PEDALLERCON 2023: बाल चिकित्सा की सब-स्पेशलिटी और सुपर- स्पेशलिटी आने वाले समय में सर्वश्रेष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ बनाएगी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 23, 2023 03:08 PM2023-09-23T15:08:27+5:302023-09-23T15:09:16+5:30

PEDALLERCON 2023: एलर्जी परीक्षण (इन-विवो और इन-विट्रो), फेफड़े का कार्य परीक्षण (इंपल्स ऑसिलोमेट्री, स्पाइरोमेट्री और FeNO) और एलर्जिक राइनाइटिस (नाक एंडोस्कोपी, रेडियोलॉजी, राइनोमेट्री) वर्कशॉप के विषयों में शामिल हैं। 

PEDALLERCON 2023 Sub-specialty and super-specialty of pediatrics will create best pediatricians in times to come | PEDALLERCON 2023: बाल चिकित्सा की सब-स्पेशलिटी और सुपर- स्पेशलिटी आने वाले समय में सर्वश्रेष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ बनाएगी

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Highlightsबाल रोग विशेषज्ञ गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट के रूप में अपने दिनों को याद किया।भारत में ही नही बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी, बाल चिकित्सा में विशेषज्ञता का अभाव था।

जयपुर: इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (PEDALLERCON 2023) द्वारा आयोजित दो दिवसयीय (22 व 23 सितम्बर) 'नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ पीडियाट्रिक एलर्जी एंड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी' का 11वां संस्करण, जयपुर में आयोजित होने के साथ ही एक महत्वपूर्ण प्रभाव डालने के लिए तैयार है।

इस वर्ष की थीम है "सभी के लिए एलर्जी को सरल बनाना" यह सम्मेलन बाल चिकित्सा एलर्जी और इम्यूनोलॉजी के क्षेत्र में बाल रोग विशेषज्ञों, चिकित्सकों, शोधकर्ताओं की एक विविध और सम्मानित सभा को एक साथ लाने के लिए तैयार है। 

सम्मेलन में प्रमुख विषयों पर चर्चा व वर्कशॉप आयोजित की जायेंगी, पहले दिन के प्रमुख विषयों में "हरित पर्यावरण स्वस्थ बच्चे", पर्यावरण प्रदूषण एवं एलर्जी, इंट्रानैसल कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स: कब रोकें, एलर्जी रोग और अस्थमा के लिए प्रासंगिकता, ड्रग एलर्जी - वैयक्तिकृत दृष्टिकोण एलर्जी बनाम गैर एलर्जिक रही।

वहीं दूसरी और एलर्जी परीक्षण (इन-विवो और इन-विट्रो), फेफड़े का कार्य परीक्षण (इंपल्स ऑसिलोमेट्री, स्पाइरोमेट्री और FeNO) और एलर्जिक राइनाइटिस (नाक एंडोस्कोपी, रेडियोलॉजी, राइनोमेट्री) वर्कशॉप के विषयों में शामिल हैं। 

सम्मानित अतिथियों में पी.ए.ए.आई (पीडियाट्रिक एलर्जी एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के अध्यक्ष डॉ. जोस ओ, पीएएआई के सचिव- डॉ. कृष्ण मोहन आर, पी.ए.ए.आई के कोषाध्यक्ष डॉ. उप्पिन नारायण रेड्डी, आयोजन अध्यक्ष- डॉ. तरुण पाटनी, डॉ. शामिल रहे ।

कांफ्रेंस के मुख्य अतिथि के तौर पर प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ व निम्स विश्वविद्यालय के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ.बी.एस.तोमर ने युवा बाल रोग विशेषज्ञों को संबोधित किया। उन्होंने निम्स विश्वविद्यालय की स्थापना और विकास के दौरान बाल रोग विशेषज्ञ गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट के रूप में अपने दिनों को याद किया।

युवा बाल रोग विशेषज्ञों की सभा को संबोधित करते हुए, उन्होंने बाल चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय परिवर्तन पर विचार रखते हुए कहा, चार दशक पहले, भारत में ही नही बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी, बाल चिकित्सा में विशेषज्ञता का अभाव था।

डॉ.तोमर ने प्रत्येक युवा बाल रोग विशेषज्ञ को अपने समर्पण को एक कदम आगे ले जाने और बाल चिकित्सा के इंटरनल डेवलपमेंट में सक्रिय रूप से योगदान करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने एक मूल्यवान मंत्र देते हुए कहा, "मेरा लक्ष्य कभी भी केवल अर्निंग पर केंद्रित नहीं था; मेरा लक्ष्य हमेशा आगे बढ़ते रहना था।

इसलिए आप लर्निंग पर ज्यादा ध्यान दे, आप अपने शुरूआती दिनों में चुनोतियों से घबरा सकते हैं लेकिन मेरा मानना है की चुनौतियाँ आपको लक्ष्य के ओर करीब ले जाती हैं, तो आप कभी चुनौतियों से घबराएं नहीं, मनुष्य स्वाभाविक रूप से अपने लक्ष्यों के प्रति अग्रसर होता है, इसलिए “अच्छे समय का इंतज़ार करने के बजाय, एक्शन लें और समय को आपके प्रयासों का जवाब देने दें”। 

उन्होंने गर्व के साथ निम्स विश्वविद्यालय के विकास को स्वीकार किया, जो अब बाल चिकित्सा की कई विशिष्ट शाखाओं सहित शैक्षणिक विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करता है। डॉ. तोमर ने पीडियाट्रिक्स क्षेत्र के ट्रांसफॉर्मेशन को रेखांकित किया।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि एलर्जी इम्यूनोलॉजी अंततः बाल चिकित्सा के क्षेत्र में अलग-अलग शाखाओं में विकसित होगी, जो आज उपलब्ध प्रगति और अवसरों को प्रतिबिंबित करेगी। कांफ्रेंस में सम्मानित अतिथि, प्रेसिडेंट एलेक्ट (आई.ए.पी)- डॉ. जी वी बसवराज ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, "एलर्जी चैप्टर (ब्रांच) की सदस्यता बढ़ रही है।

इसके सदस्य प्रयासों में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं और सहायक हैं। एलर्जी चैप्टर के भीतर पहल तेज होने जा रही है, जिसमें बाल चिकित्सा में सामान्य मुद्दों को संबोधित करने वाले वेबिनार की एक श्रृंखला भी शामिल है।" आप सभी इस पर काम करें और रिसर्च के माध्यम से भारत के पीडियाट्रिक क्षेत्र को एक नयी दिशा प्रदान करें”।

अंत में, कांफ्रेंस के दुसरे दिन के विषयों को बताया गया, जिसमें फ़ूड एलर्जी - वर्तमान, चुनौतियाँ, सिफ़ारिश और भविष्य की योजनाएँ, डिस्बिओसिस और माइक्रोबायोटा, एनाफिलेक्सिस - ओपीडी टू पीआईसीयू, पुरानी खांसी - एक बाल रोग विशेषज्ञ के लिए सबसे बड़ा कारक और मैनेजमेंट शामिल रहे ।

गणमान्य अतिथियों में संजीव गुप्ता, आयोजन सचिव, डॉ. मोहित पोद्दार, कोषाध्यक्ष, डॉ. मनीष शर्मा, संयोजक, डॉ. राजीव के बंसल, वैज्ञानिक अध्यक्ष, और डॉ. आलोक गुप्ता, वैज्ञानिक सह-अध्यक्ष मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त, आई.ए.पी जयपुर शाखा के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

जिनमें अध्यक्ष डॉ. राम बाबू शर्मा, मानद सचिव डॉ. संजीव गुप्ता और कोषाध्यक्ष डॉ. मोहित वोहरा शामिल थे, जिन्होंने आयोजन के महत्व में योगदान दिया। कांफ्रेंस का पहला दिन बाल चिकित्सा एलर्जी और इम्यूनोलॉजी के भविष्य पर केंद्रित रहा, जिसमें क्षेत्र के भीतर निरंतर अनुसंधान, इनोवेशन और फील्ड एक्सपर्ट्स की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) के बारे में : 

1963 में स्थापित, इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) मुंबई में स्थित 32,000 से अधिक बाल रोग विशेषज्ञों का एक राष्ट्रीय संगठन है। अकादमी सभी बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है, और इस उद्देश्य के लिए अपने संसाधनों को समर्पित करती है।

यह 5 ज़ोन में 30 राज्य शाखाओं और 329 जिला/शहर शाखाओं के साथ अच्छी तरह से संरचित है, और इसने अपने 20 उप-विशेषता अध्यायों और 8 उप-विशेषता समूहों के माध्यम से बाल चिकित्सा में विभिन्न प्रकार की विशिष्टताओं को बढ़ावा दिया है। IAP अपने आकार और प्रतिनिधित्व के कारण भारत में अन्य चिकित्सा विशेषज्ञता संगठनों से अलग है।

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