जम्मू-कश्मीर: प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के 220 करोड़ में हुआ गॉल-ब्लैडर से जुड़ी बीमारियों का इलाज

By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 3, 2023 03:18 PM2023-10-03T15:18:30+5:302023-10-03T15:22:43+5:30

जम्मू कश्मीर में पिछले 33 महीनों के भीतर आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत जो इलाज किए गए उनमें सबसे बड़ी बीमारी गॉल-ब्लैडर से जुड़ी हुई थी।

Jammu and Kashmir: Treatment of gall bladder related diseases worth Rs 220 crore under Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana | जम्मू-कश्मीर: प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के 220 करोड़ में हुआ गॉल-ब्लैडर से जुड़ी बीमारियों का इलाज

जम्मू-कश्मीर: प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के 220 करोड़ में हुआ गॉल-ब्लैडर से जुड़ी बीमारियों का इलाज

Highlightsजम्मू कश्मीर में बीते 33 महीनों में पीेएम जन आरोग्य योजना के तहत सबसे ज्यादा गॉल-ब्लैडर का इलाज हुआजम्मू कश्मीर में गॉल-ब्लैडर की बीमारियों को दूर करने के लिए 220 करोड़ का भुगतान हुआ हैपिछले 33 महीनों में प्रदेश के 78209 लोगों के गॉल-ब्लैडर को ऑपरेशनों के जरिये निकाला गया है

जम्मू: जम्मू कश्मीर में पिछले 33 महीनों के भीतर आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत जो इलाज किए गए उनमें सबसे बड़ी बीमारी गॉल-ब्लैडर से जुड़ी हुई थी। यह सरकारी आंकड़ों से भी साबित हुआ है कि गॉल-ब्लैडर की बीमारियों को दूर करने के लिए 220 करोड़ का भुगतान किया गया है।

इन आंकड़ों के बाद अब तो यह भी कहा जाने लगा है कि प्रदेश में कैंसर के बाद जम्मू कश्मीर की जनता सबसे अधिक गॉल-ब्लैडरकी बीमारियों से जूझ रही है। प्राप्त आंकड़ों के बकौल पिछले 33 महीनों में प्रदेश के 78209 लोगों के गॉल-ब्लैडर को ऑपरेशनों द्वारा निकाला गया है और इसके लिए विभिन्न चिकित्सा संस्थानों को 220 करोड़ का भुगतान किया गया है।

इस पूरे प्रकरण में चौंकाने वाला तथ्य यह है कि इस बीमारी से ज्यादातर पीड़ित कश्मीर से संबंध रखने वाले थे। करीब 66 फीसदी कश्मीरियों के गॉल-ब्लैडर के ऑपरेशन पिछले ढाई सालों में किए गए हैं। आंकड़े बताते हैं कि कश्मीर घाटी में 52347 लोगों के गॉल-ब्लैडर के आपरेशन साल 2021 के बाद किये गए हैं, जिसके लिए सरकार ने 130 करोड़ का भुगतान किया है।

आंकड़ों के मुताबिक कश्मीर में गॉल-ब्लैडर की बीमारी से सबसे अधिक ग्रस्त लोग बारामुला में थे और सबसे कम बांडीपोरा में थे। साल 2021 से अनंतनाग में 7489, बडगाम में 6712, बारामुला में 8764 और बांडीपोरा में 2221 मरीज थे। इसी प्रकार गंदरबल में 2433, कुलगाम में 3645, कुपवाड़ा में 3792 तथा पुलवामा में 5054 मामले सामने आए थे।

स्टेट हेल्थ एजेंसी के एक अधिकारी का मानना है कि प्रदेश में लोग इस योजना के तहत सबसे अधिक गॉल-ब्लैडर की बीमारियों पर पैसा खर्च कर रहे हैं। इस संबंध में कई डाक्टरों का मानना था कि प्रदेश में खासकर, कश्मीर में लोगों के खानपान के पैटर्न के कारण लोगों को इस बीमारी से ज्यादा जूझना पड़ रहा है।

कश्मीर के एक प्रसिद्ध सर्जन डॉक्टर इम्तियाज अहमद वानी का मानना है कि पित्ताशय की पत्थरी की समस्या से जूझ रहे मरीजों के शरीर से गॉल-ब्लैडर को ही निकाल देना अंतिम विकल्प होता है पर जम्मू कश्मीर में इसे प्राथमिक विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।

Web Title: Jammu and Kashmir: Treatment of gall bladder related diseases worth Rs 220 crore under Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana

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