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Nipah Virus: केरल में ही क्यों फैला निपाह वायरस? जानें एक्सपर्ट्स क्यों मानते हैं इसे खतरनाक बीमारी

By अंजली चौहान | Updated: September 17, 2023 13:23 IST

निपाह वायरल एंटीबॉडीज़ कम से कम 10 अन्य राज्यों के फल चमगादड़ों की आबादी में मौजूद हैं। लेकिन केवल केरल में ही लगभग हर साल निपाह का प्रकोप देखा जाता है।

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ठळक मुद्देकेरल में फैल रहा निपाह वायरस राज्य में कोरोना वायरस जैसी पंबादियांलोगों को मास्क लगाने और सामाजिक दूरी रखने के निर्देश दिए गए हैं।

Nipah Virus:भारत के दक्षिण राज्य केरल में निपाह वायरस के कारण दहशत का माहौल है। इस वायरस की चपेट में आकर राज्य में मौतें दर्ज की गई है और करीब छह मामले सामने आए हैं।

निपाह वायरस को फैलने से रोकने के लिए कोरोना की तरह ही लॉकडाउन और वैसे ही प्रतिबंध का सहारा लिया जा रहा है। जगह-जगह कोविड जैसे नियंत्रण क्षेत्र बनाए गए हैं।

शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं, उच्च जोखिम वाले रोगियों को अपने घरों से बाहर नहीं निकलने के लिए कहा गया है। सख्त रोकथाम उपायों के अलावा, सरकार इलाज पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है क्योंकि भारत ने इलाज के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की खरीद के लिए ऑस्ट्रेलिया से संपर्क किया है।

राज्य प्रशासन ने लोगों से मास्क लगाने और समाजिक दूरी बनाए रखने की अपील की है। वैसे तो इस बीमारी में कोरोना की तरह की रोकथाम को असरदार बताया गया है लेकिन यह अभी भारत के अन्य राज्यों में नहीं फैला है।

निपाह वायरस के चलते केरल स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है वहीं वायरस की अभी तक कोई वैक्सीन न होने के कारण मुश्किलें और बढ़ गई है। 

केरल में कैसे फैला निपाह?

गौरतलब है कि केरल में निपाह का पहला प्रकोप 2018 में हुआ था। 2018 से पहले, भारत में निपाह का दो और प्रकोप देखा गया था लेकिन दोनों पश्चिम बंगाल में थे। 2018 के बाद, निपाह के सभी प्रकोप केवल केरल से रिपोर्ट किए गए।

2019 में एर्नाकुलम में एक मामला सामने आया था। 2021 में कोझिकोड में निपाह से एक मौत हुई थी। निपाह एक जूटोनिक वायरस है और जानवरों और लोगों के बीच फैल सकता है।

भारतीय मेडिकल एसोसिएशन सार्वजनिक स्वास्थ्य स्थायी समिति के अध्यक्ष डॉ ए अल्थफ ने कहा कि किसी व्यक्ति को यह वायरस संक्रमित फल, जानवर या किसी अन्य संक्रमित व्यक्ति से मिल सकता है।

हालाँकि, अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि पहले व्यक्ति को निपाह कैसे हुआ। उन्होंने कहा, "केरल में निपाह वायरस का पहला प्रकोप मई 2018 में हुआ था।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम अभी भी नहीं जानते हैं कि प्राथमिक मामले में यह बीमारी कैसे फैली। यह मुख्य पहलू है जिस पर हमें अभी ध्यान देना है।" 

उन्होंने बताया कि पहला संक्रमण प्रकृति से फैला लेकिन यह ज्ञात नहीं है कि यह चमगादड़ था या कोई अन्य जानवर या फलों से।

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा कि वर्तमान प्रकोप 2018 जितना डरावना नहीं है जब राज्य को संक्रमण से लड़ने का कोई अनुभव नहीं था।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि निपाह वायरस नौ राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में चमगादड़ों की आबादी के बीच फैल रहा है।

निपाह वायरल एंटीबॉडीज केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय और पांडिचेरी में पाए गए। इसके बावजूद ये केरल में ही फैल रहे हैं। 

केरल में ही क्यों आ रहे केस?

निपाह वायरस के केवल केरल में फैलने के कारणों पर विशेषज्ञों ने कई तर्क दिए हैं। निपाह वायरस संभवतः केरल के चमगादड़ों की आबादी में स्थानिक हो गया है।

निपाह फैलने का एक अन्य सांस्कृतिक कारण ताजा ताड़ी या मीठे पेड़ का रस पीने का रिवाज है जो संक्रमित चमगादड़ों से दूषित हो सकता है। विशेषज्ञों ने इस संभावना से इंकार नहीं किया है कि निपाह का अन्य राज्यों में पता नहीं चल सका है।

टॅग्स :निपाह वायरसNipah Kerala CentralभारतHealth and Family Welfare Department
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