भारत में केवल 45 फीसदी लोग प्रतिदिन दो बार दांतों की सफाई करते हैं

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 17, 2023 02:46 PM2023-04-17T14:46:17+5:302023-04-17T14:51:34+5:30

ओरल हेल्थ ऑब्जर्वेटरी (ओएचओ) द्वारा किये गये पायलट सर्वे के अनुसार ज्यादातर भारतीय एक दिन दो बार ब्रश नहीं करते हैं। भारत में ज्यादातर दांतों के मरीज मुख्य रूप से नाश्ते से पहले दांतों को ब्रश करते हैं, जबकि कोलंबिया, इटली और जापान में लोग खाने के बाद अपने दांतों को साफ करने पर ध्यान देते हैं।

Only 45% of people in India brush their teeth twice a day | भारत में केवल 45 फीसदी लोग प्रतिदिन दो बार दांतों की सफाई करते हैं

फाइल फोटो

Highlights भारत में अधिकांश लोग दांतों की सफाई पर ध्यान नहीं देते हैं, जिसके कारण वो बीमार रहते हैंओरल हेल्थ ऑब्जर्वेटरी के अनुसार ज्यादातर भारतीय एक दिन दो बार ब्रश नहीं करते हैंभारत में ज्यादातर दांत के मरीज मुख्य रूप से नाश्ते से पहले अपने ही दांतों को ब्रश से साफ करते हैं

दिल्ली: भारत में अधिकांश लोग अपने दांतों की रोजाना सफाई पर ठीक से ध्यान नहीं देते हैं। ओरल हेल्थ ऑब्जर्वेटरी (ओएचओ) द्वारा किये गये पायलट सर्वे के अनुसार ज्यादातर भारतीय एक दिन दो बार ब्रश नहीं करते हैं। सर्वे में न केवल भारत बल्कि अन्य छह देशों का अध्ययन करके डेटा दिया गया है। जिसके अनुसार चीन, कोलंबिया, इटली और जापान के सर्वे में शामिल लोगों में 78 से 83 फीसदी लोगों ने बताया कि वो प्रतिदिन दो बार ब्रश करते हैं, लेकिन भारत में यह आंकड़े महज 45 फीसदी है।

ओएचओ के अध्ययन में पाया गया कि चीन और भारत में ज्यादातर जो दांतों के मरीज़ मिले। वो मुख्य रूप से नाश्ते से पहले अपने दांतों को ब्रश से साफ करते हैं, जबकि कोलंबिया, इटली और जापान में लोग खाने के बाद अपने दांत साफ करने पर ज्यादा ध्यान देते हैं। ओरल हेल्थ ऑब्जर्वेटरी का यह सर्वे इंटरनेशनल डेंटल जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

इस सर्वे में बताया गया है कि चीन और भारत में ज्यादातर दांत के रोगी दंत चिकित्सकों के पास नहीं जाते हैं। अध्ययन में कहा गया है कि दंत चिकित्सक से न मिलने का सबसे आम कारण गंभीर समस्याएं न होना या बहुत व्यस्त होना और दंत चिकित्सकों से डरना या पसंद न करना पाया गया है।

इस सर्वे के संबंध में मुंबई के पेरियोडोंटिक्स डॉक्टर राजीव चिटगुप्पी ने कहा, "भारतीय लोग अपने मौखिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता नहीं देते हैं। जब तक कि उन्हें कोई विशेष समस्या नहीं उत्पन्न होती। तब तक वे इसे बहुत सामान्य तरीके से लेते हैं। इसका मुख्य कारण लोगों में जागरूकता की कमी और दूसरा दांतों को स्वास्थ्य प्राथमिकता में कम ध्यान देना है और इसी कारण ज्यादातर लोगों को दांतों की समस्या का सामना करना पड़ता है।"

डॉक्टर चिटगुप्ती ने कहा, "कई मरीज़ दंत चिकित्सों की सलाह पर दिन में दो बार ब्रश करना शुरू करते हैं। हालांकि वो इस सलाह को बहुत दिनों तक लागू नहीं कर पाते हैं।"

ओएचओ के अध्ययन में कहा गया है कि जापान को छोड़कर ज्यादातर मरीजों ने अपने मौखिक स्वास्थ्य के अच्छे या बहुत अच्छे होने का दावा किया। अस्सी प्रतिशत जापानी रोगियों ने अपने मौखिक स्वास्थ्य को खराब या बहुत खराब बताया। जापान में पिछले 12 महीनों में अधिकांश दंत रोगियों ने दातों में दर्द या खाने या चबाने में कठिनाई की शिकायत की।

Web Title: Only 45% of people in India brush their teeth twice a day

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