नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि मोटापा हमारे देश के लिए बहुत बड़ा संकट बनता जा रहा है और इसके खिलाफ लड़ाई में सभी को योगदान देना चाहिए। मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले वर्षों में हर तीन में से एक व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त होगा और उन्होंने खाना पकाने के लिए 10 प्रतिशत कम तेल खरीदने के अपने पिछले सुझाव को दोहराया। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं फिटनेस की बात करता हूं, जब मैं खेलों की बात करता हूं, तो मैं आपके सामने चिंता का एक विषय भी रखना चाहता हूं।
मोटापा हमारे देश के लिए बहुत बड़ा संकट बनता जा रहा है और हमारे देश के प्रत्येक परिवार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। हमें मोटापे से खुद को बचाना होगा।’’ मोदी ने कहा, ‘‘इसलिए, कई कदम उठाने होंगे, लेकिन मैंने एक छोटा सा सुझाव दिया था कि हर परिवार ये संकल्प ले कि जब घर में खाना बनाने का तेल आए तो वह सामान्य से 10 प्रतिशत कम हो और उसके इस्तेमाल में भी 10 प्रतिशत की कटौती की जाये।’’ उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ने लोगों को चुपचाप बीमारी सहने की आदत से मुक्त किया है और उन्हें अच्छी स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने में मदद की है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब हम वरिष्ठ नागरिकों को उनकी स्वास्थ्य आवश्यकताओं के लिए 5,00,000 रुपये से अधिक की सहायता प्रदान करते हैं, तो यह उनकी भलाई के प्रति हमारी चिंता को दर्शाता है।’’ मोदी ने घरेलू औषधि नवाचार में भारत की बढ़ती क्षमता तथा नयी दवाओं, टीकों और जीवन रक्षक उपचारों को पूरी तरह से भारत में ही विकसित करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत में बनी पहली सेमीकंडक्टर चिप इस साल के अंत तक बाजार में आ जाएगी। मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि छह सेमीकंडक्टर इकाइयां पहले ही स्थापित हो चुकी हैं और चार नई इकाइयों को हरी झंडी मिल गई है।
उन्होंने कहा, ''इस साल के अंत तक भारत में बनी, भारत के लोगों द्वारा बनी चिप बाजार में आ जाएगी।'' सेमीकंडक्टर किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का प्रमुख घटक है, और मोबाइल फोन, कंप्यूटर, घरेलू उपकरणों और इलेक्ट्रिक वाहनों सहित विभिन्न उत्पादों में इनका इस्तेमाल किया जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में सेमीकंडक्टर के बारे में विचार 50-60 साल पहले शुरू हुआ था, लेकिन यह फाइलों में ही अटका रहा, जबकि कई देशों ने इसमें महारत हासिल कर ली है और दुनिया पर अपना दबदबा बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आज जो सेमीकंडक्टर दुनिया की ताकत बन गया है, उस पर 50-60 साल पहले विचार हुआ था, लेकिन फाइलें अटक गईं।
मोदी ने कहा, ''सेमीकंडक्टर के महत्वपूर्ण विचार की भ्रूण हत्या हो गई। देश ने 50-60 साल गंवा दिए। हमारे बाद, आज कई देशों ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में महारत हासिल कर ली है और अपनी ताकत को मजबूत कर लिया है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि वह लाल किले में किसी सरकार की आलोचना करने नहीं आए हैं, लेकिन युवाओं के लिए इस बारे में जानना भी जरूरी है।
उन्होंने कहा कि देश अब अतीत के बोझ से मुक्त हो चुका है और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में मिशन मोड में आगे बढ़ रहा है। भारत में सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करने का पहला ज्ञात प्रयास अमेरिकी भौतिक विज्ञानी और उद्यमी रॉबर्ट नॉयस ने 1960 के दशक के अंत में किया था। इससे पहले उन्होंने गॉर्डन मूर के साथ इंटेल की स्थापना की थी।
रविवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2030 तक दोगुने से भी अधिक बढ़कर 100-110 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस सप्ताह चार सेमीकंडक्टर संयंत्रों को मंजूरी दी थी, जिनमें अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनी इंटेल और लॉकहीड मार्टिन द्वारा समर्थित एक इकाई भी शामिल है।