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Covid-19 Crisis: उत्तर कोरिया में कोविड से हालात खराब, 269510 लोग बुखार से पीड़ित, 56 मरीजों की मौत, 1.48 करोड़ से अधिक लोग बीमार

By भाषा | Updated: May 17, 2022 18:32 IST

Covid-19 Crisis: चिकित्सा इकाइयों के अधिकारियों और गैर-कमीशन अधिकारियों को तैनात करना शुरू कर दिया, जो वायरस के संकट से निपटने के लिए दिन में 24 घंटे खुली रहेंगी। 

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ठळक मुद्देदेश के लोगों को अब तक कोविड रोधी टीके नहीं लगे हैं।कोरोनावायरस संक्रमण की पुष्टि करने वाले परीक्षण किट की भारी कमी है। संसाधनों की कमी को देखते हुए, प्रकोप निश्चित रूप से बुखार की तुलना में कहीं अधिक है।

Covid-19 Crisis:  उत्तर कोरिया ने मंगलवार को कोविड-19 मामलों में व्यावक वृद्धि की जानकारी दी। देश के लोगों को अब तक कोविड रोधी टीके नहीं लगे हैं और बिगड़ते हालात को देखते हुए दवा वितरण के लिये सैन्य अधिकारियों को तैनात किया गया है।

सरकारी मीडिया ने कहा कि वायरस रोधी मुख्यालयों की जानकारी के मुताबिक 2,69,510 और लोग बुखार से पीड़ित पाए गए हैं जबकि छह लोगों की मौत हो गई है। अप्रैल के आखिर से देश भर में तेजी से फैलने वाले बुखार के कारण उत्तर कोरिया में 56 मरीजों की मौत हो गई तथा एक करोड़ 48 लाख से अधिक लोग बीमार पड़ गए।

उत्तर कोरिया में कोरोनावायरस संक्रमण की पुष्टि करने वाले परीक्षण किट की भारी कमी है। सरकारी रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि बुखार के कितने मामले वास्तव में कोविड-19 के थे। बीमारों की निगरानी और उपचार के लिए परीक्षणों और संसाधनों की कमी को देखते हुए, प्रकोप निश्चित रूप से बुखार की तुलना में कहीं अधिक है।

विशेषज्ञों का मानना है कि अधिकतर बीमार लोगों को कोविड-19 का संक्रमण है। अधिकारियों ने बताया कि कम से कम 663,910 लोग अब भी पृथकवास में हैं। देश में 2.6 करोड़ आबादी के लिये टीकों की कमी तो है ही इसके अलावा देश कुपोषण और गरीबी से भी घिरा है ऐसे में आम जनता के लिए स्वास्थ्य संसाधनों, एंटीवायरल दवाओं और गहन चिकित्सा इकाई की भी कमी है। अन्य देशों में स्वास्थ्य अवसंरचना बेहतर होने पर संक्रमण के प्रभाव और मरीजों की मौत के मामलों में कमी देखी गई है।

कुछ विशेषज्ञों को संदेह है कि उत्तर कोरिया सत्तावादी नेता किम जोंग उन के लिए मुश्किलों को कम करने के वास्ते मरने वालों का आंकड़ा कम बता रहा है। किम की परमाणु महत्वाकांक्षाओं के कारण अमेरिकी नेतृत्व वाले प्रतिबंधों तथा कुप्रबंधन के कारण पहले से ही कमजोर हो चुकी अर्थव्यवस्था को महामारी ने और बर्बाद किया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले हफ्तों में उत्तर कोरिया में महामारी से संक्रमित व उससे जान गंवाने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है। उनका कहना है कि यह भी संभव है कि सजा की चिंता के चलते अधिकारियों द्वारा बुखार के मामलों की संख्या कम बताई जाती है या लोग पृथकवास में भेज दिए जाने के डर से अपने लक्षणों का खुलासा नहीं करते हैं।

उत्तर कोरिया ने पिछले बृहस्पतिवार को पहली बार घरेलू कोविड-19 संक्रमण को स्वीकार किया था। इससे उसका व्यापक रूप से संदिग्ध यह दावा खत्म हो गया कि समूची महामारी की अवधि में वह वायरस-मुक्त था। महामारी को “व्यापक उथल-पुथल” बताते हुए किम ने आवाजाही पर पाबंदी और पृथकवास जैसे उपाय लागू किए हैं।

हालांकि वायरस को लेकर चिंता जताने के बावजूद किम ने इस बात पर भी जोर दिया कि उनके आर्थिक लक्ष्यों को पूरा किया जाना चाहिए, यह दर्शाता है कि लोगों के बड़े समूह कृषि, औद्योगिक और निर्माण कार्यों के लिए इकट्ठा होते रहेंगे।

उत्तर कोरिया की आधिकारिक 'कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी' ने मंगलवार को कहा कि कोरियाई पीपुल्स आर्मी ने सोमवार को प्योंगयांग में फार्मेसियों में दवा के आवागमन में मदद के लिए अपनी चिकित्सा इकाइयों के अधिकारियों और गैर-कमीशन अधिकारियों को तैनात करना शुरू कर दिया, जो वायरस के संकट से निपटने के लिए दिन में 24 घंटे खुली रहेंगी। 

टॅग्स :कोरोना वायरसउत्तर कोरियाकिम जोंग उनवर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन
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