Crying For Health: आम तौर पर हम रोना को गलत मानते है और इसे हम कायरता की निशानी समझते है। लेकिन ऐसा नहीं है, रोने के कई फायदे है जिसमें आपके सेहत को लेकर भी फायदा है। यही कारण है कि जानकार हमें यह सलाह देते है कि अगर कभी भी रोने का मन करे या रोना आए तो ऐसे में हमें रो लेना चाहिए। इससे आपके बॉडी को बहुत फायदा मिलता है। ऐसे में आइए जानते है कि रोने से हमारे शरीर को क्या-क्या फायदे मिलते है।
रोने के फायदे (Crying Benefits)
जानकारों की माने तो जिन लोगों को अकसर रोना आ जाता है वो आम लोगों के मुकाबले स्वस्थ दिखते हैं। ऐसे में फिट रहने के लिए और भी चीजों के अलावा रोना भी जरूरी होता है। तो आइए जानते है कि रोने के क्या लाभ हैं।
1. मानसिक थकान हो जाती है खत्म (Crying Removes Mental Stress)
रोने का सबसे बड़ा फायदा शरीर को यह होता है कि इससे मानसिक थकान खत्म हो जाती है। अगर आप मानसिक रूप से परेशान है और आपको रोना आ रहा है तो ऐसे में आप रो लिया कीजिएगा। रोने के बाद आपको नींद भी आ सकती है, ऐसे में आप सो भी लिया कीजिए। इससे आपको बहुत राहत मिलेगी।
2. लाइट फील होता है महसूस (Crying Feels you Light)
जब कभी भी आपको ऐसा महसूस होता है कि आपका शरीर भारी हुआ है और ऐसे में आपको रोना भी आ रहा है तो आप रो लिया कीजिएगा। इससे आपका बॉडी भी हल्की होगा और आप भी लाइट फील करेंगे। सीने में जमा भारीपन और सिर पर लदा बोझ भी रोने से दूर हो जाता है और इससे आप रिलैक्स फील करते हैं।
3. नई ऊर्जा फील होती है रोने के बाद (Crying Gives you New Energy)
आपको बता दें कि रोने और उसके बाद नींद आने पर सो जाने से आपके शरीर को एक नई ऊर्जा फील होती है। इसके बाद जो भी काम आप करेंगे उसमें आपका मन भी लगेगा और इससे आपकी प्रोडक्टिविटी भी बढ़ेगी। यही कारण है कि इससे लोग रोना आने पर रोने की सलाह देते है।
4. विचारों में आती है स्पष्टता (Crying Helps to Express)
अकसर आपने देखा होगा कि मन भारी होने पर आप कुछ भी कहने या सुनने के लायक नहीं रहते हैं। इस हालत में आप अपने विचार को भी सही से स्पष्ट नहीं कर पाते है। जब कभी भी आप ऐसा फील करें और रोने का मन हो, तब आप रोया करें। इससे आपका मन हल्का होगा और आप अपनी बात और विचार को स्पष्ट कर पाएंगे।
5. आंखों की हो जाती है सफाई (Crying Clean your Eyes)
रोने से आंखो्ं की सफाई भी हो जाती है। जब कभी भी आप रोते हो तो ऐसे में आंखों की मसल्स का तनाव भी कम हो जाता है। यही नहीं आंखों के पीछे मौजूद कोशिकाओं, उत्तकों में भी मजबूती आती है। एक तरफ से कह ले कि आपकी आंखों की पूरी सफाई ही हो जाती है। इसलिए जब भी मन करे तो रो लिया कीजिए।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Lokmat Hindi News इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले या इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टरों से जरूर संपर्क करें।)