Dengue In Children: बच्चों में दिखें ये लक्षण तो हो सकता है डेंगू का खतरा, जानें क्या करें क्या न?
By अंजली चौहान | Published: July 28, 2023 04:01 PM2023-07-28T16:01:02+5:302023-07-28T16:01:56+5:30
उत्तर भारत में हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण डेंगू के प्रकोप को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
नई दिल्ली: मानसून के दस्तक देते ही कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। बारिश के कारण पनपनी बीमारियां सबसे ज्यादा बच्चों को अपना शिकार बनाती है और इससे काफी दिक्कते पैदा हो जाती है। इस मौसम में सबसे ज्यादा जिस बीमारी से खतरा है वो है डेंगू।
उत्तर भारत में बरसात के बाद आई बाढ़ ने जहां परेशानी खड़ी की है वहीं अब डेंगू के मामले सामने आने लगे हैं। अस्पतालों में डेंगू के कई मामले देखने को मिल रहे हैं जिसमें बच्चों के केस ज्यादा है।
कैसे फैलता है डेंगू?
डेंगू बुखार एडीज एजिप्टी मच्छर द्वारा फैलता है जो रुके हुए पानी में पनपता है। बारिश या बाढ़ के दौरान पानी विभिन्न स्थानों में जमा हो जाता है जो मच्छरों को प्रजनन के लिए एक आदर्श स्थान प्रदान करता है।
डेंगू के सबसे ज्यादा मामले राजधानी दिल्ली में देखे जा रहे हैं जहां 100 से ज्यादा मामले सामने आए हैं और इसमें बच्चों की संख्या ज्यादा है।
डेंगू से पीड़ित बच्चे में दिखते हैं ये लक्षण
बच्चे अपने नाजुक शरीर के कारण डेंगू के खतरनाक प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं और यह बीमारी बुखार से लेकर डेंगू रक्तस्रावी बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम तक तेजी से बढ़ सकती है जिसके घातक परिणाम हो सकते हैं। बच्चों को अक्सर तेज बुखार, सिरदर्द और शरीर में दर्द की समस्या होती है।
कम प्लेटलेट काउंट जैसी जटिलताओं के विकास के साथ, उन्हें नाक, मसूड़ों, आंतों से रक्तस्राव, सांस लेने में कठिनाई, हाथों, चेहरे, पैरों में सूजन और निम्न रक्तचाप हो सकता है। ये लक्षण गंभीर डेंगू होने पर दिखाई देते हैं। ऐसे में उनका तुरंत इलाज करना जरूरी है और फौरन डॉक्टर को दिखाकर इसका इलाज संभव है।
डेंगू से बचने के लिए क्या करें क्या न
1- डेंगू के मच्छरों को फैलने से रोकने के लिए घर में और उसके आस-पास जल जमाव को दूर करें। गमलों, कूलर, बर्तनों और पानी की टंकियों आदि में पानी जमा होने न दें। अगर पानी जमा होता है तो इसे साफ करें वरना मच्छर यहां पनपते हैं।
2- घर में मच्छरों के प्रवेश को रोकने के लिए खिड़की और दरवाजे पर जाली का प्रयोग करें।
3- घरों में बिस्तरों पर मच्छरदानी और कीटनाशकों को उपयोग करें।
4- मानसून के समय घर से कम निकलना चाहिए ताकि आपको गंदगी न छू सकें और मच्छर न काटे। हालांकि, अगर आप बाहर जा रहे तो मच्छरों के लिए कीटनाशक क्रीम लगाकर जाए।
5- लंबी बाजू वाले कपड़ों को बच्चों को पहनाएं और खुद भी पहुंचे ताकि मच्छर आपको अपना शिकार न बनाए।
6- भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करते रहें क्योंकि बारिश के ठंडे मौसम में प्यास कम लगती है ऐसे में आपके शरीर को पूरा पानी नहीं मिल पाता। मगर आपको ऐसा नहीं करना और पानी पीते रहे। इसके साथ ही ताजा जूस, सूप, ओआरएस, नारियल पानी जैसी चीजों का भी सेवन करें।
हालांकि, फिर भी जिन लोगों को बुखार हो जाए या फिर उन्हें शरीर में दर्द, सिरदर्द, नेत्रगोलक में दर्द के साथ जुड़ा हो, तो उसे तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। कुछ गंभीर खतरे के संकेतों को ध्यान में रखें जैसे लगातार उल्टी, सांस फूलना, अत्यधिक सुस्ती, कम मूत्र उत्पादन, शरीर के किसी भी हिस्से से रक्तस्राव और बेहोशी जिसके लिए तत्काल उपचार की आवश्यकता होगी।
(डिस्क्लेमर: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें। लोकमत हिंदी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।)