केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 3 फरवरी को आयोजित होने वाले पोलियो राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (Polio National Immunisation Day) कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है। इसका कारण यह है कि पल्स पोलियो की खुराक में पी-2 वायरस पाया गया है। यह वायरस इतना खतरनाक है कि इसके शरीर में प्रवेश होने से शिशुओं को लकवा होने के खतरा बढ़ सकता है।
पल्स पोलियो की शुरुआत इस बीमारी पर अगले पांच सालों में 100 फीसदी काबू पाने के लिए की गई थी। हाल ही में सरकार ने सभी राज्यों को पात्र लिखकर रविवार को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम पर रोक लगा दी है और जल्द ही नए कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी।
भारत को मार्च 2014 में पोलियो मुक्त घोषित कर दिया गया था। पोलियो का आखिरी मामला 13 जनवरी 2011 में मिला था। इसके बाद लगातार तीनों तरह के पोलियो वायरस पर नजर रखी जा रही थी। पोलियो की दवा में इस खतरनाक वायरस का मिलना सरकार के लिए यह काफी चिंताजनक है।
पोलियो में पाये गए वायरस से शिशुओं को हो सकता है लकवापोलियो की खुराक में पी-2 वायरस (type 2-poliovirus) पाया गया है। इस वायरस से खतरनाक संक्रामक बीमारी 'पोलियोमाइलाइटिस' (Poliomyelitis) हो सकती है। इसे पोलियो या शिशु पक्षाघात (infantile paralysis) यानी शिशुओं को लकवा के रूप में भी जाना जाता है।
पोलियोवायरस के तीन सीरोटाइप हैं: पी 1, पी 2 और पी 3, यह बीमारी मुख्य रूप से पांच साल तक के बच्चों को प्रभावित करती है। सबसे दुखद यह है कि 70 फीसदी बच्चों में इसके शुरूआती लक्षण नजर नहीं आते हैं।
इस बात का रखें ध्यान
सरकार ने पल्स पोलियो कार्यक्रम पर फिलहाल रोक लगा दी है और इसके लिए नई तारिख की जल्द घोषणा की जाएगी. बावजूद इसके अगर घर, गली-मोहल्ले में कोई आपके बच्चे को पल्स पोलियो की खुराक पिलाने आता है, तो आपको सतर्क रहना चाहिए और किसी भी हाल में बच्चे को इस दवा से बचाना चाहिए।