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Covid-19 Eta variant: कोरोना 'एटा वैरिएंट' कितना घातक है, क्या इससे तीसरी लहर का खतरा है ?

By उस्मान | Updated: August 13, 2021 15:20 IST

कोरोना के इस नए रूप का पहला मामला कर्नाटक में देखने को मिला है

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ठळक मुद्देकोरोना के इस नए रूप का पहला मामला कर्नाटक में देखने को मिला है एक्सपर्ट्स का दावा अभी इससे नहीं कोई खतरातीसरी लहर का कारण नहीं बनेगा एटा वैरिएंट

कोरोना वायरस के अब तक सबसे घातक रूप डेल्टा के बाद कर्नाटक में 5 अगस्त को कोरोना के एक और नए वैरिएंट 'एटा' (Eta Variant) की पहचान हुई है। बताया जा रहा है कि हाल में दुबई से लौटे एक व्यक्ति में यह नया वैरिएंट पाया गया है। चलिए जानते हैं कि एटा वैरिएंट कितना घातक है और क्या इसे लेकर चिंता की कोई बात है या नहीं।

एटा वैरिएंट क्या है?

एटा को B.1.525 के रूप में भी जाना जाता है। यह सार्स-को-2 वायरस स्ट्रेन है, जो E484K-म्यूटेशन को वहन करता है जैसा कि गामा, जेटा और बीटा वेरिएंट में पाया जाता है। अल्फा, बीटा, गामा के विपरीत, यह N501Y म्यूटेशन नहीं करता है।

रिपोर्टों के अनुसार, यह वायरल स्ट्रेन 69 और 70 की स्थिति में अमीनो एसिड हिस्टिडीन और वेलिन के समान विलोपन को भी वहन करता है, जो अल्फा, N439K वेरिएंट (B.1.141 और B.1.258) और Y453F वेरिएंट में पाया जाता है।

एटा वैरिएंट कितना घातक है ?

इसे लेकर अभी चिंता की बात नहीं है क्योंकि यह अभी 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' की श्रेणी में नहीं आता है। यह फिलहाल 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' की श्रेणी में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' सार्स-को-2 के प्रकार है जिसमें आनुवंशिक परिवर्तन होते हैं जो वायरस की विशेषताओं जैसे कि संक्रमण, रोग की गंभीरता, प्रतिरक्षा से बचने, या चिकित्सीय को प्रभावित करने के लिए जाने जाते हैं। 

एटा वैरिएंट अन्यों से कैसे अलग है?

WHO के अनुसार, एटा वैरिएंट अन्य सभी वैरिएंट से अलग है क्योंकि इसमें E484K और F888L दोनों म्यूटेशन हैं। वर्तमान में, वायरस का तनाव उच्च संचरण क्षमता और गंभीरता दर वाले अन्य घातक रूपों से संबंधित नहीं है।

एटा वैरिएंट से तीसरी लहर का खतरा नहीं

अब सवाल यह है कि क्या एटा वैरिएंट से तीसरी लहर का खतरा तो नहीं है ? एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि एटा वैरिएंट से कोरोना वायरस के संक्रमण की तीसरी लहर का कोई खतरा नहीं है। इसकी वजह यह है कि यह काफी पुराना वैरिएंट है। बस इसकी पहचान अब जाकर हुई है। 

यदि यह खतरनाक होता, तो अब तक इसके कई मामले सामने आ चुके होते। लेकिन, हाल के दिनों में इसके गिने-चुने मामले ही सामने आये हैं। इसलिए इससे डरने की जरूरत नहीं है. बस सावधानी बरतना जरूरी है।

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