यूपी प्रतिबंधित कोडीन युक्त कफ सिरप का बना हब, करोड़ों रुपए का प्रतिबंधित कफ सिरप वाराणसी में पकड़ा गया, नेपाल-बांग्लादेश में भी निर्यात
By राजेंद्र कुमार | Updated: November 24, 2025 17:13 IST2025-11-24T17:13:36+5:302025-11-24T17:13:36+5:30
यह भी मालूम हुआ कि यूपी के रास्ते कोडीन सिरप का कारोबार नेपाल और बांग्लादेश तक चल रहा है. बीते डेढ़ माह से यूपी में नकली एवं नशीली दवाओं के कारोबारियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई से यह खुलासा हुआ है.

यूपी प्रतिबंधित कोडीन युक्त कफ सिरप का बना हब, करोड़ों रुपए का प्रतिबंधित कफ सिरप वाराणसी में पकड़ा गया, नेपाल-बांग्लादेश में भी निर्यात
लखनऊ: खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) के कमजोर नेटवर्क के चलते नकली एवं नशीली दवाओं के कारोबारियों ने उत्तर प्रदेश (यूपी) को प्रतिबंधित कोडीन युक्त कफ सिरप का हब बना लिया है. राज्य के लखनऊ,कानपुर, आगरा और वाराणसी जैसे बड़े शहरों में प्रतिबंधित कोडीन युक्त कफ सिरप के कारोबार में लिप्त लोगों की धरपकड़ के लिए चलाए गए अभियान में जहां करोड़ों रुपए का प्रतिबंधित सिरप पकड़ा गया. वही नशे के लिए कोडीन सिरप बेचने वाले गिरोहों के सूबे के छोटे जिलों में फैले नेटवर्क का भी पता चला. यह भी मालूम हुआ कि यूपी के रास्ते कोडीन सिरप का कारोबार नेपाल और बांग्लादेश तक चल रहा है. बीते डेढ़ माह से यूपी में नकली एवं नशीली दवाओं के कारोबारियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई से यह खुलासा हुआ है.
प्रतिबंधित कफ सिरप के नेटवर्क का ऐसे हुआ खुलासा :
यूपी की खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की आयुक्त डॉ.रौशन जैकब के अनुसार, बीते डेढ़ माह में विभाग के अधिकारियों ने यूपी के हर शहर में नकली एवं नशीली दवाओं के कारोबारियों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाया गया.इस अभियान के दौरान कोडीन सिरप बेचने संबंधी गंभीर अनियमितताएं एवं अवैध डायवर्जन के प्रमाण मिले हैं. 10 अक्टूबर को लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित गोदाम से सिरप की बड़ी खेप पकड़ी गई थी. इस कार्रवाई से कोडीन सिरप को यूपी के लखीमपुर खीरी,महाराजगंज और सिद्धार्थनगर तक भेजने के नेटवर्क का खुलासा हुआ. दिल्ली से आगरा तक यह सिरप कैसे बेचा जा रहा इसका भी पता चला.
यह पता चला की बंद मेडिकल स्टोरों के नाम पर फर्जी सप्लाई दिखाकर नकली और नशीली दवाओं का कारोबार किया जा रहा है. इस सूचना के आधार पर कानपुर और वाराणसी में छापे मारे गए. तो बड़े पैमाने पर कोडीन सिरप के अवैध भंडारण, फर्जी बिलिंग और विभागीय मिलीभगत के प्रमाण मिले. वाराणसी में 93 मेडिकल स्टोरों को लगभग 84 लाख फेंसिडिल सिरप बेचे जाने का खुलासा हुआ. इस फेंसिडिल सिरप की कीमत करीब 100 करोड़ रुपए आंकी गई. यह भी पता चला कि इस शहर में बंद पड़े कई बंद मेडिकल स्टोरों के नाम पर भी सप्लाई दिखाकर कफ सिरप बेचने का अवैध कारोबार चलाया जा रहा था.
एफएसडीए ने वाराणसी में 26 दवा दुकानों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई. इसी शहर में जांच के दौरान यह पता चला कि न्यू पीएल फार्मा ने जिस बालाजी मेडिकल को फेंसिडिल सिरप की आपूर्ति की है,वह काफी पहले बंद हो चुकी है। इसी तरह अन्य बंद मेडिकल स्टोरों के नाम आपूर्ति दिखाई गई. इस खुलासे के बाद ही एफएसडीए ने राज्य में 330 से अधिक दवा दुकानों की जांच कर 300 से अधिक नमूने लिए और 80 दुकानों पर बिक्री रोकी.
प्रतिबंधित कफ सिरप का नेटवर्क ध्वस्त करेंगे :
एफएसडीए द्वारा राज्य में अलग-अलग जगहों पर हुई छापेमारी से यह पता चला कि यूपी में कोडीन युक्त कफ सिरप विभिन्न नामों से हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में स्थित दवा की फैक्ट्रियों से बनवाया गया था. यह प्रतिबंधित कफ सिरप फैक्ट्रियों से सीधे नोएडा, गाजियाबाद पहुंचता है. फिर वहाँ से आगरा के जरिए उसे वाराणसी लाया जाता है और यहाँ से इसे ट्रकों से पश्चिम बंगाल के जरिए बांग्लादेश और बिहार के रास्ते नेपाल भेजा जाता है.
इस कारोबार में लिप्त कारोबारी इस सिरप की फर्जी बिक्री के मेडिकल स्टोर के नाम करते हैं, ताकि इसकी जांच आदि ना हो.एफएसडीए के अधिकारियों का कहना है कि बांग्लादेश में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध होने से वहां कोडीन युक्त इस कफ सिरप का इस्तेमाल नशे के लिए किया जाता है. इस वजह से वहां सिरप की एक शीशी चार से पांच गुना रेट पर बिकती है. नेपाल में भी कफ सिरप का इस्तेमाल दवा के रूप में कम नशे के लिए ज्यादा होता है. वहां भी इसकी बहुत मांग है.
फिलहाल यूपी में प्रतिबंधित कोडीन युक्त कफ सिरप की धरपकड़ को लेकर जो अभियान चल रहा है, उसके चलते आए दिन कफ सिरप की बरामदगी हो रही है.बीती चार नवंबर को गाजियाबाद पुलिस ने चार ट्रकों से 1.57 लाख कोडीन युक्त कफ सिरप का जखौरा पकड़ा और आठ लोगों को गिरफ्तार किया. इन लोगों से मिली जानकारी के आधार पर वाराणसी के में शुभम जायसवाल के ठिकानों पर छापेमारी कर सौ करोड़ रुपये से ज्यादा की प्रतिबंधित कफ सिरप की तस्करी की जानकारी हुई.
यह भी पता चला कि प्रतिबंधित कफ सिरप की तस्करी में शामिल रांची की शैली ट्रेडर्स ने वाराणसी की 109 फर्मों को फर्जी बिलों से 100 करोड़ से ज्यादा के सिरप सप्लाई करना दिखाया था. फिलहाल इस मामले में जांच जारी है. डॉ.रौशन जैकब का कहना है कि यूपी में प्रतिबंधित कफ सिरप के कारोबार में लिप्त लोगों के नेटवर्क को पूरी तरह से जल्दी ही ध्वस्त कर दिया जाएगा. इसके लिए एफएसडीए के नेटवर्क को बेहतर किया जा रहा है.