COVID-19 Vaccine: कोविड-19 वैक्सीन ट्रायल में पहली मौत, जारी रहेगा ट्रायल, कोरोना टीके के 3 बड़े साइड इफेक्ट्स
By उस्मान | Published: October 22, 2020 03:57 PM2020-10-22T15:57:14+5:302020-10-22T15:57:14+5:30
कोरोना संकट का सामना कर रही पूरी दुनिया को अब सिर्फ वैक्सीन का इंतजार है। परीक्षण के दौरान इस तरह की घटनाओं से एक बड़ा झटका लगा है।
ब्राजील की स्वास्थ्य एजेंसी एनविसा ने कहा कि एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित कोविड-19 वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के दौरान एक वालंटियर की मृत्यु हो गई थी, बावजूद इसके वैक्सीन का ट्रायल जारी रहेगा।
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑक्सफोर्ड ने ट्रायल जारी रखने की योजना की पुष्टि की है। उसने एक बयान में कहा कि सावधानीपूर्वक मूल्यांकन के बाद 'क्लिनिकल ट्रायल की सुरक्षा को लेकर कोई चिंता की बात नहीं है।'
हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रायल के दौरान वालंटियर को वैक्सीन या एक प्लेसबो की डोज दी गई थी या नहीं। इस मामले से परिचित एक सूत्र ने रायटर को बताया कि अगर वालंटियर की मृत्यु इससे हुई होती, तो ट्रायल को निलंबित कर दिया जाता था, व्यक्ति नियंत्रण समूह का हिस्सा था जिसे मेनिन्जाइटिस जैब दिया गया था।
कोरोना वायरस वैक्सीन के ट्रायल के अन्य साइड इफेक्ट्स
वैक्सीन को कोरोना से निपटने के लिए एक मजबूत हथियार के रूप में देखा जा रहा है लेकिन अब इसके भी दुष्प्रभाव सामने नजर आने लगे हैं। ह्यूमन ट्रायल के दौरान कई वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स नजर आये हैं जिसकी वजह से ट्रायल को बीच में ही रोकना पड़ा है।
जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स
हाल ही में अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन को अपनी कोरोना वायरस की वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण को रोकना पड़ा है। बताया जा रहा है कि यह परीक्षण इसलिए रोकना पड़ा है क्योंकि ट्रायल के दौरान 6000 वालंटियर्स में से एक में 'अस्पष्टीकृत' बीमारी की सूचना मिली थी।
खैर, इस परीक्षण ने स्पष्ट कर दिया है कि हमें कोरोना वायरस की वैक्सीन के लिए सिर्फ एक ही उम्मीदवार पर निर्भर रहने के लेकर पहले सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी।
एली लिली ने रोका कोरोना वैक्सीन का ट्रायल
अमेरिका की एक और फार्म कंपनी एली लिली के वैज्ञानिकों ने भी तीसरे चरण के दो ट्रायल्स को रोक दिया है। हालांकि यह पता नहीं लग पाया है कि किस घटना की वजह से ये फैसला लिया गया है।
यह एक एंटीबॉडी कॉकटेल है, जो एक निवारक खुराक के रूप में काम करती है। यह उस समय विवादों में आई, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने उपचार के दौरान इसकी प्रभावकारिता दरों की प्रशंसा की थी।
एली लिली की हालिया दोषपूर्ण खोज ने केवल यह साबित किया है कि कोरोना वायरस के खिलाफ हमारी लड़ाई में पूरी तरह से किसी एक थेरेपी पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के भी दिखे दुष्प्रभाव
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वायरस वैक्सीन 'ChAdOx1 n' इस दौड़ में सबसे आगे है। हालांकि इस वैक्सीन के भी साइड-इफेक्ट सामने आने की खबर आई थी।
एस्ट्राजेनेका ने शुरुआत में कुछ नहीं बताया था और कहा था कि इंग्लैंड में एक वॉलंटियर 'गंभीर रूप से' बीमार हो गया। हालांकि बाद में पता चला कि ट्रायल के दौरान एक वॉलंटिअर में ट्रांसवर्स मायलाइटिस की कंडीशन पैदा हो गई थी। इसमें रीढ़ की हड्डी में सूजन हो जाती है जो इन्फेक्शन की वजह से हो सकती है।