थायराइड का आयुर्वेदिक उपचार : पुराने से पुराने थायराइड से छुटकारा पाने के लिए आजमाएं ये 10 घरेलू उपचार
By उस्मान | Updated: December 2, 2020 12:17 IST2020-12-02T12:06:45+5:302020-12-02T12:17:10+5:30
थायरायड कंट्रोल करने के उपाय : इस हार्मोन के ज्यादा बढ़ने और घटने से आपको कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है

थायराइड का आयुर्वेदिक उपचार
थायरायड गर्दन में एक छोटी ग्रंथि है जो थायराइड हार्मोन बनाती है। कभी-कभी थायरायड हार्मोन या तो बहुत ज्यादा बनने लगता है या बहुत कम बनता है। बहुत अधिक थायराइड हार्मोन बनने के कारण हाइपरथायरायडिज्म की समस्या होती है।
इसी तरह कम हार्मोन बनने के कारण हाइपरथायरायडिज्म की दिक्कत होती है। इन दोनों ही तरह की समस्याओं में शरीर में बेहद कमजोरी, थकान, पीरियड्स की अनियमितता, डिप्रेशन, सांस का फूलना जैसी कई और दिक्कतें शुरू हो जाती हैं।
बताया जाता है कि पुरुषों के मुकाबले यह समस्या महिलाओं को ज्यादा होती है। इस रोग में वजन बढ़ने, बाल गिरने और हार्मोन भी गड़बड़ा जाते हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप कुछ आयुर्वेदिक उपायों को अपना सकते हैं।
थाइरोइड के लक्षण
एक स्टडी के मुताबिक, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थाइरोइड विकार दस गुना ज्यादा होता है। इसके अलावा थाइरोइड आपके हृदय, मांस पेशियों, हड्डियों व कोलेस्ट्रोल को भी प्रभावित करती है। वजन घटना, गर्मी न झेल पाना, ठीक से नींद न आना, प्यास लगना, अत्यधिक पसीना आना, हाथ कांपना, दिल तेजी से धड़कना, कमजोरी, चिंता, और अनिद्रा इस समस्या के प्रमुख लक्षण हैं।
एलोवेरा और आंवला का जूस
एलोवेरा और आंवला का जूस सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। अगर आप थायराइड की समस्या से निजात पाने के लिए रोजाना सुबह खाली पेट एलोवेरा और आंवला जूस का सेवन करे।
त्रिकुटा चूर्ण
सौंठ, काली मिर्च और छोटी पिपली से मिलकर बना त्रिकुटा चूर्ण सेहत के लिए काफी फायदेमं है। यह पेट संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने के साथ थायराइड रोगियों के लिए काफी फायदेमंद है।
त्रिफला चूर्ण
हरण, बहेड़ा, आंवला को समान मात्रा में लेकर इमामदस्ता में कूट लें। तो त्रिफला बनकर तैयार हो जाएगा। त्रिफला का रोजाना सेवन करने से भी आपको लाभ मिलेगा।
लौकी
लौकी में कार्बोहाइड्रेट, आयरन, विटामिन-बी व मिनरल्स पाए जाते हैं। यह थायराइड की समस्या से निजात दिलाने में काफी कारगर है। सर्दियों के मौसम में रोजाना सुबह लौकी का सूप पिएं।
अश्वगंधा
अश्वगंधा में थायराइड ग्रंथियों से निकलने वाले हार्मोन्स को संतुलित करने का गुण है। एंटीऑक्सीडेंट से भरा अश्वगंधा ग्रंथी को सही मात्रा में हार्मोन उत्पादन करने में मदद करता है। हार्मोन संतुलन के साथ ही अश्वगंधा इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है।
गेहूं का ज्वारा
गेहूं का ज्वारा, ब्लड और ब्लड रिलेटेड रोगों के साथ ही थायराइड हार्मोन पर भी बहुत इफेक्टिव है। गेहूं के ज्वारे को रोज अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
अलसी के बीज
ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर अलसी थायराइड हार्मोंस को संतुलित करने में कारगर है। ओमोगा-3 फैटी एसिड थायरायड ग्रंथि को सही तरीके से काम करने के लिए फोर्स करता है। हाइपोथायरायडिज्म के रोगियों को अलसी का प्रयोग किसी भी रूप में जरूर करना चाहिए।
अदरक
अदरक में कई जादुई गुण है जो थायराइड को बढ़ने नहीं देता जैसे मैग्नीशियम और पोटेशियम आदि। अदरक के अन्दर कई लाभकारी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जो थायराइड की बीमारी को बढ़ने नहीं देते है।
शहद
शहद और ऑवला का सेवन करने से 10 से 15 दिनों में इसका असर दिखने लगता है। इसके अलावा यह शरीर के मोटापे को भी रोकता है। सुबह खाली पेट आप शहद और ऑवले का मिश्रण कर, इसे 5 से 10 ग्राम के बीच सेवन करें और रात को दो घंटे के बाद फिर से दोहराएं।
नारियल तेल
थाइरोइड की बीमारी में नारियल के तेल का प्रयोग भी करना फायदेमंद होता है। इसके लिए एक से दो चम्मच नारियल तेल गुनगुना करके दूध के साथ खाली पेट सुबह शाम सेवन करने से लाभ होता है।



