गर्मियों में घड़े का पानी पीने के फायदे, फ्रिज के पानी के नुकसान
By उस्मान | Published: May 11, 2018 05:48 PM2018-05-11T17:48:12+5:302018-05-11T17:48:12+5:30
मटके का पानी स्वच्छ, स्वादिष्ट और सेहत के लिए फायदेमंद होता है। आयुर्वेद में कहा गया है कि मटके का पानी अमृत के समान है।
भारतीय घरों में सदियों से मिट्टी के घड़े यानी मटके का इस्तेमाल किया जाता है। आज भी कुछ लोग ऐसे हैं, जो इन्हीं मिट्टी से बने बर्तनो में पानी पीते हैं। घड़े को गरीबों का फ्रिज कहा जाता है। आधुनिक दौर में जहां लोंगो के घरों में फ्रिज आ चुका है, वहीं मटके का प्रयोग ना के बराबर हो गया है। लेकिन कुछ लोग आज भी मटके का पानी पीना पसंद करते हैं जिस वजह से गर्मियों में मिट्टी के घड़े की मांग बढ़ जाती है। मटके से पानी पीने का अपना एक अलग ही मजा है। मटके का पानी स्वच्छ, स्वादिष्ट और सेहत के लिए फायदेमंद होता है। आयुर्वेद में कहा गया है कि मटके का पानी वास्तव में अमृत के समान है क्योंकि इससे आपको कई फायदे होते हैं। इसका तापमान सामान्य से थोड़ा ही कम होता है जो ठंडक तो देता ही है। यह मेटाबोलिज्म और पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है। चलिए जानते हैं मटके के पानी से आपको क्या-क्या लाभ होते हैं।
1) रोगों से लड़ने की क्षमता होती है मजबूत
दरअसल, मिट्टी में कई प्रकार के रोगों से लड़ने की क्षमता पाई जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार मिट्टी के बर्तनों में पानी रखा जाए, तो उसमें मिट्टी के गुण आ जाते हैं। इसलिए घड़े में रखा पानी हमें स्वस्थ बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
2) मेटाबोलिज्म बढ़ता है
नियमित रूप से घड़े का पानी पीने से इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होता है। प्लास्टिक की बोतलों में पानी स्टोर करने से, उसमें प्लास्टिक से अशुद्धियां इकट्ठी हो जाती है और वह पानी को अशुद्ध कर देता है। साथ ही यह भी पाया गया है कि घड़े में पानी स्टोर करने से शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ जाता है।
3) गला नहीं होता खराब
गर्मियों में प्यास लगने पर अचानक फ्रिज का ठंडा पानी पीने से आपका गला खराब हो सकता है। इससे गले का पकने और ग्रंथियों में सूजन आने लगती है। चूंकि मटके का पानी बहुत ज्यादा ठंडा नहीं होता है और इसे पीने से गला खराब नहीं होता है। दरअसल मटके में एक सामान्य तापमान बना रहता है और मटके के पानी का गले पर कूलिंग इफेक्ट पड़ता है।
4) प्रेगनेंट महिलाओं के लिए बेहतर
डॉक्टर गर्भवती महिलाओं को फ्रिज का ठंडा पानी नहीं पीने की सलाह देते हैं। उनके लिए मटके या सुराही का पानी अच्छा होता है। पानी में मिट्टी का सौंधापन बस जाने के कारण गर्भवती को बहुत अच्छा लगता है।
गर्मियों में मटके का पानी ठंडा क्यों होता है?
पानी का ठंडा होना वाष्पीकरण की क्रिया पर निर्भर करता है। जितना ज्यादा वाष्पीकरण होगा पानी उतना ही ज्यादा ठंडा होगा। मिट्टी के बर्तन में धातु के बर्तन की अपेक्षा वाष्पीकरण की क्रिया इसलिए हो पाती है क्योकि मिट्टी के बर्तन में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जिन्हें आप आखों से नहीं देख पाते हैं। घड़े का पानी इन्हीं छिद्रों से होकर घड़े की सतह तक आता है और बाहर की गर्मी से भाप बनकर उड़ जाता है। इस प्रक्रिया में घड़े के अंदर का तापमान कम हो जाता है। वाष्पीकरण की यह क्रिया सिर्फ गर्मी के मौसम अच्छे प्रकार से हो पाती है। यही कारण है कि गर्मी के मौसम में धातु के बर्तनों की अपेक्षा मिट्टी के बर्तनों में पानी ठंडा रहता है।
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गर्मियों में फ्रिज का ठंडा पानी पीने के नुकसान
1) पाचन में बाधा
पाचन में हस्तक्षेप: ठंडा पानी आपके भोजन की पाचन प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करता है क्योंकि ठंडा पानी पीने से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं। इससे पाचन की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है।
2) पोषक तत्वों का नष्ट होना
जब आप कोई ठंडी चीज़ पीते हैं तो उस वस्तु के तापमान को नियमित करने के लिए आपके शरीर को कुछ ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है। अन्यथा इस उर्जा का उपयोग भोजन के पाचन तथा पोषक तत्वों के अवशोषण के लिए होता है। यही कारण है कि ठंडा पानी पीने से आपके शरीर को पोषक तत्व नहीं मिल पाते।
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3) हार्ट रेट होती है कम
ठंडा पानी पीने से आपकी हार्ट रेट कम हो जाती है। अध्ययनों से पता चला है कि ठंडा पानी वेगस तंत्रिका को उत्तेजित करता है। वेगस तंत्रिका 10 वीं कपाल तंत्रिका है तथा यह शरीर के स्वायत्त तंत्रिका प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो शरीर के अनैच्छिक कार्यों को नियंत्रित करती है।
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