Flu in children: बदलते मौसम के साथ बच्चे पड़ रहे ज्यादा बीमार तो कही आप ये गलतियां तो नहीं कर रहे! अभी जानें ये जरूरी बात

By अंजली चौहान | Published: August 9, 2023 07:56 PM2023-08-09T19:56:19+5:302023-08-09T19:56:59+5:30

फ्लू से पीड़ित बच्चों के प्रबंधन में बुखार के लिए पेरासिटामोल का उपयोग करना, भाप लेना, आराम करना, उन्हें स्कूल भेजने से बचना, अच्छा जलयोजन और पौष्टिक भोजन शामिल है।

Flu in children Children are falling sick more with the changing weather so are you making these mistakes Know this important thing now | Flu in children: बदलते मौसम के साथ बच्चे पड़ रहे ज्यादा बीमार तो कही आप ये गलतियां तो नहीं कर रहे! अभी जानें ये जरूरी बात

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो

Flu in children: मानसून के मौसम में बीमारियां का खतरा काफी बढ़ जाता है। एक तो इस मौसम में हर समय काफी तेजी से बदलाव होता है कभी गर्मी तो कभी बारिश के कारण सुहाना मौसम ऐसे में वायरस को फैलने का पूरा मौका मिलता है।

यह बदलता मौसम सबसे ज्यादा बच्चों को अपना शिकार बनाता है। सामान्य वायरस बच्चों के जल्द बीमार कर देते हैं और माता-पिता को इससे काफी परेशानी होती है। 

आमतौर पर सामान्य वायरस जो फ्लू का कारण बनते हैं वे हैं इन्फ्लूएंजा वायरस, पैराइन्फ्लुएंजा वायरस, एडेनोवायरस, आरएसवी आदि।

स्कूल जाने वाले बच्चों में फ्लू बहुत आम है, यह संपर्क, बूंदों या एरोसोल तरीकों से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। आम तौर पर फ्लू नाक बहने, तेज बुखार, खांसी, आंखें लाल होना, सिरदर्द और शरीर में दर्द के रूप में प्रकट होता है। आमतौर पर, बच्चे को फ्लू से ठीक होने में लगभग 3 से 5 दिन लगते हैं।

कभी-कभी यह वायरल निमोनिया या ब्रोंकियोलाइटिस जैसी जटिलताओं का कारण बन सकता है, जहां बच्चे को तेजी से सांस लेने, कम संतृप्ति, उनींदापन, खराब सेवन की समस्या हो सकती है, अस्पताल में प्रवेश और कभी-कभी आईसीयू देखभाल की आवश्यकता हो सकती है।
 
यह हमेशा कहा जाता है कि रोकथाम इलाज से बेहतर है लेकिन माता-पिता को पता नहीं होता कि वह ऐसा क्या करें कि उनके बच्चे को फ्लू से बचाया जा सके। 

अपने बच्चे को फ्लू से बचाने के लिए ये काम 

1- फ्लू के दौरान सबसे पहले माता-पिता को अपने बीमार बच्चे को स्कूल भेजने से रोकना चाहिए। मानसून के समय कोशिश करें कि बच्चे बाहर और स्कूल कम जाए क्योंकि बाहर फ्लू का खतरा अधिक होता है। बाहर जाने के बजाय बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई करें तो अच्छा है। 

2- बीमारी के दौरान उचित दवा का उपयोग करना, स्व-दवा और स्व-एंटीबायोटिक के उपयोग से बचना चाहिए। कोई भी दवा खिलाने से बेहतर है कि आप किसी डॉक्टर को दिखा कर बच्चे को दवा दें। 

3- हाथ की अच्छी स्वच्छता बनाए रखें। बच्चे का समय-समय पर हाथ धुलवाते रहे जिससे कीटाणु उनके हाथों पर न रूके। 

4- बाल रोग विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार वार्षिक रूप से फ्लू शॉट लें। 

हालांकि, फ्लू को लेकर कई आम मिथक है जो खूब प्रचलित है और हम इसे मानते भी है लेकिन आपके इसके असल कारणों के बारे में जानना जरूरी है। 

- दूध देने से छाती में जमाव बढ़ जाता है? 

सबसे ज्यादा हम ये सुनते हैं कि दूध देने से छाती में दूध जमा हो जाता है लेकिन यह सच नहीं है। फ्लू में दूध दिया जा सकता है क्योंकि बच्चा अन्य भोजन स्वीकार नहीं करेगा इसलिए दूध देने से पोषण और जलयोजन बना रहेगा।

- फ्लू के दौरान फल नहीं देने चाहिए?

फ्लू के दौरान सभी फल दिये जा सकते हैं। फलों को खाने से बच्चे को पोषक तत्व मिलता रहेगा। 

- साल में सिर्फ एक बार ही हो सकता है फ्लू? 

नहीं, फ्लू एक वर्ष में एक से अधिक बार हो सकता है, स्कूल जाने वाले बच्चों में एक वर्ष में फ्लू के 5 से 6 एपिसोड हो सकते हैं क्योंकि हर बार संक्रामक एजेंट अलग-अलग वायरस हो सकते हैं।

- क्या फ्लू के दौरान बच्चों को नहलाना नहीं चाहिए?

फ्लू के दौरान भी बच्चे को रोजाना नहलाना चाहिए। आप चाहे तो गर्म पानी से बच्चे को नहला सकते हैं।

- प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है? 
नहीं, हर साल नए स्ट्रेन के साथ फ्लू के टीके देने से नए स्ट्रेन के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।

(डिस्क्लेमर: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें। लोकमत हिंदी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।)

Web Title: Flu in children Children are falling sick more with the changing weather so are you making these mistakes Know this important thing now

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