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शुगर लेवल स्थिर रखने और हड्डियों की मजबूती के लिए खाएं राजमा, डायबिटीज में भी देता है राहत; जानें इसकी खास खूबियां

By आजाद खान | Updated: January 17, 2022 19:03 IST

जानकार बताते है कि राजमा डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी लाभदायक होता है। इससे उनका शरीर भी फिट रहता है।

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ठळक मुद्देराजमा में भरपूर फाइबर और प्रोटीन होता है जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम होता है जो हड्डियां को मजबूत करता है।इससे आपका शुगर लेवल भी बरकरार रहता है।

Benefits of Eating Rajma: राजमा सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। पोषण विशेषज्ञ का कहना है कि डायबिटीज के मरीज अगर इसे कम चावल या थोड़ी सी रोटी के साथ खाते हैं तो इससे उनका हेल्थ काफी अच्छा रहता है और उनके लिए यह एक हेल्थी मिल साबित होता है। उनका यह भी कहना है कि इसका फाइबर और प्रोटीन आपके शुगर लेवल को बरकरार रखता है जिससे आप स्वस्थ महसूस करते हैं। इससे आपका वजन भी घटता है और हड्डियां भी मजबूत होती है। जानकारों का कहना है कि राजमा न केवल आपके टेस्ट को बढ़ाता है बल्कि यह आपको फिच भी रखता है। तो ऐसे में आइए जानते हैं कि राजमा के इस्तेमाल से हमारे शरीर को क्या फायदा है और इसमें कितने पोषण हैं।

इस पर बोलते हुए पोषण विशेषज्ञ भुवन रस्तोगी का कहना है, "प्रोटीन और फाइबर राजमा में ज्यादा पाए जाते है। 30-40% कार्ब्स ऐसे होते हैं जो धीमी गति से पचते हैं। यही कारण है कि राजमा में सभी फूड के मुकाबले सबसे कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स है, और यह डायबिटीज के मरीजों के लिए सबसे अच्छा फूड माना जाता है।"

राजमा के फायदे

राजमा के इस्तेमाल के कई फायदे हैं। इसलिए हमें इसे अपने डाइट में शामिल कर लेना चाहिए।

राजमा में बहुत ज्यादा फाइबर और प्रोटीन पाए जाते है जिसके लगातार इस्तेमाल से आपका वजन भी घटता है। इसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम भी होता है जो आपकी हड्डियों को मजबूत करता है।यही नहीं यह ऑस्टियोपोरोसिस को भी रोकने में मदद करता है। 

राजमा में कौन कौन से पोषण पाए जाते हैं-

जब आप 1कप (यानी 240 मिली) पकी हुई राजमा को खाते है तो आपको-

15 ग्राम प्रोटीन (अंडे की सफेदी के समान) का पोषण मिलता है। 1 ग्राम से कम अपका फैट मिलता है।11 ग्राम का फाइबर आपके शरीर में जाता है।29 ग्राम कार्ब्स (माइनस फाइबर) भी मिलता है। 

रस्तोगी यह भी कहती है, "राजमा में मौजूद उच्च फाइबर आंत के बैक्टीरिया को बढ़ाने और आंत के स्वास्थ्य में सुधार के लिए एक प्रीबायोटिक के रूप में काम करता है। भारतीयों के लिए आईसीएमआर दिशानिर्देशों के अनुसार, हमें हर दिन लगभग 25 से 30 ग्राम फाइबर की आवश्यकता होती है। फाइबर मल मार्ग से संबंधित मुद्दों को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाता है।" 

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