क्या आप भी नींद में बड़बड़ाते है तो जान लें इसके पीछे का कारण, समस्या से ऐसे करें खुद का बचाव
By आजाद खान | Published: August 28, 2023 10:53 AM2023-08-28T10:53:13+5:302023-08-28T11:00:36+5:30
जानकार डिप्रेशन और सही से नींद नहीं लेने को नींद में बोलने की समस्या का मुख्य कारण बताते है। वे लोगों को डिप्रेशन और तनाव से मुक्त रहने की सलाह देते है।
Sleep Talking: आजकल बिजी शेड्यूल के कारण लोग सही से नींद नहीं पूरा कर पा रहे है जिस कारण उन्हें तमाम तरह की नई-नई बीमारियां हो रही है। उन बीमारियों में एक और बीमारी यह भी है कि नींद में बोलने की बीमारी। आजकल यह समस्या काफी आम हो गई है और ज्यादातर लोगों में यह परेशानी देखने को मिल रही है।
इस बीमारी से न केवल बढ़े बल्कि बुजुर्ग और बच्चे भी इससे परेशान है और वे इससे नीजात पाना चाहते है। ऐसे में आज के इस लेख में हम यही जानने की कोशिश करेंगे कि यह नींद में बोलने की समस्या है क्या और यह लोगों में क्यों होती है। यही नहीं आज के इस लेख में हम इसके बचाव को भी जानने की कोशिश करेंगे।
नींद में बोलने की बीमारी क्या है
दरअसल, नींद में बोलने की बीमारी एक तरह का ड्रीम डिसऑर्डर है जिसे पैरासोम्निया (Parasomnia) कहा जाता है। इसमें लोग नींद में बोलने के आदी होते हैं जिसमें कुछ लोग ऐसा बोलते हैं जिसे दूसरे लोग समझ नहीं पाते है। हालांकि यह पता लगाना काफी मुश्किल होता है कि लोगों में यह समस्या क्यों है, जानकार इसके पीछे कई कारण बताते है। आइए उन में से कुछ कारणों को यहां पर हम चर्चा कर लेते है।
नींद में बोलने के कारण
कई लोग धक जाने के कारण वो जल्दी सो जाते है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो धके होने के बावजूद भी सो नहीं पाते है और वे इससे परेशान रहते है। यह भी एक कारण है जिससे लोग नींद में भी बोलते है। नींद में बोलने का एक कारण डिप्रेशन भी हो सकता है। इससे पीड़ित लोग रात में भी सोचते रहते है जिससे वह इससे संबंधित सपना देखते रहते है।
यही नहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो रात में पूरा नींद नहीं लेते है जिससे उन्हें कई और समस्याओं के साथ नींद में बोलने की भी परेशानी होती है। इसके अलावा कई बार ऐसा देखा गया है कि लोग तेज बुखार के कारण भी रात में बड़बड़ाते है। ऐसे में रात में नींद में बोलने की समस्या से बचने के लिए आप नीचे बताए गई उपायों को देख सकते है।
ऐसे लोगों को भरपूर नींद लेने की कोशिश करना चाहिए।
तनाव और चिंता से दूर की भी कोशिश करनी चाहिए।
खुद पर डिप्रेशन को हावी होने से रोकना चाहिए।
पॉजिटिव सोचें और फिट रहें।
मेडिटेशन भी कर सकते है।
अपनी मनपसंदीदा एक्टिविटीज़ भी आप कर सकते है।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Lokmat Hindi News इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले या इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टरों से जरूर संपर्क करें।)