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दूध में इस चीज को मिलाकर खाली पेट पीने से जड़ से खत्म हो सकती है थाइरोइड की समस्या

By उस्मान | Updated: January 8, 2019 17:36 IST

वजन घटना, गर्मी न झेल पाना, ठीक से नींद न आना, प्यास लगना, अत्यधिक पसीना आना, हाथ कांपना, दिल तेजी से धड़कना, कमजोरी, चिंता, और अनिद्रा इस समस्या के प्रमुख लक्षण हैं। 

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आजकल कई लोग थाइरोइड बीमारी से पीड़ित हैं। थाइरोइड में वजन बढ़ने के साथ हार्मोन असंतुलन भी हो जाते हैं। एक स्टडी के मुताबिक, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थाइरोइड विकार दस गुना ज्यादा होता है। थाइरोइड एक तरह की ग्रंथि होती है जो गले में बिल्कुल सामने की ओर होती है। यही ग्रंथि शरीर के मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करती है। यानी जो भी भोजन आप सेवन करते हैं। उससे ऊर्जा में परिवर्तित करने का काम करती है। थाइरोइड की समस्‍या शरीर में हॉर्मोंस की गड़बड़ी के कारण होती है। 

थाइरोइड के लक्षणइसके अलावा थाइरोइड आपके हृदय, मांस पेशियों, हड्डियों व कोलेस्ट्रोल को भी प्रभावित करती है। वजन घटना, गर्मी न झेल पाना, ठीक से नींद न आना, प्यास लगना, अत्यधिक पसीना आना, हाथ कांपना, दिल तेजी से धड़कना, कमजोरी, चिंता, और अनिद्रा इस समस्या के प्रमुख लक्षण हैं। 

थाइरोइड के कारण1) यह सिर्फ एक बढ़ा हुआ थाइरोइड ग्रंथि है जिसमें थाइरोइड हार्मोन बनने की क्षमता कम हो जाती है। सोया प्रोटीन, कैप्सूल और पाउडर के रूप में सोया उत्पाद की जरूरत से ज्यादा प्रयोग करना थाइरोइड होने के वजह हो सकते हैं।

2) कई बार दवाओं के साइड इफेक्ट्स भी थाइरोइड की वजह होते हैं।

3) थाइरोइड की समस्या पिट्यूटरी ग्रंथि के वजह भी होती है क्योंकि यह थाइरोइड ग्रंथि हार्मोन का उत्पादन करने के संकेत देने में सक्षम नहीं होती है।

4) आहार में आयोडीन की कमी या ज्यादा मात्रा में भी सेवन करना थाइरोइड की समस्या को बढ़ावा देता है।

5) फिर गर्दन और चेस्ट की विकिरण थेरेपी के कारण या टॉन्सिल्स, लिंफ नोड्स, थाइमस ग्रंथि की समस्या या मुहासे के लिए विकिरण उपचार के वजह से भी थाइरोइड होने की समस्या हो सकती है।

6) आपको बता दें कि तनाव भी थाइरोइड का कारण बन सकता है क्योंकि जब तनाव का स्तर अधिक हो तो इसका सबसे ज्यादा असर हमारी थाइरोइड ग्रंथि पर पड़ता है। जिससे यह ग्रंथि हार्मोन के स्राव को अधिक कर देती है।

7) थाइरोइड का एक अनुवांशिक कारण भी है अगर आपके परिवार में किसी को थाइरोइड की समस्या है तो आपको थाइरोइड होने की संभावना अधिक रहती है। यह थाइरोइड का सबसे मुख्य कारण है।

8) ग्रेव्स रोग थाइरोइड का सबसे बड़ा कारण है। इसमें थाइरोइड ग्रंथि से थाइरोइड हार्मोन का स्राव बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। यह बीमारी ज्यादातर 20 और 40 की उम्र के बीच महिलाओं को प्रभावित करता है। क्योंकि ग्रेव्स रोग अनुवांशिक कारणों से संबंधित वंशानुगत विकार है। इसलिए थाइरोइड रोग एक ही परिवार में कई लोगों को चपेट में ले सकता है।

9) थाइरोइड का एक गर्भावस्था भी कारण है जिसमें प्रसव के दौरान की अवधि भी शामिल है। गर्भावस्था एक महिला के जीवन में ऐसा समय होता है। जब उसके पूरे शरीर में बड़े पैमाने पर बदलाव होता है और तनावग्रस्त रहता है।

10) 40 से 50 के बीच महिलाओं में रजोनिवृत्ति कि समय आती है। रजोनिवृत्ति भी थाइरोइड का कारण है। क्योंकि रजोनिवृत्ति के समय एक महिला में कई प्रकार की हारमोंस में परिवर्तन होते हैं। जो कई बार थाइरोइड को जन्म देते हैं।

थाइरोइड दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय

1) थाइरोइड में शिग्र पत्र, कांचनार, पुनर्नवा के काढ़ा का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए इस काढ़ा को प्रतिदिन सुबह खाली पेट 30 से 50 मिलीलीटर तक सेवन करना चाहिए।

2) अलसी के बीज को पीसकर चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में प्रतिदिन सुबह खाली पेट सेवन करने से थाइरोइड से राहत मिलती है।

3) थाइरोइड की बीमारी में नारियल के तेल का प्रयोग भी करना फायदेमंद होता है। इसके लिए एक से दो चम्मच नारियल तेल गुनगुना करके दूध के साथ खाली पेट सुबह शाम सेवन करने से लाभ होता है।

4) थाइरोइड दूर करने के लिए विभीतिका का चूर्ण, अश्वगंधा का चूर्ण और पुष्कवरण का चूर्ण 3-3 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ या गुनगुना पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करने से थाइरोइड से राहत मिलती है।

5) खाने में दालचीनी, अदरक, लहसुन, सफेद प्याज और स्ट्रॉबेरी की पत्तियों का सेवन बढ़ा देना चाहिए। इन रोगियों को खाना पकाने के लिए नारियल तेल का प्रयोग करना चाहिए। थाइरोइड से ग्रसित लोगों को लघु और सुपाच्य भोजन करना चाहिए। इनके लिए खिचड़ी का प्रयोग करना भी फायदेमंद होता है।

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