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डेंगू बुखार के मरीजों में प्लेटलेट्स बढ़ाते हैं पपीते के पत्ते, डायबिटीज, कैंसर, बवासीर जैसे 10 रोगों का भी हैं काल

By उस्मान | Updated: July 10, 2019 10:57 IST

मानसून के मौसम में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और जलजनित बीमारियां हैजा, डायरिया, फंगल बुखार, उल्टी, खांसी, सर्दी, फ्लू आदि का भी बहुत खतरा होता है। डेंगू जैसे रोग सीधे किसी के शरीर में प्लेटलेट काउंट्स को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे इस बुखार से पीड़ित का जीवन खतरे में पड़ सकता है।

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मानसून के मौसम में बारिश की वजह से मच्छरों के पनपने का अधिक खतरा होता है। इस सीजन में मच्छरों से होने वाली जानलेवा बीमारियां जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और जलजनित बीमारियां हैजा, डायरिया, फंगल बुखार, उल्टी, खांसी, सर्दी, फ्लू आदि का भी बहुत खतरा होता है। डेंगू जैसे रोग सीधे किसी के शरीर में प्लेटलेट काउंट्स को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे इस बुखार से पीड़ित का जीवन खतरे में पड़ सकता है।

डेंगू को रोकने के लिए कोई टीका नहीं है और यही वजह है कि डेंगू के इलाज में प्राकृतिक और आसान उपचार अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। हालांकि शुरुआती पहचान पर विभिन्न उपचार किए जा सकते हैं। इन्हीं में से एक आम घरेलू उपचार पपीता के पत्तों का रस। पपीते के पत्ते कई औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। शरीर के कई रोग पत्तों के रस के उपयोग से दूर हो सकते हैं।

कई शोध बताती हैं कि पपीते के पत्तों का मेथी के साथ सेवन करने से कैंसर, दिल की बीमारी, डेंगू, ब्लड शुगर तथा आंतों में बसे परजीवियों को नष्ट करने में सफलता मिल सकती है। यह इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बनाते हैं और शरीर से डेंगू के विषैले जहर को निकालने मे मदद करते हैं।

पपीते के पत्तों में विटामिन ए, बी, सी, डी और ई, कैल्शियम और फाइबर पाए जाते हैं। पपीते के पत्ते का रस आपको डेंगू, मलेरिया, हार्ट अटैक, डायबिटीज और कैंसर से बचाता है। 

आयुर्वेद के अनुसार, औषधीय गुणों से भरपूर पपीते के पत्ते आपको कई गंभीर रोगों से बचाने में सहायक हैं। पपीते के पत्तों में विटामिन ए, बी, सी, डी और ई पाया जाता है साथ ही इसमें कैल्शियम भी पाया जाता है।  

1) प्लेटलेट्स बढ़ाने में सहायक

कई अध्ययनों में इस बात की पुष्टि की गई है कि पपीते के पत्तों का रस पीने से प्लेटलेट्स व आरबीसी काउंट बढ़ता है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है। इसलिए इनका इस्तेमाल डेंगू फीवर के इलाज के लिए किया जाता है।

2) कब्ज और बवासीर से बचाने में सहायक

पपीते को एक लैक्सेटिव के रूप में जाना जाता है, जो मल त्याग में सुधार करने और कब्ज़ से राहत दिलाने में सहायक है। इसके पत्तों का रस पीने से भी पेट संबंधी परेशानियों से बचने में मदद मिलती है। 

3) कैंसर से करते हैं बचाव

पपीते के पत्तों के रस में एंटी-ट्यूमर गुण होते हैं, जो कैंसर के कुछ प्रकार, विभिन्न एलर्जी विकार और इम्युनोसुप्पेर्सेंट रोगों की शुरुआत में देरी करने में मदद करते हैं। 

4) प्रोस्टेट कैंसर से करे बचाव

चूंकि पपीते के पत्तों में एंटी कैंसर गुण होते हैं इसलिए ये बढ़े हुए प्रोस्टेट की समस्या से निपटने और प्रोस्टेट कैंसर की शुरुआत में देरी करने के लिए जाने जाते हैं।

5) इम्युनिटी सिस्टम बनाते हैं मजबूत

अध्ययनों के अनुसार, पपीते के पत्तों के रस में भारी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। इसका जूस पीने से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम करने और किडनी, लीवर और पेट के स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। 

6) पीरियड्स के दर्द को करे दूर

पीरियड्स में होने वाला दर्द बहुत जानलेवा होता है और ऐसे में अगर पपीते के पत्तों को इमली, नमक और 1 ग्लास पानी के साथ मिलाकर काढ़ा बनाया जाए और इसे ठंडा करके पिया जाए तो काफी आराम मिलता है।

7) इंफेक्शन से बचाए

शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने के साथ ही पपीते के पत्तों का जूस शरीर में बैक्‍टीरिया की ग्रोथ रोकने में भी सहायक है। यह खून में वाइट ब्‍लड सेल्‍स और प्‍लेटलेट्स को बढ़ाने में भी मदद करता है।

8) भूख बढ़ाने में सहायक

खराब जीवनशैली के चलते बहुत से लोगों को कम भूख लगती है। भूख बढ़ाने के लिए आप पपीते के पत्तों कि चाय बनाकर पी सकते हैं। इससे आपकी भूख बढ़ती है। 

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