COVID effect: ठीक होने के बाद भी पीछा नहीं छोड़ रहा है कोरोना, व्यक्ति में पाए गए बवासीर जैसे लक्षण

By उस्मान | Updated: October 4, 2021 12:00 IST2021-10-04T12:00:45+5:302021-10-04T12:00:45+5:30

कोरोना के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं, जो नया लक्षण मिला है वो बवासीर जैसा है

COVID effect: a Japanese man report a mysterious post COVID illness known as Restless Anal Syndrome | COVID effect: ठीक होने के बाद भी पीछा नहीं छोड़ रहा है कोरोना, व्यक्ति में पाए गए बवासीर जैसे लक्षण

कोरोना के लक्षण

Highlightsलक्षणों को नजरअंदाज न करेंजापान में एक व्यक्ति में मिला अजीब लक्षणगुदा के अंदर हो रही थी बेचैनी

कोरोना वायरस के लक्षण तेजी से बढ़ रहे हैं। यह गंभीर संक्रमण संक्रमित लोगों पर लंबे समय तक प्रभाव छोड़ता है। लंबे चलने वाले लक्षणों को लॉन्ग कोविड कहा जाता है। लगातार खांसी, थकान से लेकर गंध और स्वाद की लगातार कमी तक कोरोना वायरस ने लोगों के जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

एक नई रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव में एनल यानी गुदे से जुड़ी एक नई समस्या जुड़ गई है जिसे 'रेस्टलेस एनल सिंड्रोम' (Restless Anal Syndrome) के रूप में जाना जाता है। बताया जा रहा है कि यह समस्या जापान के एक बूढ़े व्यक्ति में देखी गई है, जो पहले कोरोना से संक्रमित था और उसके हल्के लक्षण विकसित हुए थे।

रेस्टलेस एनल सिंड्रोम क्या है?
जापान में एक 77 वर्षीय व्यक्ति को हाल ही में 'रेस्टलेस एनल सिंड्रोम' नामक एक स्थिति का पता चला। इसमें गुदा के भीतर दर्द और असुविधा होती है। रिपोर्ट के अनुसार, वह व्यक्ति हाल ही में कोरोना से उबरा था।

बीएमसी इंफेक्शियस डिजीज में प्रकाशित केस स्टडी में बताया गया है कि हफ्तों तक ठीक होने और रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद गुदा में पेरिनियल क्षेत्र से लगभग 10 सेमी दूर बेचैनी और असुविधा विकसित हुई।

रेस्टलेस एनल सिंड्रोम लक्षण क्या हैं?
डॉक्टरों के अनुसार, बूढ़े को अपनी आंतों को हिलाने की इच्छा महसूस हुई, हालांकि, मल त्यागने से उसका दर्द या बेचैनी कम नहीं हुई। कथित तौर पर, शाम के समय और आराम करने के दौरान उसके लक्षण बिगड़ गए। एक कोलोनोस्कोपी टेस्ट के परिणाम से पता चला कि उसे कुछ आंतरिक बवासीर होने के अलावा उसके मलाशय के अंदर कुछ भी गंभीर समस्या नहीं थी।

रेस्टलेस एनल सिंड्रोम गंभीर स्थिति है?
टोक्यो यूनिवर्सिटी अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, यह पाया गया कि आदमी द्वारा दिखाए गए लक्षण रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (आरएलएस) के रोगियों द्वारा दिखाए गए लक्षणों के जैसे थे। 

केस स्टडी में शामिल विशेषज्ञों के अनुसार, रेस्टलेस लेग सिंड्रोम एक कॉमन न्यूरोलॉजिकल, सेंसरिमोटर' डिसऑर्डर है, जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की शिथिलता से उत्पन्न होता है।

इसके लक्षणों में पीड़ित को पैर को हिलाने की इच्छा होती  है और यदि शरीर आराम कर रहा है तो यह बिगड़ जाता है, जो बेचैन गुदा सिंड्रोम के लक्षणों से मेल खाता है।  

इलाज
केस स्टडी में कहा गया है कि "गुदा की परेशानी" को क्लोनाज़ेपम के एक कोर्स के माध्यम से कम किया गया था, जो दौरे का इलाज करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा है। इसके अलावा, चलने या दौड़ने जैसे व्यायाम ने बूढ़े व्यक्ति को आराम दिया।

Web Title: COVID effect: a Japanese man report a mysterious post COVID illness known as Restless Anal Syndrome

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