ध्यान दें लड़कियां...कहीं जीरो फिगर के चक्कर में ब्रेस्ट कैंसर का शिकार न हो जाएं
By उस्मान | Published: June 23, 2018 01:48 PM2018-06-23T13:48:43+5:302018-06-23T13:48:43+5:30
शोधकर्ताओं के अनुसार प्री मेनोपॉज महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए जानबूझकर वजन कम नहीं करना चाहिए।
समय से पहले मेनोपॉज का शिकार अंडरवेट लड़कियों को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इस बात का एक नए शोध से पता चला है। अध्ययन के अनुसार, 18 से 24 साल की उम्र के बीच लड़कियों को इसका अधिक खतरा है। एक शोध से पता चलता है कि मोटापा हाई एस्ट्रोजेन के लेवल को बढ़ाता है, जो पोस्ट मेनोपॉज वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर को बढ़ावा दे सकता है।
प्री मेनोपॉज वाली महिलाओं में हाई एस्ट्रोजन बीमारी के खिलाफ सुरक्षा कर सकता है क्योंकि उनमें हेल्दी ब्रेस्ट सेल्स शुरू हो जाती हैं। उम्र के साथ ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम भी बढ़ता है। शोधकर्ताओं के अनुसार प्री मेनोपॉज महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए जानबूझकर वजन कम नहीं करना चाहिए। मोटापा हृदय रोग, स्ट्रोक, टाइप 2 डायबिटीज और गुर्दे विकार सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हुआ है। यह धूम्रपान के बाद कैंसर का सबसे बड़ा कारण भी है।
डायबिटीज, बीपी, किडनी पथरी, अस्थमा, एनीमिया का नाश करते हैं ये छोटे-छोटे गुलाबी फूल
शोधकर्ताओं के अनुसार कैंसर और मोटापे से बचने के लिए हेल्दी वेट बनाए रखना बहुत जरूरी है। लेकिन ऐसी स्थिति से निपटने के लिए लड़कियों को वजन बढ़ाना समाधान नहीं है।
कैंसर, डेंगू, डायबिटीज, कब्ज का रामबाण इलाज हैं पपीते के पत्ते, ऐसे करें इस्तेमाल
पिछले शोध से पता चलता है कि अधिक वजन होने से कई प्रकार के कैंसर हो सकते हैं। अधिक फैट बढ़ने से लोगों के हार्मोन अपने शरीर की कोशिकाओं को प्रभावित करने लगते हैं जिससे आपको ट्यूमर का खतरा हो सकता है। फैट सेल्स से इन्फ्लेमेशन का भी खतरा हो सकता है जिससे कोशिकाएं तेजी से विभाजित होती हैं और लंबे समय तक ऐसा होने से कैंसर का कारण बन सकती है।
(फोटो- सोशल मीडिया)