वाहनों से निकलने वाला काला धुआं बढ़ा रहा ग्लोबल वार्मिंग : अध्ययन
By भाषा | Published: December 15, 2018 05:50 PM2018-12-15T17:50:14+5:302018-12-15T17:50:14+5:30
ध्ययन के मुताबिक ज्वलन (कंबशन) प्रक्रियाओं से निकलने वाले अशुद्ध कार्बन कण वायु प्रदूषण के लिए अहम तरीके से जिम्मेदार होते हैं क्योंकि उनमें भारी धातु एवं ऐसे हाइड्रोकार्बन (पीएएच) मौजूद होते हैं जो जहरीले हैं।
विकासशील देशों में सड़क यातायात से निकलने वाला काला धुआं (अशुद्ध कार्बन कण युक्त) काफी ऊंचाई तक पहुंच कर वायुमंडल में दूर-दूर तक बिखर सकता है जिससे ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती है। एक अध्ययन में ऐसा पाया गया है।
जर्मनी की लेबनीज इंस्टीट्यूट फॉर ट्रोपोस्फेरिक रिसर्च (ट्रोपोस) के अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग घटाने और विकासशील देशों में विकसित हो रहे शहरी इलाकों की आबादी के स्वास्थ्य को बचाए रखने के लिए डीजल कारों से निकलने वाले अशुद्ध कार्बन कण जैसे प्रदूषक तत्वों को सड़क यातायात से कम करना शीर्ष प्राथमिकता में शामिल होना चाहिए।
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अध्ययन के मुताबिक ज्वलन (कंबशन) प्रक्रियाओं से निकलने वाले अशुद्ध कार्बन कण वायु प्रदूषण के लिए अहम तरीके से जिम्मेदार होते हैं क्योंकि उनमें भारी धातु एवं ऐसे हाइड्रोकार्बन (पीएएच) मौजूद होते हैं जो जहरीले हैं।
अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि यह अध्ययन वायु गुणवत्ता के नियमन को मजबूत करने की दिशा में सहायक हो सकता है। यह अध्ययन ‘‘एटमॉस्फेरिक इन्वायरनमेंट’’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।