पुराने से पुराने थायराइड को सिर्फ 20 दिनों में जड़ से खत्म कर सकता है ये रामबाण घरेलू इलाज, जानिये इस्तेमाल का सही तरीका
By उस्मान | Published: February 25, 2019 12:31 PM2019-02-25T12:31:16+5:302019-02-25T15:44:20+5:30
थाइरोइड आपके हृदय, मांस पेशियों, हड्डियों व कोलेस्ट्रोल को भी प्रभावित करती है। वजन घटना, गर्मी न झेल पाना, ठीक से नींद न आना, प्यास लगना, अत्यधिक पसीना आना, हाथ कांपना, दिल तेजी से धड़कना, कमजोरी, चिंता, और अनिद्रा इस समस्या के प्रमुख लक्षण हैं।
थायराइड (thyroid) एक साइलेंट किलर बीमारी है, जो शरीर को धीरे-धीरे अपनी गिरफ्त में लेती है। यह गले में तितली जैसे आकार की एक ग्रंथि है, जो थाइरॉक्सिन हार्मोन बनाती है। यह हार्मोन शरीर में ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट, एनर्जी लेवल, मेटाबॉलिज्म और मूड को मेंटेन रखता है। जब हार्मोन का प्रोडक्शन शरीर में कम ज्यादा होने लगता है, तो कई तरह की बीमारियां शरीर को घेर लेती हैं।
थाइरोइड क्या है (what is thyroid)
थाइरोइड एक तरह की ग्रंथि होती है जो गले में बिल्कुल सामने की ओर होती है। यही ग्रंथि शरीर के मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करती है। यानी जो भी भोजन आप सेवन करते हैं। उससे ऊर्जा में परिवर्तित करने का काम करती है। थाइरोइड की समस्या शरीर में हॉर्मोंस की गड़बड़ी के कारण होती है।
थाइरोइड के लक्षण (symptoms of thyroid)
एक स्टडी के मुताबिक, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थाइरोइड विकार दस गुना ज्यादा होता है। इसके अलावा थाइरोइड आपके हृदय, मांस पेशियों, हड्डियों व कोलेस्ट्रोल को भी प्रभावित करती है। वजन घटना, गर्मी न झेल पाना, ठीक से नींद न आना, प्यास लगना, अत्यधिक पसीना आना, हाथ कांपना, दिल तेजी से धड़कना, कमजोरी, चिंता, और अनिद्रा इस समस्या के प्रमुख लक्षण हैं।
थाइरोइड के प्रकार (types of thyroid)
थाइरोइड दो तरह का होता है हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) और हाइपोथायराइड (Hypothyroidism)। यह समस्या महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। पहले यह समस्या 40 वर्ष के बाद लोगों में देखने को मिलती है लेकिन अब हर आयु वर्ग के लोग इसका शिकार हो रहे हैं। पुरूषों में भी यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। इस रोग में वजन अचानक ही बढ़ने और घटने लगता है।
थाइरोइड के लिए घरेलू उपचार (home remedies for thyroid)
1) अगर आप थाइरोइड की समस्या से जूझ रहे हैं, तो गर्म पानी बोतल में भरें। अलग से ठंडे पानी को भी किसी बर्तन में भर लें और तौलिया को ठंडे पानी में भिगो लें। उसके बाद ठंडे और गर्म से गले पर सेंक लगायें, जिससे गले को बहुत फायदा हो सकता है
2) थाइरोइड की पीड़ितों को कैल्शियम, विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर चीजें जैसे दूध और दही में का सेवन करना चाहिए।
3) मुलेठी का सेवन करने से यह थकान को उर्जा में तब्दील कर देता है और थायराइड ग्रंथी को संतुलित बनाये रखता है। मुलेठी शरीर के लिए बहुत फायदेमंद क्योकि यह बॉडी में कैंसर को बढ़ने से रोकती है। इसके अलावा शरीर में से थकान को भी दूर करता है।
4) अदरक में कई जादुई गुण है जो थायराइड को बढ़ने नहीं देता जैसे मैग्नीशियम और पोटेशियम आदि। अदरक के अन्दर कई लाभकारी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जो थायराइड की बीमारी को बढ़ने नहीं देते है।
5) शहद और ऑवला का सेवन करने से 10 से 15 दिनों में इसका असर दिखने लगता है। इसके अलावा यह शरीर के मोटापे को भी रोकता है। सुबह खाली पेट आप शहद और ऑवले का मिश्रण कर, इसे 5 से 10 ग्राम के बीच सेवन करें और रात को दो घंटे के बाद फिर से दोहराएं।
थाइरोइड के लिए आयुर्वेदिक उपाय (Ayurvedic treatment of thyroid)
1) थाइरोइड में शिग्र पत्र, कांचनार, पुनर्नवा के काढ़ा का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए इस काढ़ा को प्रतिदिन सुबह खाली पेट 30 से 50 मिलीलीटर तक सेवन करना चाहिए।
2) अलसी के बीज को पीसकर चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में प्रतिदिन सुबह खाली पेट सेवन करने से थाइरोइड से राहत मिलती है।
3) थाइरोइड की बीमारी में नारियल के तेल का प्रयोग भी करना फायदेमंद होता है। इसके लिए एक से दो चम्मच नारियल तेल गुनगुना करके दूध के साथ खाली पेट सुबह शाम सेवन करने से लाभ होता है।