मुंबई में बारिश के बीच फैला जानलेवा बीमारी लेप्टोस्पाइरोसिस का खतरा, जानें लक्षण, उपचार, बचाव के तरीके

By उस्मान | Published: July 13, 2019 05:57 PM2019-07-13T17:57:08+5:302019-07-13T18:27:50+5:30

कुछ लोग जो बाढ़ वाले पानी में चल रहे हैं उन्हें 24 से 72 घंटे के बीच इस दवाई को लेने की जरूरत है ताकि लेप्टोस्पाइरोसिस से बचा जा सके

Leptospirosis cases in Mumbai: What is the disease, causes, symptoms, prevention, risk factors, treatment in Hindi | मुंबई में बारिश के बीच फैला जानलेवा बीमारी लेप्टोस्पाइरोसिस का खतरा, जानें लक्षण, उपचार, बचाव के तरीके

फोटो- पिक्साबे

बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने कहा कि बाढ़ के पानी के संपर्क में आने वाले लोगों को पानी से होने वाली बीमारी लेप्टोस्पाइरोसिस (जीवाणुओं से होने वाले संक्रमण) से बचने के लिए दवा लेनी चाहिए। पिछले दिनों में मुंबई में हुई भारी बारिश के कारण शहर के लोग जलजमाव की समस्या से जूझ रहे हैं। इस बारिश ने पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 26 जुलाई 2005 के 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। 

बीएमसी के स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुछ लोग जो बाढ़ वाले पानी में चल रहे हैं उन्हें 24 से 72 घंटे के बीच इस दवाई को लेने की जरूरत है ताकि लेप्टोस्पाइरोसिस से बचा जा सके। दवाइयां बीएमसी के स्वास्थ्य केंद्रों, दवाखानों और अस्पतालों में प्रतीकात्मक शुल्क जमा करने के बाद मुफ्त में हासिल की जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि लेप्टोस्पाइरोसिस जीवाणु से होने वाला संक्रमण है, जो पेशाब या चूहों और मवेशियों के मल-मूत्र से फैलता है। अगर समय पर इलाज नहीं हो तो यह घातक साबित हो सकता है।

लेप्टोस्पायरोसिस क्या है?

यह एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है जो जो जानवरों से होता है। यह कुत्ते, चूहे और खेत के जानवरों के पेशाब से फैलता है। इस खतरनाक रोग के कोई विशेष लक्षण नहीं होते हैं। कई मामलों में यह बीमारी घातक है लेकिन स्थति ज्यादा खराब होने पर आपको जान का खतरा हो सकता है। इसके लक्षणों में सीने में दर्द और हाथ पैरों में सूजन होना शामिल है। पिछले साल इस बीमारी से कई लोगों की मौत हुई थी.  

कैसे फैलती है यह बीमारी

लेप्टोस्पायरोसिस लेप्टोस्पिरा इंटरऑर्गन नामक बैक्टीरिया से होती है। यह बैक्टीरिया कई जानवरों के उनकी किडनियों में होता है। यह मिटटी और उनके पेशाब के जरिए बाहर निकलता है। यह आपके मुंह, नाक और जननांगों के जरिए दूसरे लोगों में प्रवेश कर सकता है। इतना ही नहीं यह सेक्स और ब्रेस्फीडिंग के जरिए भी फ़ैल सकता है। 

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लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण

आम तौर पर दो हफ्ते के भीतर लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण दिखाना शुरू होते सकते हैं, हालांकि कुछ मामलों में, लक्षण एक महीने में भी दिखाई नहीं देते हैं। जब यह बीमारी होती है, तो इसका असर तेजी से होता है। उस दौरान आपको 104 डिग्री सेल्सियस तक बुखार आ सकता है। इसके अन्य विशिष्ट लक्षणों में शामिल हैं-

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- सरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला)
- उल्टी
- दस्त
- त्वचा पर लाल दाने होना 

लेप्टोस्पायरोसिस से बचाव

1) दूषित पानी से बचें

बारिश के गंदे पानी की वजह से इस बीमारी के फैलने का सबसे अधिक खतरा होता है। इससे बचने के लिए आपको गंदे पानी में जाने से बचना चाहिए। 

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2) जानवर और चूहों से बचें

अगर आपके घर और आसपास चूहें, तो आपको उन्हें भगाने की कोशिश करनी चाहिए। घर को साफ रखें और कोई भी खाने की चीज को खुला ना छोड़ें।  

3) गंदे टॉयलेट्स से बचें

अगर आप सफर कर रहे हैं, तो ध्यान रहे कि गंदे टॉयलेट्स का इस्तेमाल ना करें। कोई भी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें। 

English summary :
The Brihanmumbai Municipal Corporation (BMC) said that people coming in contact with flood water should take medicines to avoid water leptospirosis (infection with bacterial infection).


Web Title: Leptospirosis cases in Mumbai: What is the disease, causes, symptoms, prevention, risk factors, treatment in Hindi

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