कोरोना के बाद बढ़ रहा है डेंगू का खतरा, जानिए इसके लक्षण और बचाव
By रुस्तम राणा | Published: October 21, 2021 02:45 PM2021-10-21T14:45:50+5:302021-10-21T14:47:05+5:30
अगर डेंगू हो जाने पर लापरवाही बरती जाती है तो यह बीमारी जानलेवा हो सकती है। एक स्टडी के मुताबिक हर साल दुनियाभर में डेंगू बुखार से 2 करोड़ लोग प्रभावित होते हैं। बड़ों के मुकाबले बच्चों में यह बीमारी का असर ज्यादा होता है।
शहर शहर डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। दिल्ली में डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं। राजधानी में अब तक 700 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। यहां एक दो-तीन हफ्तों तक डेंगू का प्रभाव देखा जा सकता है। अगर डेंगू हो जाने पर लापरवाही बरती जाती है तो यह बीमारी जानलेवा हो सकती है। एक स्टडी के मुताबिक हर साल दुनियाभर में डेंगू बुखार से 2 करोड़ लोग प्रभावित होते हैं। बड़ों के मुकाबले बच्चों में यह बीमारी का असर ज्यादा होता है।
डेंगू बुखार का कारण
एडीज एजिप्टी नामक मादा मच्छर के काटने से डेंगू बुखार आता है। ये मच्छर रात की बजाय दिन में काटता है। ये मच्छर गर्मियों के दिनों में गंदे पानी में पैदा होते हैं और सर्दियों में जीवित नहीं रहते हैं। बारिश के मौसम में जुलाई से अक्टूबर तक इन मच्छरों का प्रकोप रहता है। यदि ये मच्छर किसी व्यक्ति को काटते हैं तो उस व्यक्ति को 3-5 या इससे ज्यादा दिनों तक बुखार रह सकता है।
डेंगू बुखार के लक्षण
बुखार आने के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन डेंगू बुखार के कुछ विशेष लक्षण होते हैं। जैसे मरीज को इसमें ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार आता है। सिर, आखों, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द की शिकायत देखने को मिलती है। भूख नहीं लगती है, जी मचलाता है और मुंह का स्वाद भी बिगड़ जाता है। शरीर में बहुत ज्यादा कमजोरी हो जाती है और शरीर में लाल रैश हो जाते हैं।
डेंगू से बचाव
डंगू से बचाव के लिए सबसे पहले आपको अपने आसपास गंदा पानी जमा नहीं होने चाहिए। क्योंकि इसी में ये मच्छर पैदा होते हैं। टायरों, गमलों, कूलरों में अधिक दिनों का पानी एकत्रित नहीं होने दें। शरीर को पूरी तरह ढक कर रखें। सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। डेंगू के लक्षण होने पर किसी तरह की लापरवाही न बरतें। इस दौरान मरीज की प्लेटलेट्स गिर जाती हैं। ऐसे में डॉक्टर की सलाह अनुसार दवाई लें। शरीर में पानी की कमी न होने दें।