प्रेगनेंसी टिप्स: गर्भ में बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए गर्भवती महिला जरूर करे ये काम

By गुलनीत कौर | Published: March 28, 2018 10:36 AM2018-03-28T10:36:56+5:302018-03-28T10:36:56+5:30

मनोविज्ञान चिकित्सक डॉ. अभिनव मोंगा का यह कहना है कि प्रेगनेंसी के दौरान मां जो भी सोचती है वह उसके न्युरोहार्मोंस के जरिए उसके होने वाले शिशु तक पहुंच जाता है।

Tips for healthy baby during pregnancy in hindi | प्रेगनेंसी टिप्स: गर्भ में बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए गर्भवती महिला जरूर करे ये काम

प्रेगनेंसी टिप्स: गर्भ में बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए गर्भवती महिला जरूर करे ये काम

आपने अक्सर घर में बड़े-बुजुर्गों को गर्भवती महिला को यह सलाह देते हुए देखा होगा कि अच्छा और स्वस्थ भोजन करो, अच्छी बातें करो, अच्छा सोचो, ताकि होने वाली संतान पर इसका सकारात्मक प्रभाव ही पड़े। गर्भवती को बुरी बातों और बुरे दृश्यों को देखने से दूर रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि वह जो भी खाती है, देखती है, सुनती है और सोचती है, इसका पूरा असर उसके होने वाले शिशु पर भी होता है। 

मनोविज्ञान चिकित्सक डॉ. अभिनव मोंगा का भी यह कहना है कि प्रेगनेंसी के दौरान मां जो भी सोचती है वह उसके न्युरोहार्मोंस के जरिए उसके होने वाले शिशु तक पहुंच जाता है। उसकी मनोवस्था का सीधा असर उसके गर्भ में पल रहे बच्चे पर होता है। यही कारण है कि प्रेगनेंसी में महिलाओं को शांत और खुश रहनी की सलाह दी जाती है। तनाव और परेशानी से दूर रहने को कहा जाता है। क्योंकि उसके हर मूड का असर बच्चे की मानसिक स्थिति पर पड़ता है।

प्रेगनेंसी में महिला अगर अच्छा सोचेगी तो उसके होने वाले बच्चे पर उसका सकारात्मक प्रभाव ही होगा। कुछ खास बातें अगर वह सोचेगी तो बच्चे के स्वस्थ विकास में यह मददगार सिद्ध होंगी। चलिए आपको बताते हैं कि प्रेगनेंसी में महिला को क्या-क्या सोचना चाहिए:

1. शिशु को बढ़ते हुए सोचें

गर्भ में बच्चा स्वस्थ है, खुश है और धीरे-धीरे उसका विकास हो रहा है इस खुशी को महसूस करें और सकारात्मक रूप से उसके बेहतर विकास के बारे में सोचें।

2. सोचिये वह कैसा होगा

गर्भ में पल रहा बच्चा स्वस्थ है, उसका शारीरिक और मानसिक विकास हो रहा है लेकिन जब वह दुनिया में आएगा तो वह कैसा दिखेगा इसके बारे में सोचें। इसके लिए गर्भवती के सोने के कमरे में सुन्दर और क्यूट बच्चों की तस्वीरें लगाएं ताकि वह उनमें अपने होने वाले शिशु की छवि देख सके और अन्दर से खुश हो सके।

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3. शिशु को महसूस करें

गर्भ में शिशु स्वस्थ है और उसकी ग्रोथ भी हो रही है, इस खुशी को हर गर्भवती को महसूस करना चाहिए। मां अगर मानसिक रूप से खुश होगी तो होने वाली संतान पर इसका अच्छा असर होगा।

4. उसके बारे में सोचें

आपका शिशु जब इस दुनिया में आयेगा तो उसकी आवाज कैसी होगी, उसकी आँखें कैसी होंगी, उसके हाथ-पांव कैसे होंगे। ये बातें जब गर्भवती सोचती है तो खुशी से भर जाती है। उसके हर अच्छे इमोशन का होने वाले शिशु पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

5. गर्भ में होने वाली हरकतें

प्रेगनेंसी के कुछ महीने बाद जब होने वाले शिशु के शारिरिल नाग आकार लेने लगते हैं। उसके हाथ-पांव बन जाते हैं और वह उन्हें हिलाने भी लगता है तब इस मूवमेंट को हर गर्भवती को महसूस करना चाहिए। यह एक अद्भुत अहसास होता है। 

6. बच्चे की मुस्कराहट

जन्म के बाद बच्चे की मुस्कराहट को देखना एक मां के लिए दुनिया की किसी भी अनमोल चीज से बढ़कर है। लेकिन गर्भ में वह कैसा मुस्करा रहा है, इस बारे में भी सोचें। 

Web Title: Tips for healthy baby during pregnancy in hindi

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