बवासीर एक गंभीर बीमारी है जिसका मुख्य कारण कब्ज होता है। ज्यादा मसालेदार और बाहर के खाने से पेट में कब्ज होने लगती है, जो मल को अधिक शुष्क एवं कठोर करती है। इससे मल करते समय अधिक जोर लगना पड़ता है और बवासीर रोग हो जाता है। बवासीर दो तरह की होती है- खूनी बवासीर और बादी बवासीर। यदि मल के साथ खून बूंद-बूंद कर आये तो उसे खूनी बवासीर कहते हैं। यदि मलद्वार में सूजन हो जाएं और मल के साथ खून न आए तो उसे बादी बवासीर कहते हैं। वैसे तो बवासीर के लिए कई प्रभावी इलाज हैं लेकिन आप कुछ घरेलू उपायों के जरिए भी इस खतरनाक समस्या से राहत पा सकते हैं।
1) हारसिंगारहारसिंगार के 2 ग्राम फूलों को 30 ग्राम पानी में रात को भिगोकर रखें। सुबह फूलों को पानी में मसल कर छान लें और 1 चम्मच खांड़ मिलाकर खाली पेट खायें। रोज 1 सप्ताह खाने से बवासीर मिट जाती है। इतना ही नहीं, हारसिंगार के बीजों को छील लें। 10 ग्राम बीज में 3 ग्राम कालीमिर्च मिलाकर पीसकर गुदा पर लगाने से बादी बवासीर ठीक होती है।
2) कपूर कपूर, रसोत, चाकसू और नीम का फूल सबको 10-10 ग्राम कूट कर पाउडर बनालें। मूली को लम्बाई में बीच से काटकर उसमें सबके पाउडर को भरें और मूली को कपड़े से लपेटे तथा मिट्टी लगाकर आग में भून लें। भुन जाने पर मूली के ऊपर से मिट्टी और कपड़े को उतारकर उसे शिलबट्टे पर पीस लें और मटर के बराबर गोलियां बना लें। 1 गोली प्रतिदिन सुबह खाली पेट पानी से लेने पर1 सप्ताह में ही बवासीर ठीक हो जाती है।
3) मूलीमूली के 125 मिलीलीटर रस में 100 ग्राम जलेबी को मिलाकर एक घंटे तक रखें। एक घंटे बाद जलेबी को खाकर रस को पी लें। इस क्रिया को एक सप्ताह तक करने से बवासीर रोग ठीक हो सकता है।
4) रीठा या अरीठारीठा के छिलके को कूटकर आग पर जला कर कोयला बना लें। इसके कोयले के बराबर मात्रा में पपरिया कत्था मिलाकर चूर्ण बनाकर रखें। लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में लेकर मलाई या मक्खन में मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम खाने से मस्सों में होने वाली खुजली व जख्म नष्ट होते हैं। या रीठा के छिलके को जलाकर भस्म बनायें और 1 ग्राम शहद के साथ चाटने से बवासीर में खून का गिरना बन्द हो जाता है।
5) सूरन की सब्जीआपने जिमीकंद या सूरन की सब्जी का नाम जरूर सुना होगा। यह कद्दू के आकार की सब्जी है, जो आपको कहीं भी मिल सकती है। इसके लिए जिमीकंद को भूनकर पीसकर दही के साथ प्रतिदिन सेवन करने करना चाहिए। इससे बवासीर में खून का गिरना बंद हो जाता है। जिमीकंद के सेवन से पेट के कीड़े भी मरते हैं और कब्ज से राहत मिलती है।
6) कैस्टर ऑयल और ऑरेंज जूसएक चम्मच कैस्टर ऑयल और एक कप ऑरेंज जूस को अच्छी तरह मिक्स करके पी लें। इसे रोजाना एक बार करें। संतरे में मौजूद फाइबर और कैस्टर ऑयल में मौजूद लैक्सेटिव इफेक्ट मल को आसानी से निकालने में मदद करते हैं। इस प्रकार कब्ज से राहत मिलती है।
7) मेथी मेथी के भीगे हुए दाने बवासीर जैसी खतरनाक बीमारी को खत्म करने में मदद करते हैं। रोजाना सुबह यदि खाली पेट मेथी के दानों को चबाकर खाया जाए तो बवासीर को रोकने में काफी मदद मिलती है। इसके अलावा 5-5 ग्राम मेथी और सोया के दाने पीसकर सुबह-शाम पीने से भी ये रोग संतुलित रहता है। यदि आप मेथी के दानों का पेस्ट मस्सों पर लगाते हैं तो आपको जलन और खुजली में भी काफी राहत मिलेगी।