
यह किडनी की वजह से हो सकता है क्योंकि किडनी मूत्र को बनाने के लिए रक्त से अपशिष्ट और अतिरिक्त पानी को छनती हैं। यूट्रस जो किडनी से मूत्राशय में मूत्र भेजते हैं, मूत्राशय, जो मूत्र को संग्रहीत करता है और मूत्रमार्ग, जो शरीर से मूत्राशय से मूत्र को खाली करता है।
बच्चों में यूरिन इन्फेक्शन के संकेत और लक्षण
बड़े बच्चों में इसके लक्षण अक्सर स्पष्ट होते हैं। मुख्य लक्षण निचले पेट, पीठ, या बाजू में दर्द और ज्यादा पेशाब होना आदि शामिल हैं। कुछ बच्चे सोते समय पेशाब कर देते हैं या उन्हें बार-बार पेशाब आता है। छोटे बच्चों में इसके लक्षणों को पहचानना मुश्किल हो सकता है। शिशुओं में अधिक सामान्य लक्षण हो सकते हैं, जैसे कम भूख लगना या बुखार।
अन्य लक्षणों में पेशाब करते समय जलन या दर्द महसूस होना, बदबूदार या बादलदार पेशाब आना, पेशाब को रोक नहीं पाना और उसके बाद केवल कुछ बूंदें पेशाब आना, बुखार, उलटी और दस्त आदि शामिल हैं।
बच्चों में यूटीआई का घरेलू इलाज
फलों का रस
आप बच्चे को करौंदा, ब्लूबेरी और अनानास का रस दे सकते हैं। इन फलों के गुण मूत्रपथ में हानिकारक जीवाणुओं के विकास व वृद्धि को रोकने में मदद करते हैं। पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। इसके अलावा कुछ फलों का रस देने से पहले इसे पतला कर लें ताकि बच्चे के मूत्राशय में एसिड की मात्रा अधिक न हो।
अत्यधिक पानी पिलाएं
संक्रमण के दौरान अपने बच्चे को अधिक से अधिक पानी पिलाएं। अधिक पानी पीने से बच्चे को बार-बार पेशाब आएगी और इससे विषाक्त पदार्थों को जल्दी बाहर निकालने में मदद मिल सकती है।
नींबू का रस
नींबू का रस एक मूत्रवर्धक घटक के रूप में कार्य करता है और हानिकारक जीवाणु व विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। नींबू का रस बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है। बच्चे को प्रतिदिन नींबू का रस पिलाने से भविष्य में मूत्र पथ के संक्रमण से बचा जा सकता है।
खीरे का रस
खीरे के रस में एक चमच नींबू का रस और शहद मिलाकर बच्चे को देने से उसे आराम मिलेगा। इसके अलावा मूली के पत्तों का रस भी ऐसी अवस्था में बच्चों के लिए फायदेमंद साबित होता है।
अजवाइन का पानी
तिल के दानों के साथ गुड़ या फिर अजवाइन का पानी का सेवन भी बच्चों के लिए लाभकारी माना गया है। अपने बच्चे को दही का सेवन हर रोज करवाएं। रात के खाने में उबला हुआ पालक देने से बच्चे को बार बार पेशाब जाने की समस्या से कुछ राहत मिल सकती है।


