मांस, दुग्ध उत्पादों के कम इस्तेमाल से पर्यावरण लक्ष्यों को हासिल करने में मिल सकती है मदद

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 28, 2018 13:32 IST2018-11-28T13:32:38+5:302018-11-28T13:32:38+5:30

Less use of meat and dairy products can help in securing environment | मांस, दुग्ध उत्पादों के कम इस्तेमाल से पर्यावरण लक्ष्यों को हासिल करने में मिल सकती है मदद

मांस, दुग्ध उत्पादों के कम इस्तेमाल से पर्यावरण लक्ष्यों को हासिल करने में मिल सकती है मदद

वैज्ञानिकों का कहना है कि जीवों के बजाय पेड़ों के स्रोतों से प्राप्त प्रोटीन के इस्तेमाल से पर्यावरण लक्ष्यों को हासिल करने और तापमान बढ़ने का जोखिम कम करने में मदद मिल सकती है. 'क्लाइमेट पॉलिसी' पत्रिका में छपे एक अध्ययन में पाया गया कि पशुधन क्षेत्र 2030 तक के डेढ़ डिग्री सेल्सियस ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन बजट की करीब आधी राशि का इस्तेमाल कर सकता है.

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि इस पर गौर करना जलवायु परिवर्तन संबंधी लक्ष्यों को पूरा करने की रणनीति का अहम हिस्सा होना चाहिए. अमेरिका के हार्वर्ड लॉ स्कूल की हेलेन हारवॉट ने जलवायु परिवर्तन को रोकने की प्रतिबद्धता के तहत जीवों से प्राप्त प्रोटीन की जगह पेड़ों के स्रोतों से प्राप्त प्रोटीन के इस्तेमाल के लिए तीन चरणों वाली रणनीति का प्रस्ताव दिया.

पहला कदम इस बात को स्वीकार करना है कि इस समय मवेशियों की संख्या सर्वोच्च बिन्दु पर है और इसे कम करने की जरूरत है. अगला कदम मवेशी उत्पादों पर निर्भरता कम करना है जिसकी शुरुआत गोमांस, गाय के दूध और सूअर के मांस जैसे उच्च ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन वाले खाद्य पदार्थों से होनी चाहिए.

हारवॉट ने कहा कि अंत में, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन लक्ष्य, भूमि उपयोग और लोक स्वास्थ्य लाभ सहित कई मानकों के आधार पर उचित उत्पादों पर गौर करने से भी मदद मिलेगी.

Web Title: Less use of meat and dairy products can help in securing environment

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