सावधान! धीरे-धीरे दोनों किडनियों को डैमेज करने के साथ पथरी भी बना देती हैं ये 3 चीजें
By उस्मान | Published: April 4, 2019 12:08 PM2019-04-04T12:08:53+5:302019-04-04T12:08:53+5:30
Health tips in Hindi: दुनिया भर में 850 मिलियन से अधिक लोग किडनी की बीमारियों से पीड़ित हैं। दुनिया में क्रोनिक किडनी डिजीज मौत का सातवां सबसे बड़ा कारण है। इससे हर साल 2.4 मिलियन लोगों के मौत होती है।
किडनी इंसान के शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। किडनी के खराब होने पर आपका जीना मुश्किल हो जाएगा। एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में 850 मिलियन से अधिक लोग किडनी की बीमारियों से पीड़ित हैं। दुनिया में क्रोनिक किडनी डिजीज मौत का सातवां सबसे बड़ा कारण है। इससे हर साल 2.4 मिलियन लोगों के मौत होती है।
खाराब डाइट और जीवनशैली की वजह से किडनी से जुड़ीं बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। हम आपको कुछ ऐसे कारण बता रहे हैं, जो धीरे-धीरे आपकी किडनियों को खराब कर रही हैं। अगर आप भी इन गलत आदतों का शिकार हैं, तो आपको समय रहते सतर्क हो जाना चाहिए।
1) ब्लड ग्लूकोज लेवल
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन एक सर्वेक्षण के अनुसार, जिन लोगों का ब्लड ग्लूकोज कंट्रोल नहीं रहता है, उन्हें किडनी की बीमारियों का लगभग 44 फीसदी खतरा होता है। इसलिए, यदि आपका ब्लड ग्लूकोज अक्सर बढ़ा रहता है, तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। डायबिटीज के मरीजों को किडनी की समस्याओं से बचने के लिए नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करानी चाहिए।
2) ब्लड प्रेशर लेवल
किडनी की क्षति का दूसरा सबसे बड़ा कारण हाई ब्लड प्रेशर है। किडनी अशुद्ध रक्त को छानने का काम करती हैं। जब रक्त सामान्य से अधिक दबाव में बहता है, तो नसों को नुकसान पहुंचाता है और रक्त को ले जाने की नसों की कामकाज को कम कर देता है। इसलिए जब तक आपका डॉक्टर हाई ब्लड प्रेशर के रूप में आपकी समस्या का निदान करता है, तब तक आपकी किडनी पहले से ही गंभीर रूप से डैमेज हो सकती है।
3) पानी की कम मात्रा
किडनी शरीर से विषाक्त पदार्थों, अतिरिक्त पोषक तत्वों या अतिरिक्त लवण को हटा देती हैं। ऐसा करने में सक्षम होने के लिए, किडनी पानी पर निर्भर करती हैं। इसी तरह, त्वचा पसीने के माध्यम से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालती है- जिसे पानी की भी आवश्यकता होती है।
आयुर्वेद के अनुसार, आपको रोजाना आठ लीटर से अधिक पानी पीना चाहिए। जब आप अच्छी तरह से हाइड्रेटेड होते हैं, तो आपका शरीर विषाक्त पदार्थों को हटाने का काम करने के लिए उस पानी का उपयोग कर सकता है। यदि आप कम पीते हैं, तो आपके गुर्दे को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। समय के साथ, निर्जलीकरण गुर्दे की बीमारियों को जन्म दे सकता है।