COVID in Kids: बच्चों में कोरोना के 12 लक्षणों को समझें, जानिये कोरोना पॉजिटिव बच्चों की देखभाल कैसे करें माता-पिता

By उस्मान | Updated: May 15, 2021 14:27 IST2021-05-15T14:27:23+5:302021-05-15T14:27:23+5:30

अधिकतर बच्चों में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आते, होते भी हैं तो बहुत हल्के होते हैं

COVID-19 symptoms in kids in Hindi: Health ministry listed several ways and guidelines to identify if children have Covid-19 symptoms and how to manage the condition | COVID in Kids: बच्चों में कोरोना के 12 लक्षणों को समझें, जानिये कोरोना पॉजिटिव बच्चों की देखभाल कैसे करें माता-पिता

बच्चों में कोरोना के लक्षण

Highlightsअधिकतर बच्चों में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आते, होते भी हैं तो बहुत हल्के होते हैंकिसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करेंबीमारी का पता लगाने के जांच जरूर कराएं

भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमितों और मृतकों का आंकड़ा आसमान छू रहा है। कोरोना के नए रूप बच्चों को भी प्रभावित कर रहे हैं। 

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने यह पहचानने के लिए कई तरीके और दिशानिर्देश सूचीबद्ध किए हैं कि क्या बच्चों में कोविड-19 के क्या-क्या लक्षण हैं और उन्हें कैसे प्रबंधन करें।

बच्चों में कोरोना के लक्षण

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा कि 'कोविड -19 संक्रमण वाले अधिकांश बच्चों में या तो लक्षण नहीं होते हैं या फिर बहुत हल्के लक्षण होते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बच्चों में सामान्य लक्षणों में बुखार, खांसी, सांस फूलना या सांस लेने में तकलीफ, थकान, गले में खराश, मायलगिया (मांसपेशियों में दर्द), राइनोरिया (नाक से ज्यादा पानी या गाढ़ा बलगम आना), दस्त, गंध की कमी, स्वाद की हानि हो सकते हैं।

इनके अलावा कुछ बच्चे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल यानी पेट की गड़बड़ी से जुड़े लक्षण महसूस कर सकते हैं। मंत्रालय ने यह भी नोट किया कि बच्चों में सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के रूप में जाना जाने वाला एक नया सिंड्रोम भी देखा गया है, ऐसे मामलों में लगातार बुखार होता है।

बच्चों को कोरोना होने पर माता-पिता क्या करें

जिन बच्चों में लक्षण नहीं हैं और वो पॉजिटिव हैं, तो उन्हें घर पर ही मैनेज किया जा सकता है। मंत्रालय ने कहा कि ऐसे बच्चों की पहचान स्क्रीनिंग के दौरान की जाती है, अगर परिवार के सदस्यों की पहचान कोविड पॉजिटिव के रूप में होती है। 

उन्हें लक्षणों के विकास और बाद के उपचार के लिए निगरानी की आवश्यकता होती है। इस बीच, मध्य रोगों वाले बच्चों में गले में खराश, खांसी या सांस लेने में थोड़ी समस्या हो सकती है, जिसके लिए किसी जांच की आवश्यकता नहीं होती है। स्वास्थ्य मंत्रालय की सिफारिश है कि ऐसे बच्चों को होम आइसोलेशन और रोगसूचक उपचार के साथ घर पर ही प्रबंधित किया जाना चाहिए।

मंत्रालय ने एक ट्वीट में दिल की बीमारी, फेफड़ों की पुरानी बीमारी, पुराने अंगों की बीमारी वाले बच्चों को घर पर रखने और घर पर इलाज कराने की भी सिफारिश की है।

देश में कोविड-19 के 3.26 लाख नये मामले, 3,890 मरीजों की मौत

देश में एक दिन में 3,26,098 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के बाद कोविड-19 के मामले बढ़कर 2,43,72,907 हो गए हैं, जबकि 3,890 और मरीजों की मौत होने के बाद मृतक संख्या बढ़कर 2,66,207 हो गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, कोविड-19 का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या गिरकर 36,73,802 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 15.07 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर सुधरकर 83.83 प्रतिशत हो गई है।

आंकड़ों के मुताबिक, बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या 2,04,32,898 हो गई है जबकि संक्रमण से मृत्यु दर 1.09 प्रतिशत दर्ज की गई है। देश में कोविड-19 के मरीजों की संख्या पिछले साल सात अगस्त को 20 लाख को पार कर गई थी।

Web Title: COVID-19 symptoms in kids in Hindi: Health ministry listed several ways and guidelines to identify if children have Covid-19 symptoms and how to manage the condition

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