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Covid third wave: एक्सपर्ट्स ने बताया, तीसरी लहर में बच्चों में क्या होंगे लक्षण, माता-पिता बच्चों को कैसे बचाएं, संक्रमित होने पर क्या करें

By उस्मान | Updated: June 4, 2021 10:55 IST

बताया जा रहा है कि तीसरी लहर कभी भी आ सकती है और इसमें बच्चे अधिक प्रभावित होंगे

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ठळक मुद्देबताया जा रहा है कि तीसरी लहर कभी भी आ सकती है तीसरी लहर में बच्चे अधिक प्रभावित हो सकते हैंलक्षणों पर रखें नजर

भारत में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर जारी है। तीसरी लहर में लाखों लोग संक्रमित हुए और हजारों लोगों की मौत हो गई और यह सिलसिला अभी जारी है। विशेषज्ञों ने कुछ महीनों में तीसरी लहर की भविष्यवाणी की है जिसमें बच्चों और 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों के सबसे अधिक प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। 

कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। अस्पतालों में बच्चों के डॉक्टर और बाल चिकित्सा वार्डों में बिस्तरों ई संख्या बढ़ाई जा रही है। ऐसे में सवाल यह है कि माता-पिता को अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए क्या करना चाहिए? 

दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में बाल विकास क्लिनिक के निदेशक डॉ प्रवीण सुमन ने द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि माता-पिता को अपने बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए किन सावधानियों का पालन करना चाहिए और बच्चों के मामले में क्या कदम उठाए जाने चाहिए। 

तीसरी लहर में बच्चों में कैसे होंगे कोरोना के लक्षणडॉक्टर ने बताया कि बच्चों में कोरोना वायरस के लक्षण बहुत कम नजर आते हैं या बहुत हल्के होते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि तीसरी लहर में भी बच्चों में कम लक्षण नजर आ सकते हैं। हालांकि कई मामलों में मध्यम से गंभीर लक्षण भी देखने को मिले हैं। 

बच्चों के संक्रमित होने पर क्या करेंवैसे तो बच्चों में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आते लेकिन आपको फिर भी उनके लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए। संक्रमित होने के दो से छह हफ्ते के बीच बच्चों में मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमआईएस) के लक्षण नजर आ सकते हैं। इसके लक्षण महसूस होने पर आपको तुरंत इलाज शुरू करा देना चाहिए। 

हल्के लक्षणों में क्या करेंअगर बच्चे में हल्के लक्षण हैं और उसकी उम्र दस साल से ज्यादा है, तो उसे घर में अलग रखें और उस दौरान कोरोना नियमों का पालन करें। खासकर डाइटका ध्यान रखें। अगर लक्षण गंभीर हो रहे हैं, तो तुरंत अस्पताल जाना चाहिए। 

घर में बच्चों को किस तरह का खाना देंहोम आइसोलेशन के दौरान बच्चों को हेल्दी डाइट दें और उसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होनी चाहिए। इसके अलावा बच्चों को तरल पदार्थों की कमी न होने दें। डायरिया या दस्त जैसी समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। 

गंभीर लक्षण के मामले में क्या करें अगर बच्चे को सांस लेने में परेशानी हो रही है, भूख की कमी है, नाक की समस्या है, ऑक्सीजन की कमी है, पेट की गड़बड़ के लक्षण हैं, तो ऐसे में आपको अस्पताल जाना चाहिए। 

बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए क्या करें बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए चार चीजें बहुत जरूरी हैं जिसमें हेल्दी डाइट, नींद, एक्सरसाइज और मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना शामिल है। जंक फूड से बचें, हाइड्रेट रहें, पर्याप्त नींद लें, रोजाना एक्सरसाइज करें।  

इन बातों का रखें ध्यान बच्चों में तनाव या चिंता पैदा न होने दें, उनसे बात करें, उनके साथ समय बिताएं। उन्हें महामारी के बारे में बताएं। उनका टीवी देखना कम करें और अपना समय दें। परिवार के कामों में व्यस्त रखें, घर के बाहर न जाने दें। किसी भी लक्षण या परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

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