एमाआरआई स्कैन से लगाया जा सकेगा भूलने वाली बीमारी डिमेंशिया के लक्षणों का पता
By भाषा | Updated: November 26, 2018 16:41 IST2018-11-26T16:41:48+5:302018-11-26T16:41:48+5:30
डिमेंशिया मस्तिष्क की वह स्थिति है जिसमें किसी भी व्यक्ति के लिए कुछ भी याद रखना, समझ सकना आदि मुश्किल हो जाता है। याददाशत कमजोर होने की वजह से पीड़ित कभी-कभी यह भी भूल जाते हैं कि वे किस शहर में हैं, या कौन सा साल या महीना चल रहा है।

फोटो- पिक्साबे
डिमेंशिया या मनोभ्रंश एक भयानक रोग है इसे अनदेखा न करें। डिमेंशिया मस्तिष्क की वह स्थिति है जिसमें किसी भी व्यक्ति के लिए कुछ भी याद रखना, समझ सकना आदि मुश्किल हो जाता है। याददाशत कमजोर होने की वजह से पीड़ित कभी-कभी यह भी भूल जाते हैं कि वे किस शहर में हैं, या कौन सा साल या महीना चल रहा है। बोलते हुए उन्हें सही शब्द नहीं सूझता। अक्सर लोग डिमेंशिया और अल्जाइमर को एक ही बीमारी समझते हैं। आपको बता दें कि अल्जाइमर एक ऐसा रोग है जिससे मस्तिष्क में हानि होती है, और डिमेंशिया के लक्षण होते हैं। यह डिमेंशिया का सबसे आम कारण है, पर डिमेंशिया अन्य रोगों के कारण भी हो सकता है।
अमेरिका में वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया है कि मस्तिष्क के एमआरआई स्कैन से पता लगाया जा सकेगा कि व्यक्ति को अगले तीन वर्ष में डिमेंशिया होने की आशंका तो नहीं है। इसका मतलब है कि विकार के लक्षण नजर आने से पहले ही इसके जोखिम का अनुमान लगाया जा सकता है।डिमेंशिया का अनुमान लगाने के लिए मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) का इस्तेमाल किया। यह अनुमान 89 फीसदी सटीक रहा।
वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर सायरस ए राजी ने कहा, 'वर्तमान में यह कहना मुश्किल है कि सोचने समझने की सामान्य क्षमता या कम क्षमता वाले बुजुर्ग व्यक्ति को यह विकार हो सकता है या नहीं।' उन्होंने कहा, 'हमने बताया कि केवल एक एमआरआई स्कैन से 2.6 वर्ष पहले ही डिमेंशिया के जोखिम का पता लगाया जा सकता है। इससे चिकित्सक समयपूर्व अपने मरीजों को सलाह दे सकेंगे और उनकी देखरेख कर सकेंगे।'
शोधकर्ता कहते हैं कि अल्जाइमर रोग को रोकने या टालने के लिए अभी भी कोई दवा नहीं है लेकिन डिमेंशिया के उच्च जोखिम वाले लोगों की पहचान करना फिर भी लाभकारी साबित हो सकता है। इससे लोग सेहतमंद रहने के दौरान ही आगामी खतरे को भांपते हुए अपने आर्थिक और रहन-सहन संबंधी बंदोबस्त कर सकते हैं।
डिमेंशिया होने के कारण
डिमेंशिया होने के दो प्रमुख कारण है- पहला है मस्तिष्क की कोशिकाओं का नष्ट हो जाना। दूसरा उम्र के साथ मस्तिष्क की कोशिकाओं का कमजोर होना। कई बार सिर पर कोई गंभीर चोट लगने से भी डिमेंशिया कि समस्या हो जाती है। ब्रेन ट्यूमर, अल्जाइमर जैसी दिमागी बीमारी से मस्तिष्क के सेल्स नष्ट हो जाते हैं, जिससे व्यक्ति को डिमेंशिया हो जाता है।
डिमेंशिया के लक्षण
- जरूरी चीजें भूल जाना (जैसे, नाश्ता करा था या नहीं)
- पार्टी का आयोजन न कर पाना, छोटी छोटी समस्याओं को भी न सुलझा पाना
- रोजाना के काम करने में दिक्कत महसूस करना
- गलत किस्म के कपड़े पहनना, कपड़े उलटे पहनना
- तारीख भूल जाना
- किस घर में हैं, किस शहर में हैं, किस देश में भूल जाना
- चित्र देखकर यह न समझ पाना कि यह क्या है
- नंबर जोड़ने और घटाने में दिक्कत
इन योगासन से दूर हो सकते हैं डिमेंशिया के लक्षण
1) उष्ट्रासन
उष्ट्रासन से ब्लड फ्लो बढ़ता है। इस आसन से रीढ़ में से गुजरने वाली स्त्रायु कोशिकाओं में तनाव पैदा होता है। यही वजह है कि यह आसन ब्लड फ्लो में सुधार करने और याददाश्त तेज करने में सहायक है। रोजाना तीन मिनट करने से आपको काफी लाभ हो सकता है।
2) चक्रासन
इस आसन से ब्रेस सेल्स में ब्लड फ्लो बढ़ता है। इससे मस्तिष्क की पीयूष ग्रंथि से निकलने वाला हार्मोन दिमाग की कार्यक्षमता को बढ़ाता है। यही वजह है कि नियमित अभ्यास आंख, मस्तिष्क आदि में लाभदायक होता है।

