गर्भवती महिलाओं को खून की कमी से बचाएगी सरकार की ये जबरदस्त योजना
By उस्मान | Updated: October 23, 2019 17:03 IST2019-10-23T17:03:44+5:302019-10-23T17:03:44+5:30
गर्भवती महिलाओं में रक्त की कमी एवं अन्य जटिलताओं से निबटने के लिए इस अध्ययन में नौ हजार गर्भवती महिलाओं को शामिल किया जायेगा।

गर्भवती महिलाओं को खून की कमी से बचाएगी सरकार की ये जबरदस्त योजना
गर्भवती महिलाओं में रक्त की कमी एवं अन्य जटिलताओं से निबटने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं के प्रभाव के बारे में सरकार एक अध्ययन करवाएगी। यह अध्ययन आयुष मंत्रालय के तहत आयुर्वेदिक अनुसंधान के लिए एक शीर्ष निकाय करेगी। केन्द्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) द्वारा किये जाने वाले इस अध्ययन में नौ हजार गर्भवती महिलाओं को शामिल किया जायेगा।
सीसीआरएएस के उपमहानिदेशक डा.एन श्रीकांत ने बताया कि इस अध्ययन के तहत गर्भवती महिलाओं को जड़ी-बूटियों से बनी दवाइयां दी जायेगी, एक विशिष्ट आहार पर रखा जायेगा। गर्भावस्था के दौरान सूजन, कब्ज, मतली, पीठ में दर्द और खून की कमी जैसी विभिन्न जटिलताओं को रोकने के लिए आवश्यकता के अनुसार एक विशेष जीवन शैली का पालन किया जायेगा।
दो वर्षों तक चलने वाला यह अध्ययन महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के 30 प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों पर किया जायेगा। श्रीकांत ने कहा, 'एक नवजात का सामान्य वजन 2.7 और 3.2 किलोग्राम के बीच होता है। यह सुनिश्चित करने के लिए बच्चे का जन्म सामान्य वजन में हो, माताओं को विभिन्न प्रकार की छह आयुर्वेदिक दवाएं दी जाती हैं। अध्ययन के अपेक्षित परिणाम गर्भवती महिलाओं और उनके शिशुओं में जटिलताओं को कम कर रहे हैं।'
इस अध्ययन के प्रतिभागियों को दो समूहों में बांटा जायेगा। अध्ययन में शामिल महिलाओं की आयु 18 से 40 वर्ष तक है। आयुष मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सकों और वरिष्ठ अनुसंधानकर्ताओं, फार्मासिस्टों समेत परियोजना से जुड़े कर्मियों को पहले ही अध्ययन के उद्देश्य से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात किया जा चुका है।
खून की कमी के संकेत और लक्षण
खून की कमी होने पर आपको ज्यादा थकान महसूस होना, ऊर्जा की कमी, दिल की धड़कन का असामान्य होना, सांस की तकलीफ, सिरदर्द, ध्यान देने में मुश्किल, चक्कर आना, पीली त्वचा, पैर की मरोड़, अल्सर, गैस्ट्रिटिस, बवासीर, मल में खून आदि इसके लक्षण हैं। इस तरह के लक्षण दिखने पर आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
महिलाओं में खून की कमी के कारण
लड़कों की तुलना में लड़कियों को एनीमिया का अधिक जोखिम होता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। पहला कारण यह है कि लड़कियां पीरियड्स के दौरान अधिक मात्रा में हर महीने रक्त खो देती हैं और कई लड़कियां लड़कों की तुलना में कम लाल मांस खाती हैं।
इसके अलावा लड़कियों की खराब डाइट का असर उनकी सेहत पर पड़ रहा है। आजकल लड़कियां आयरन वाले खाद्य पदार्थों जैसे मीट, अंडे, सेरेल्स आदि का कम सेवन कर रही हैं।
खून की कमी से बचने के लिए खायें ये चीजें
नेशनल एनीमिया एक्शन काउंसिल के अनुसार, गर्भवती महिलाओं में खून की कमी का सबसे बड़ा कारण है खराब खानपान है। यही वजह है कि एक्सपर्ट आयरन से भरपूर चीजें जैसे कलेजी, लाल मांस, झींगा, टोफू, पालक, बादाम, खजूर, मसूर, अनाज, बादाम, कस्तूरी, गाजर और शतावरी खाने की सलाह देते हैं।
आपको अपनी डाइट में आयरन लेवल बढ़ाने वाली चीजों को शामिल करना चाहिए जिसमें शामिल हैं मीट (चिकन और मछली), अनाज (ब्रेड और पास्ता), सूखे मेवे (खुबानी, किशमिश, प्रून), पत्तेदार हरी सब्जियां (पालक, कोलार्ड साग, केल), साबुत अनाज (ब्राउन चावल, गेहूं के रोगाणु, चोकर मफिन), सेम, मटर और नट्स और अंडे।


