भारत में कोरोना वायरस से मरने वालों का आंकड़ा एक लाख के करीब हो गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गुरुवार को 1095 लोगों की मौत हुई जिससे अब तक मृतकों की कुल संख्या 99,773 हो चुकी है।
संक्रमितों की संख्या 63 लाख पार
पिछले 24 घंटे में देश में एक बार 80 हजार से अधिर कोरोना के नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गुरूवार को 81,484 नए मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या अब 63,94,069 हो गई है।
देश में फिलहाल 9,42,217 एक्टिव केस
इसमें एक्टिव केस अभी 9,42,217 हैं। वहीं, 53,52,078 लोगों ठीक हो चुके हैं। देश में कोरोना से अब तक कुल 99,773 लोगों की मौत हो चुकी है।
अब तक 7,67,17,728 कोरोना टेस्ट
इस बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने बताया है कि देश में अब तक कोरोने के लिए 7,67,17,728 सैंपल के टेस्ट किए जा चुके हैं। इसमें कल यानी गुरुवार को ही 10,97,947 सैंपल की जांच की गई।
सितंबर में ही 26,21,418 मामले सामने आये
बता दें कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी को सामने आया था। इसके बाद आठ महीने में कुल मामलों की संख्या बढ़ कर 63 लाख के पार हो गई है। इसमें सिर्फ सितंबर में ही 26,21,418 मामले सामने आये हैं और यह कुल संख्या का 41.53 प्रतिशत है।
सितंबर में कोविड-19 के 33,390 मरीजों की मौत भी हुई, जो अब तक इस महामारी से हुई कुल मौतों का करीब 33.84 प्रतिशत है। सितंबर में 24,33,319 मरीज इस रोग से उबरे, जो देश में अब तक संक्रमण मुक्त हुए कुल 52,73,201 मरीजों का करीब 46.15 प्रतिशत है।
मृत्यु दर घटकर 1.56 प्रतिशत रह गई
बहरहाल, फिलहाल कोविड-19 से मृत्यु दर घटकर 1.56 प्रतिशत रह गई है। भारत में कोविड-19 के मामले सात अगस्त को 20 लाख के पार, जबकि 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख के पार चले गए थे। संक्रमितों की संख्या 16 सितंबर को 50 लाख से अधिक हो गयी, जबकि 28 सितंबर को कुल मामले 60 लाख से अधिक हो गए थे।
राज्यों में मृत्यु दर अलग होने के पीछे के कारण
भारत में लोगों में आनुवांशिक उत्परिवर्तन (जीन म्यूटेशन) में भिन्नता, देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण होने वाली मृत्यु दर में भिन्नता का एक मुख्य कारण हो सकता है। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है और इससे कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए बनने वाली नयी नीतियों में मदद मिल सकती है।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के शोधकर्ताओं की अगुवाई वाले एक अंतरराष्ट्रीय दल ने 'एंजिओटेनसिन कन्वर्टिंग एंजाइम 2(एसीई2) की उत्पत्ति के लिए जिम्मेदार जीन में उत्परिवर्तन का अध्ययन किया। यह कोशिकाओं की सतह पर मौजूद एक प्रोटीन है, जिसे कोरोना वायरस संक्रमण के किसी इंसान में जाने का मुख्य स्रोत माना जाता है।
'जर्नल 'फ्रंटियर्स इन जेनेटिक्स' में शोधकर्ताओं ने भारत के विभिन्न राज्यों में इस उत्परिवर्तन की आवृत्ति का अध्ययन किया। इसे आरएस 2285666 हाप्लोटाइप कहा गया।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)