खुशखबरी! मलेरिया से लड़ने वाला दुनिया का पहला टीका विकसित, WHO ने दी मंजूरी, हर साल बच सकेगी 23 हजार बच्चों की जान

By उस्मान | Published: October 7, 2021 07:45 AM2021-10-07T07:45:18+5:302021-10-07T07:56:43+5:30

यह सिर्फ मलेरिया के लिए नहीं बल्कि किसी भी परजीवी बीमारी के लिए पहला विकसित किया गया टीका है

Malaria Vaccine: world health organization approved world first Malaria vaccine Mosquirix, facts about Mosquirix in Hindi | खुशखबरी! मलेरिया से लड़ने वाला दुनिया का पहला टीका विकसित, WHO ने दी मंजूरी, हर साल बच सकेगी 23 हजार बच्चों की जान

मलेरिया की वैक्सीन

Highlightsवैज्ञानिकों ने बीमारी को रोकने में मदद करने के पहला टीका विकसित किया वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने मंजूरी दे दी हर साल 23,000 बच्चों को मौत से बचा सकता है

मलेरिया सबसे पुराने और घातक संक्रामक रोगों में से एक है। यह एक ऐसी गंभीर बीमारी है जो दुनियाभर में हर साल हजारों बच्चों की मौत का कारण बनती है. इसके लिए अब तक कोई टीका नहीं था। लेकिन अब दुनिया ने मलेरिया से लड़ने के लिए एक नया हथियार मिल गया है।

वैज्ञानिकों ने बीमारी को रोकने में मदद करने के पहला टीका विकसित किया है जिसे वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने मंजूरी दे दी है। माना जा रहा है कि इससे हर साल हजारों बच्चों की जान बचाने में मदद मिल सकती है। इस टीके को ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (GlaxoSmithKline) द्वारा बनाया गया है।

बताया जा रहा है कि यह नया टीका 'प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम' (Plasmodium falciparum) को विफल करने के लिए बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली को जगाता है, जो पांच मलेरिया रोगजनकों में सबसे घातक है।

इस टीके का नाम मोस्कुइरिक्स ( Mosquirix) है। यह सिर्फ मलेरिया के लिए नहीं बल्कि किसी भी परजीवी बीमारी के लिए पहला विकसित किया गया टीका है। परजीवी वायरस या बैक्टीरिया की तुलना में बहुत अधिक खतरनाक होते हैं और मलेरिया के टीके की खोज सौ वर्षों से चल रही है।

डब्ल्यूएचओ ने बताया ऐतिहासिक घटना
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस टीके का समर्थन किया है और कहा है कि इस प्रक्रिया में यह पहला कदम है और इसका गरीब देशों में व्यापक वितरण होना चाहिए। डब्ल्यूएचओ के ग्लोबल मलेरिया प्रोग्राम के निदेशक डॉ. पेड्रो अलोंसो ने कहा कि मलेरिया का टीका सुरक्षित, मध्यम रूप से प्रभावी और वितरण के लिए तैयार होना 'एक ऐतिहासिक घटना' है। 

नैदानिक परीक्षणों में, पहले वर्ष में गंभीर मलेरिया के खिलाफ टीके की प्रभावकारिता लगभग 50 प्रतिशत थी, लेकिन चौथे वर्ष तक यह आंकड़ा शून्य के करीब आ गया। परीक्षणों ने सीधे तौर पर मौतों पर टीके के प्रभाव को नहीं मापा, जिससे कुछ विशेषज्ञों ने सवाल किया कि क्या यह अनगिनत अन्य असाध्य समस्याओं वाले देशों में एक सार्थक निवेश है।

हर साल 23,000 बच्चों को मौत से बचा सकता है
पिछले साल एक मॉडलिंग अध्ययन में अनुमान लगाया गया था कि अगर मलेरिया के सबसे अधिक मामलों वाले देशों में टीका लगाया जाता है, तो यह 5.4 मिलियन मामलों को रोक सकता है और प्रत्येक वर्ष 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में 23,000 मौतों को रोक सकता है।

मलेरिया क्या है?

मलेरिया एक परजीवी रोगाणु से होता है, जिसे प्लाज्मोडियम कहते हैं। ये रोगाणु 'एनोफिलीज' जाति के मादा मच्छर में होते हैं और जब यह किसी व्यक्‍ति को काटते हैं, तो उसके खून की नली में मलेरिया के रोगाणु फैल जाते हैं। ये रोगाणु व्यक्‍ति के लीवर की कोशिकाओं तक पहुंचते हैं और वहां इनकी गिनती बढ़ती है। एक्सपर्ट ऐसा मानते हैं कि मलेरिया फैलाने वाले मच्छर शाम को काटते हैं। 

मलेरिया के कारण

चूंकि मलेरिया के परजीवी रेड ब्लड सेल्स में पाए जाते हैं, इसलिए ये मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति द्वारा ब्लड ट्रासफ्यूजन के जरिये दूसरे व्यक्ति में भी संप्रेषित हो सकते हैं। इसके अलावा अंग प्रत्यारोपण और एक ही सीरिंज का दो व्यक्तियों में इस्तेमाल करने से भी यह रोग फैल सकता है।

मलेरिया के लक्षण

-सिरदर्द होना 
-मतली या उल्टी होना
-जोड़ों में दर्द होना
-कमजोरी और थकान महसूस होना 
-शरीर में खून की कमी 
-आंखों का रंग पीला होना 
-बुखार सहित फ्लू जैसे लक्षण महसूस होना 
-ठंड के साथ कंपकंपी होना 
-मलेरिया बुखार कई बार एक दिन छोड़कर एक दिन आता है।

मलेरिया से बचाव

-मच्छरों से बचें। वहां सोएं, जहां मच्छर न हों या कपड़ा ओढ़कर सोएं।
-शरीर पर सरसों का तेल लगाएं। इससे मच्छर नहीं काटते।
-मच्छर रुके हुए पानी में पैदा होते हैं। इसलिए कहीं भी पानी जमा ना होने दें। 
-घर के आसपास गड्ढों तथा पानी के इकट्ठा होनेवाले स्थानों को भर दें।
-छत की टंकी, टेंक, कूलर इत्यादि का पानी हफ्ते में बदलते रहें। 
-खुले स्थान जहां पानी हटाना संभव न हो, वहां मिट्टी का तेल डालें। 
-बार-बार बुखार चढ़ने-उतरने पर तुरंत जांच कराएं
-मलेरिया बुखार होने पर संतरे का जूस जूस जैसे तरल पदार्थों का सेवन करते रहें।
-शरीर का तापमान बढ़ने और पसीना आने पर ठंडा टॉवल लपेट लें।

मलेरिया में क्या खाएं

-जब बुखार उतरे तब अरारोट, साबूदाने की खीर, चावल का पानी, अंगूर जैसी चीजें खाएं।
-कच्चा केला, परवल, बैगन, केले के फूल की सब्जी खाएं।
-गर्म पानी में नीबू निचोड़ कर स्वादानुसार चीनी मिलाकर 2-3 बार पिएं।
-प्यास लगने पर थोड़ा-थोड़ा छाछ पिएं।
-बुखार में गरम पानी और बाद में गर्म किया ठंडा पानी ही पिएं।

मलेरिया में क्या न खांए

-दही, शिकंजी, गाजर, मूली आदि न खाएं।
-मिर्च-मसाले व अम्ल रस से बने खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
-ठंडा पानी बिल्कुल न पिएं और ना ही ठंडे पानी से नहाएं।
-रोगी को आम, अनार, लीची, अनन्नास, संतरा आदि नहीं खाने चाहिए।
-ठंडी तासीर के फल व पदार्थ न खाएं। 
-एसी में ज्यादा न रहें और न ही रात को एसी में सोएं।

Web Title: Malaria Vaccine: world health organization approved world first Malaria vaccine Mosquirix, facts about Mosquirix in Hindi

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