साल 2020 में सिर्फ कोरोना ने नहीं, इन 6 खतरनाक वायरस ने भी मचाया हंगामा, छठा वायरस कोविड-19 के टक्कर का
By उस्मान | Published: December 17, 2020 03:29 PM2020-12-17T15:29:41+5:302020-12-21T15:01:03+5:30
साल 2020 स्वास्थ्य के लिहाज से बिल्कुल भी ठीक नहीं रहा, जानिये किन-किन बी बीमारियों ने लोगों को सताया
साल 2020 खत्म होने वाला है और नया साल 2021 जल्द दस्तक देने वाला है। अगर बात की जाए साल 2020 की तो यह साल किसी भी तरह से लोगों के लिए सही नहीं रहा है। यह साल अपने साथ कई बीमारियां और मुसीबतें लेकर आया।
इस साल सबसे बड़ी मुसीबत कोरोना वायरस महामारी रही। चीन से निकले इस खतरानाक वायरस से दुनियाभर में अब तक लगभग साढ़े सात करोड़ लोग संक्रमित हो गए और 1.65 लाख लोगों की मौत हो गई है। फिलहाल इसका खतरा कम होता नहीं दिख रहा है।
ऐसा नहीं है कि इस साल सिर्फ कोरोना वायरस से तबाही मचाई है बल्कि ऐसे कई खतरनाक वायरस सामने आए जिन्होंने वैज्ञानिकों को सोचने पर मजबूर कर दिया। हम आपको इस साल तबाही मचाने वाले कुछ वायरस के बारे में बता रहे हैं।
Chapare virus
वैज्ञानिकों ने साउथ अमेरिका में एक घातक वायरस की खोज की थी, जो एक मानव से दूसरे में फैल सकता है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के शोधकर्ताओं के अनुसार, पिछले साल इस वायरस से दो मरीजों ने तीन स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमित किया था। यह दुर्लभ वायरस हेमोग्लोबिक बुखार का कारण बनता है जैसे इबोला। इसे Chapare virus का नाम दिया गया था।
Cat Que Virus
कोरोना वायरस संकट के बीच चीन में एक और खतरनाक वायरस का पता चला। आईसीएमआर ने इसे 'कैट क्यू वायरस' (Cat Que Virus) यह वायरस आर्थ्रोपोड-जनित वायरस की श्रेणी में आता है। ये क्यूलेक्स नाम के मच्छरों के अलावा सूअर में भी पाया जाता है। CQV मनुष्यों में ज्वर की बीमारी, मेनिन्जाइटिस और पेडियेट्रिक इन्सेफेलाइटिस का कारण बन सकता है।
G4 Swine Flu
चीन के शोधकर्ताओं ने एक नए प्रकार का स्वाइन फ्लू पाया। अमेरिकी विज्ञान पत्रिका पीएनएएस में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार नए फ्लू की उत्पत्ति H1N1 स्ट्रेन से हुई है जिसने 2009 में एक महामारी को जन्म दिया था। नए स्ट्रेन को G4 कहा जाता है।
SFTS Virus
इस साल चीन में एक और नया वायरस पाया गया था जिसका SFTS Virus था। इस टिक-बोर्न वायरस से होने वाली एक नई संक्रामक बीमारी ने सात लोगों की जान ले ली। यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है। इसका पूरा नाम सेवेर फीवर विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम वायरस (SFTSV) है, जो ब्युनवीरिडे फैमिली में एक नोवेल फेलोबोवायरस है। इस वायरस की पहचान सबसे पहले चीन में 2010 में हुई थी।
D614G वायरस
मलेशिया में कोरोना वायरस के एक नए प्रकार का पता चला है जो कोरोना से 10 गुना अधिक संक्रामक है। इस तरह के वायरस दुनिया के कुछ अन्य इलाकों में भी देखे गए थे जिसका नाम D614G दिया गया था। वास्तव में मलेशिया में यह कोरोना वायरस 45 केस के एक क्लस्टर में 3 लोगों में मिला है। कई स्टडी से यह पता चला है कि इस वायरस पर किसी भी मौजूदा टीके का असर नहीं हो रहा है।
कोरोना जैसा नया वायरस
वैज्ञानिकों ने जापान में हाल ही में एक नए प्रकार के वायरस की खोज की। यह वायरस कोरोना की तरह है। शोधकर्ताओं ने सात साल पहले जापान में एक गुफा में एकत्र किए गए छोटे घोड़े की नाल के चमगादड़ों की बूंदों में निहित एक वायरस के जीन की विस्तार से जांच की और पाया कि यह जीन कोरोना वायरस के अनुरूप 81.5% है। वैज्ञानिकों का कहना है कि नया वायरस मनुष्यों को संक्रमित नहीं करता है, हालांकि आगे की जांच की आवश्यकता है।