नई दिल्लीः भारत में 2023 में गंभीर गुर्दा रोग से मरीजों की संख्या 13.8 करोड़ रही और वह इन रोगियों की संख्या के मामले में चीन के बाद दूसरे स्थान पर रहा। चीन में यह संख्या 15.2 करोड़ थी। ‘द लैंसेट’ पत्रिका में प्रकाशित एक वैश्विक अध्ययन से यह जानकारी मिली है। वाशिंगटन विश्वविद्यालय के ‘इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन’ (आईएचएमई) और अमेरिका एवं ब्रिटेन के अन्य संस्थानों के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि यह बीमारी मौत का नौवां प्रमुख कारण थी और इस बीमारी ने 2023 में दुनिया भर में लगभग 15 लाख लोगों की जान ले ली।
उत्तरी अफ्रीका और पश्चिम एशिया में इसका प्रसार सबसे अधिक 18 प्रतिशत, दक्षिण एशिया में लगभग 16 प्रतिशत और उप-सहारा अफ्रीका, लैटिन अमेरिका एवं कैरेबियाई देशों में 15 प्रतिशत से अधिक देखा गया। गंभीर गुर्दा रोग हृदय रोग का एक प्रमुख कारण है और 2023 में दुनिया भर में हृदय संबंधी रोगों से मौत के लगभग 12 प्रतिशत मामले गंभीर गुर्दा रोग से जुड़े थे।
शोधकर्ताओं की टीम ने कहा कि यह हृदय संबंधी मृत्यु दर का सातवां प्रमुख कारण है जो मधुमेह और मोटापे के कारण होने वाले हृदय संबंधी रोगों की मृत्यु दर से भी अधिक है। अध्ययन में गंभीर गुर्दा रोग के लिए 14 जोखिम कारकों का विस्तार से वर्णन किया गया जिनमें मधुमेह, उच्च रक्तचाप और मोटापा शामिल हैं जो स्वस्थ जीवन के लिए सबसे अधिक हानिकारक होते हैं।
शोधकर्ताओं ने ‘ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज’ (जीबीडी) 2023 अध्ययन के आंकड़ों का विश्लेषण किया जिसमें 1990 से 2023 तक 204 देशों और क्षेत्रों में रोगों, चोटों और स्वास्थ्य जोखिम कारकों के रुझानों पर गौर किया गया। आईएचएमई जीबीडी अध्ययन के साथ समन्वय करता है। उन्होंने कहा कि आहार संबंधी कई कारक जैसे कि फलों और सब्जियों का कम सेवन तथा सोडियम का अधिक सेवन भी गंभीर गुर्दा रोग के जोखिम में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।