पाकिस्तान में HIV/Aids के मामले 57% बढ़े, जानिये देश में एड्स फैलने के 10 बड़े कारण
By उस्मान | Published: January 9, 2020 12:41 PM2020-01-09T12:41:53+5:302020-01-09T12:41:53+5:30
रिपोर्ट के अनुसार, देश में अपंजीकृत एचआईवी मामलों की अनुमानित संख्या 165,000 है।
पाकिस्तान में पिछले आठ वर्षों के दौरान एड्स के मामलों में 57 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह बात नेशनल एड्स कंट्रोल प्रोग्राम की एक रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, देश में अपंजीकृत एचआईवी मामलों की अनुमानित संख्या 165,000 है। अगर प्रांतों की बात की जाए, तो पंजाब प्रांत पूरे देश में कुल 36,902 एचआईवी/एड्स के मामलों की 50 प्रतिशत के साथ शीर्ष पर है। इसके बाद सिंध 43 प्रतिशत, खैबर पख्तूनख्वा 5 प्रतिशत और बलूचिस्तान 2 प्रतिशत के साथ टॉप पर हैं।
पंजाब प्रांत में डीजी खान डीएचक्यू अस्पताल में एड्स के 2805 पंजीकृत मरीज हैं, मेयो अस्पताल लाहौर में 2548, एलाइड अस्पताल फैसलाबाद में 2363, अजीज भट्टी शहीद अस्पताल गुजरात में 2,058, जिन्ना अस्पताल लाहौर में 1983, सिविल अस्पताल मुल्तान में 1425 और सर्विस अस्पताल लाहौर में 1015 मरीज सामने आए।
The percentage of AIDS cases has increased by 57pc in Pakistan during the last eight years with a death rate of 369pc.https://t.co/w4kH1JnI95
— Dawn.com (@dawn_com) January 9, 2020
चौंकाने वाली बात यह है कि पंजाब एड्स कंट्रोल प्रोग्राम (पीएसीपी) प्रांत में कुल 18,556 पंजीकृत रोगियों में से केवल 9,400 को उपचार प्रदान कर रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि कार्यक्रम ने एचआईवी/एड्स के साथ रहने वाले शीर्ष पांच प्रमुख आबादी को उनकी स्क्रीनिंग और उपचार के लिए लगातार अनदेखा किया। इनमें इंजेक्शन ड्रग यूजर्स, ट्रांसजेंडर, पुरुष और महिला सेक्स वर्कर, और ट्रक और बस ड्राइवर शामिल थे। पीएसीपी केवल सामान्य आबादी पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जो रिपोर्ट किए गए मामलों में वृद्धि के पीछे एक प्रमुख कारण थे।
पाकिस्तान में एड्स मामलों के बढ़ने का कारण
1) रैपिड डायग्नोस्टिक किट की कमी
पाकिस्तान की प्रमुख वेबसाइट डॉन की एक रिपोर्ट में, एक अधिकारी ने डॉन को बताया कि गंभीर स्थिति के बावजूद पंजाब सरकार द्वारा मरीजों की स्क्रीनिंग के लिए 100,000 रैपिड डायग्नोस्टिक किट की खरीद में विफलता के कारण पूरे सूबे में महामारी का खतरा बढ़ गया है।
2) पीएसीए की उदासीनता
उन्होंने कहा कि पंजाब एड्स कंट्रोल प्रोग्राम की उदासीनता भी देश में एचआईवी/एड्स के रोगियों के बढ़ने का कारण है।
3) रोकथाम उपायों की अवहेलना
इस्लामिक रिपब्लिक न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, बीमारी और एहतियाती उपायों की निरंतर अवहेलना ने एड्स को पाकिस्तान के दरवाजे पर ला दिया है।
4) गरीबी और अज्ञानता
गरीबी और अज्ञानता के कारण पाकिस्तान में एचआईवी/एड्स के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है।
5) नाकाम प्रयास
एनएसीपी द्वारा प्रमुख जनसंख्या समूहों के बीच बड़े कदम उठाने और विभिन्न प्रयासों के बावजूद, हाल के वर्षों में नए संक्रमण बढ़ गए हैं।
6) नीम-हकीमों से इलाज
पाकिस्तान में नीम-हकीमों द्वारा संक्रमित उपकरणों के इस्तेमाल करने से एड्स के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है।
7) जरूरी उपायों की कमी
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कई बार इसका विरोध किया है लेकिन सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाने का खामियाजा गरीब वर्ग के लोग भुगत रहे हैं।
8) इन्फेक्टेड सीरिंज का इस्तेमाल
कई रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही में पाकिस्तान के लरकाना इलाके में एचआईवी पॉजिटिव मामलों के बढ़ने के पीछे नीम-हकीमों द्वारा सीरिंज का इस्तेमाल प्रमुख कारण रहा।
9) जागरूकता की कमी
विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान में एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने की सख्त जरूरत है और यह समय बीमारी से निपटने के लिए है ताकि एक नई पीढ़ी संक्रामक तबाही से सुरक्षित रहे।
10) भय या शर्म
एड्स/एचआईवी के कुछ मरीज भय या शर्म के चलते एनएसीपी के साथ खुद को पंजीकृत करने में संकोच करते हैं।