Covid-19: भारत में कोरोना के मामले 75 लाख पार, जल्द शुरू होगा nassal COVID-19 vaccine का ट्रायल
By उस्मान | Published: October 19, 2020 10:45 AM2020-10-19T10:45:43+5:302020-10-19T10:45:43+5:30
जानिये नेजल कोरोना वायरस वैक्सीन कितनी असरदार है और इससे क्या-क्या फायदे होंगे
भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन से निकली इस महामारी से देश में अब तक 75 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 75,50,273 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमे से 7,72,055 सक्रिय मामले हैं। इस बीच सरकार ने दावा किया है कि देश में कोरोना वायरस की नेजल वैक्सीन का भी ट्रायल शुरू होगा।
कोरोना से अब तक 1,14,610 की मौत
कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 1,14,610 हो गई है. देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के 55,722 नए मामले सामने आए और 579 मरीजों की मौत हुई है। कुल संक्रमितों में से अब तक 66,63,608 लाख ठीक हो गए हैं।
अब तक 9,50,83,976 नमूनों की जांच
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार देश में 18 अक्टूबर तक कुल 9,50,83,976 नमूनों की जांच की गई, इनमें से 8,59,786 नमूनों की जांच रविवार को की गई। भारत उन कुछ देशों में है जहां रोजाना बड़ी संख्या में जांच की जा रही है। देश में प्रयोगशालाओं के बेहतर नेटवर्क और इस तरह की अन्य सुविधाओं से इसमें पर्याप्त सहायता मिली है।
सक्रिय मामले 8 लाख से कम
देश में कोरोना मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। कोरोना के सक्रिय मामले 8 लाख से कम हैं और कोरोना के कुल पॉजिटिव मामलों में सक्रिय मामलों का आंकड़ा 10.45 प्रतिशत है। 22 राज्यों में कोविड के 20,000 से कम सक्रिय मामले हैं।
देश में शुरू होगा कोरोना की नेजल वैक्सीन का ट्रायल
इस बीच सरकार ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस की नेजल वैक्सीन का क्लिनिकल परीक्षण शुरू किया जाएगा।यह परीक्षण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक द्वारा किया जाएगा। सरकार ने बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक नियामक मंजूरी मिलने के बाद नाक कोरोनोवायरस वैक्सीन का परीक्षण शुरू करेंगे।
वर्तमान में, भारत में कोरोना वायरस की एक भी नेजल वैक्सीन का ट्रायल नहीं चल रहा है। नेजल कोरोना वायरस वैक्सीन के परीक्षण के लिए, इंडियन बायोटेक ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी और सेंट लुइस यूनिवर्सिटी के साथ एक समझौता किया है।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एक संवाद में कहा, 'भारत बायोटेक ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत कंपनी सार्स-को-2 (Sars-CoV-2) के लिए इंट्रानैसल वैक्सीन का परीक्षण, उत्पादन और विपणन करेगी।
नेजल वैक्सीन क्या है (What is Nasal vaccine)
इस तरह के टीके में बजाय मुंह के नाक के जरिये खुराक दी जाती है। माना जाता है कि इससे खुराक श्वसन पथ में सही तरह जाती है। वैक्सीन को एक विशिष्ट नेजल स्प्रे के माध्यम से या एरोसोल वितरण के माध्यम से इंजेक्ट किया जाता है।
नेजल वैक्सीन कैसे काम करती है
वायरस आमतौर पर आपके शरीर में नाक के माध्यम से प्रवेश करता है। नाक का टीका आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को आपके रक्त में और आपकी नाक में प्रोटीन बनाने का कारण बनता है, जो आपको वायरस से लड़ने में मदद करता है। डॉक्टर एक छोटे सिरिंज के साथ आपकी नाक में वैक्सीन स्प्रे करेगा जिसमें कोई सुई नहीं है।
नेजल वैक्सीन कितनी प्रभावी है
नेजल वैक्सीन ने केवल कोरोना के खिलाफ रक्षा करती है, बल्कि यह इम्यूनिटी बढ़ाकर अन्य प्रकार के वायरस और रोगों के प्रसार को भी रोकती है जो मुख्य रूप से उन कोशिकाओं में होती है जो नाक और गले की रेखा बनाती हैं।
नेजल वैक्सीन म्यूकोसल झिल्ली और ऊतक में मौजूद प्रतिरक्षा कोशिकाओं को लक्षित करता है- जो व्यवस्थित रूप से और साथ ही फेफड़ों और आंतों जैसे अन्य साइटों में मौजूद म्यूकोसल प्रतिरक्षा प्रदान करता है। इसलिए यह घातक संक्रमण के खिलाफ अधिक सक्षम हो सकता है और हल्के लक्षणों को विकसित होने से भी रोक सकता है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)