भारत में कोरोना वैरिएंट Omicron के 2 केस मिले, जानें देश में कैसे पहुंचा ओमीक्रोन, मरीजों में क्या लक्षण दिखे, सीटी वैल्यू क्या है ?
By उस्मान | Updated: December 3, 2021 09:38 IST2021-12-03T09:38:16+5:302021-12-03T09:38:16+5:30
दक्षिण अफ्रीका में मिला कोरोना वायरस का सबसे घातक रूप भारत में प्रवेश कर चुका है

ओमीक्रोन के लक्षण
कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमीक्रोन (omicron) भारत में भी आ गया है. कर्नाटक में इस नए घातक संस्करण के दो मामलों का पता चला है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से नहीं घबराने की अपील करते हुए कहा है कि संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा कम न करें। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई राज्य में और प्रतिबंध लगाने पर फैसला करने के लिए शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक करेंगे।
कर्नाटक में कैसे पहुंचा ओमीक्रोन
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने पहले बताया कि दो मामले डेल्टा से मेल नहीं खाते हैं। उनमें से एक 66 वर्षीय पुरुष है, जो दक्षिण अफ्रीकी नागरिक है। वह 20 नवंबर को बेंगलुरु आया और उसका रिजल्ट पॉजिटिव पाया गया।
उसके बाद उसे एक होटल में आइसोलेट किया गया था और 23 नवंबर को उसका एक निजी लैब में टेस्ट किया गया और दौरान उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। वह 27 नवंबर को दुबई के लिए रवाना हो गया। उसके संपर्क में आने वाले लोगों का भी टेस्ट किया और सबकी रिपोर्ट निगेटिव आई है।
दूसरा व्यक्ति सरकारी अस्पताल में कार्यरत 46 वर्षीय डॉक्टर है, जिसकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। अत्यधिक थकान, कमजोरी और बुखार की शिकायत के कारण 22 नवंबर को उसका परीक्षण किया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक उसकी साइकिल की थ्रेशोल्ड वैल्यू कम थी और उसका सैंपल लैब भेजा गया था। उसके तीन प्राथमिक और उनके दो माध्यमिक संपर्कों ने सकारात्मक परीक्षण किया है।
भारत में मिले ओमीक्रोन के दो मामलों क्या लक्षण दिखे
कर्नाटक के अधिकारियों के अनुसार, राज्य में ओमीक्रोन के अधिक मामले हो सकते हैं क्योंकि सकारात्मक परीक्षण करने वाले डॉक्टर का कोई यात्रा इतिहास नहीं है। सभी मामलों में कोई प्रमुख लक्षण नहीं थे।
विशेषज्ञों ने इन मामलों में कम सीटी मान देखा है और यही कारण है कि कम सीटी मान वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के सकारात्मक परीक्षण के नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे जा रहे हैं।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नया वैरिएंट कैसे फैलता है, हम अभी यह नहीं कह सकते हैं, लेकिन चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि अब तक पहचाने गए सभी छह मामलों में कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या नहीं है। हमने डेल्टा संस्करण देखा है, उसमें तीव्रता, सांस लेने जैसी अधिक समस्याएं थी जबकि यहां लक्षण हल्के हैं।