भारत में किडनी ट्रांसप्लांट की कीमत, बेस्ट हॉस्पिटल, रजिस्ट्रेशन और डोनेट का तरीका
By उस्मान | Published: February 7, 2019 12:55 PM2019-02-07T12:55:46+5:302019-02-07T12:55:46+5:30
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में लगभग 1.6 लाख मरीज अंगों की प्रतीक्षा कर रहे हैं जबकि 12 हजार डोनर ही उपलब्ध हैं। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में फ्री किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि पुराने गुर्दे की बीमारियों (Chronic Kidney Disease) के पीड़ित भारतीयों की संख्या पिछले 15 वर्षों में दोगुनी हो गई है और वर्तमान में हर सौ में से 17 लोग गुर्दे की बीमारी से पीड़ित हैं। लगभग 150-230 व्यक्ति हर मिलियन लोगों में एंड-स्टेज किडनी रोग (ESKD) से पीड़ित हैं, और लगभग 2,20,000-2,75,000 नए रोगियों को रेनल रिप्लेसमेंट थेरेपी (Renal Replacement Therapy (RRT) की आवश्यकता है होती है।
अगर आपके परिवार या आसपास कोई किडनी का मरीज है और उसे किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता है, तो आपको किडनी डोनर और ट्रांसप्लांट से जड़ी इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1.6 लाख मरीजों को किडनी की जरूरत
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में लगभग 1.6 लाख मरीज अंगों की प्रतीक्षा कर रहे हैं जबकि 12 हजार डोनर ही उपलब्ध हैं। हर साल 1-2 लाख किडनी की जरूरत है जिससे 50 हजार लोगों में किडनी ट्रांसप्लांट हो सकता है। किडनी की डिमांड और सप्लाई के बीच लम्बे अन्तर को देखते हुए सरकार किडनी डोनर को लेकर हो रहे काम को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है। हालांकि इस नंबर को पाना मुश्किल है।
इंडियन ट्रांसप्लांट रजिस्ट्री के अनुसार, 1971 और 2015 के बीच भारत में 21,395 किडनी ट्रांसप्लांट की जा चुकी हैं जिसमें केवल 783 किडनी मृतक दाताओं की थी। जागरूकता और प्रक्रियाओं की कमी और परिवार के सदस्यों द्वारा हिचकिचाहट भारत में मृतक दाताओं की संख्या कम होने के कुछ मुख्य कारण हैं।
तमिलनाडु में सबसे अधिक किडनी डोनेट
गैर-सरकारी संगठन, मोहन फाउंडेशन के अनुसार, 2014 में किडनी डोनर की अधिकतम संख्या तमिलनाडु में 227 दान के साथ सबसे ज्यादा थी। इसके बाद केरल में 104, महाराष्ट्र में 89 और आंध्र प्रदेश में 92 दान की गई।
किडनी मरीजों के लिए खुशखबरी
जापान में वैज्ञानिकों ने डोनर स्टेम सेल्स (मूल कोशिकाओं) से चूहों में किडनी का विकास किया है। इस प्रयास के बाद यह उम्मीद जगी है कि इस तरह किडनी का विकास किया जा सकता है, जिसे दुनिया में गुर्दा दाताओं (Kidney donors) की कमी की समस्या से निजात मिल सकती है।
किडनी खराब होने के कारण
अपोलो हॉस्पिटल के डॉक्टर एसके पॉल के अनुसार, किडनी खराब होने के कई कारण हैं जिनमें मुख्यतः पेशाब को रोकना, कम पानी पीना, ज्यादा नमक खाना, हाई बीपी के इलाज में लापरवाही, डायबिटीज, ज्यादा मांस खाना, पेनकिलर लेना, ज्यादा शराब, कण आराम आदि शामिल हैं।