Heart Health In Winters: सर्दियों के मौसम में कही आपका दिल न दे जाए धोखा, ऐसे रखें हार्ट हेल्थ का ख्याल नहीं होगी समस्याएं
By अंजली चौहान | Published: November 27, 2023 01:14 PM2023-11-27T13:14:39+5:302023-11-27T13:15:45+5:30
हृदय की समस्याओं वाले लोगों के लिए सर्दियाँ कठिन हो सकती हैं। सर्दियों के मौसम में अपने दिल की सुरक्षा करना आवश्यक है।
नई दिल्ली: सर्दियों के मौसम में हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है और जिन लोगों को हार्ट की प्रॉब्लम है उन्हें अपना अधिक ख्याल रखना होता है। दरअसल, ठंड के मौसम में तापमान में गिरावट के कारण हृदय पर दवाब पड़ता है जिससे दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसी हृदय संबंधी घटनाओं का खतरा बढ़ाते हैं।
जैसे-जैसे तापमान गिरता है, दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ठंड के मौसम में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ सकती हैं, जिससे रक्त के थक्के जम सकते हैं। ऐसे में अपने दिल का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। आइए बताते हैं आपको कि कैसे सर्दियों में अपने हार्ट हेल्थ को आप बेहतर कर सकते हैं।
सर्दियों के दौरान दिल की सुरक्षा के उपाय
1-नियमित व्यायाम: सर्दियों में भले ही आपको अपने कंबल से निकलने के मन न करें लेकिन आपको आलस छोड़कर रोजाना व्यायाम करना है। इस मौसम बाहर न जाकर आप घर में ही व्यायाम करें। इससे आप एक्टिव रहेंगे।
2- हाइड्रेट रहें: गर्मियों की तुलना में हम सर्दियों में पानी कम पीते हैं जिससे हमें डिहाइड्रेशन की दिक्कत हो सकती हैं। ऐसे में खुद को हाइड्रेट रखने के लिए पानी जरूर पीएं।
3- गर्म कपड़े पहनें: कपड़े पहनने से शरीर के मुख्य तापमान को बनाए रखने में मदद मिलती है और तापमान को नियंत्रित करने के लिए हृदय पर दबाव कम होता है।
4- तनाव पर नियंत्रण रखें: तनाव के स्तर को कम करने और हृदय स्वास्थ्य की रक्षा के लिए योग, ध्यान या गहरी सांस लेने जैसी तनाव प्रबंधन तकनीकों का अभ्यास करें। कोशिश करें की आप कम से कम तनाव लें। किसी भी चीज को लेकर अधिक सोचने से अच्छा आफ अपना ध्यान भटकाने के लिए अन्य चीजें करें।
5- ब्लड प्रेशर पर ध्यान दें: सर्दियों के महीनों के दौरान रक्तचाप को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए नियमित रूप से रक्तचाप की जांच करें और अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
(डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है। लोकमत हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है कृपया किसी भी मान्यता के मानने से पहले इसकी पुष्टि विशेषज्ञ द्वारा अवश्य कर लें।)