'अभी तो मैं जवान हूं' कहने वाले धर्मपाल गुलाटी का कैसे हुआ निधन, जानिये 98 साल की उम्र में भी कैसे रहते थे हेल्दी और फिट
By उस्मान | Published: December 3, 2020 10:48 AM2020-12-03T10:48:50+5:302020-12-03T11:00:35+5:30
धर्मपाल गुलाटी विज्ञापनों में भी येही कहते थे, 'अभी तो मैं जवान हूं'
आपने टीवी पर एमडीएच मसाले के कई विज्ञापन देखे होंगे। इन सभी विज्ञापन में लाल पगड़ी लगाए और हाथ में लाठी लिए हुए एक बूढ़ा व्यक्ति नजर आता था। यह व्यक्ति कोई और नहीं, एमडीएच मसाले कंपनी का मालिक था, जिसका नाम 'महाशय' धर्मपाल गुलाटी था।
धर्मपाल गुलाटी का गुरुवार सुबह निधन हो गया है। वे 98 साल के थे। गुलाटी का पिछले तीन हफ्तों से दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। बताया जा रहा है कि उनकी मौत हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा पड़ने से हुई है।
उम्र के इस पड़ाव में भी ऊर्जावान थी और अभी तक कई विज्ञापनों में दिखाई देते थे। उन्हें देखकर किसी को यकीन नहीं होता था कि इस उम्र में भी कोई इतना एक्टिव और फिट रह सकता है। लेकिन यह सच है।
हां, एक बार बीच में उनकी मौत की अफवाह उड़ी थी लेकिन उनके बारे में किसी गंभीर बीमारी की खबरें शायद ही किसी ने सुनी हों। वास्तव में वो एक प्रेरणा थे कि जीवन को हेल्दी तरीके से कैसे जिया जाता है।
ऐसे हालातों में जहां कोरोना वायरस, प्रदूषण और तमाम तरह की बीमारियां इंसान पर हावी हो रही हैं, वहां जीवन के 98 बसंत देखना हर किसी को नसीब नहीं होता है। चलिए जानते हैं कि उनकी सेहत का क्या राज था।
इंडिया टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, धर्मपाल जी को ट्रैक सूट पहनने बहुत पसंद था। बेशक वो स्पोर्ट्स पर्सन नहीं थे लेकिन ट्रैक सूट पहनकर हमेशा रनिंग के लिए जाते थे। वो रोजाना फिजिकल एक्टिविटी किया करते थे।
नियमित रूप से जाते थे सैर पर
अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार, उनकी लंबी उम्र का राज उनकी अच्छी डाइट और रोजाना की जाने वाली एक्सरसाइज थी। वो कहते थे, "मैं बुड्ढा नहीं हूं, जवान हूं।
डाइट का रखते थे ध्यान
एनबीटी के अनुसार, रोजाना सुबह 4 बजे उठकर पंजाबी बीट्स पर डंबल से कसरत करते थे, फिर फल खाते थे। इसके बाद नेहरू पार्क में सैर करने जाते थे, दिन पराठों के साथ गुजरता था, शाम होते ही दोबारा सैर पर निकलते थे और फिर रात में मलाई और रबड़ी का दौर शुरू होता था।
पाकिस्तान में हुआ जन्म
'महाशय' के नाम से मशहूर गुलाटी का जन्म 1919 में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था। उनका पालन-पोषण पाकिस्तान में ही हुआ था। सियालकोट में उनके पिता ने साल 1919 में 'महाशिया दी हट्टी' नाम से एक मसाले की दुकान खोली।
उनके पिता यहां पर मसाले बेचा करते थे। विभाजन के बाद भारत आया परिवार, पिता के पैसे से खरीदा तांगा
विज्ञापन में ऐसे आना हुआ
गुलाटी का एमडीएच के विज्ञापन में आना भी पहले से निश्चित नहीं था। पहले उसमें लड़की के पिता का अभिनय कोई और करने वाला था। लेकिन जब ऐसा मुमकिन नहीं हुआ तो गुलाटी ने ये अभिनय किया।