Covaxin vaccine: कोरोना के 617 प्रकारों को बेअसर करने में सक्षम कोवाक्सिन

By उस्मान | Updated: April 28, 2021 14:30 IST2021-04-28T14:27:23+5:302021-04-28T14:30:46+5:30

कोरोना के एयेह वैक्सीन भारत की पहली देसी वैक्सीन है

Covaxin vaccine: US Adviser Dr. Fauci said covaxin "Found To Neutralise" Indian 617 Variant | Covaxin vaccine: कोरोना के 617 प्रकारों को बेअसर करने में सक्षम कोवाक्सिन

कोवाक्सिन के फायदे

Highlightsकोरोना के कई वैरिएंट को खत्म कर सकती है वैक्सीनभारत में टीकाकरण ही बड़ा हथियार हो साबित हो सकता हैभारत के पहले देसी टीका है कोवाक्सिन

कोविड-19 से प्रतिरक्षा के लिए विकसित भारत का स्वदेशी टीका, कोवाक्सिन घातक वायरस के 617 प्रकारों को निष्प्रभावी करने में सक्षम पाया गया है। व्हाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार एवं अमेरिका के शीर्ष महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ एंथनी फाउची ने यह बात कही। 

उन्होंने कहा, 'यह कुछ ऐसा है जहां हमें रोजाना अब भी आंकड़े मिल रहे हैं। लेकिन सबसे ताजा आंकड़ों में कोविड-19 मरीजों के खून के सीरम और जिन लोगों को भारत में इस्तेमाल होने वाला कोवैक्सीन टीका दिया गया है उनको शामिल किया गया है। यह 617 प्रकारों को बेअसर करने वाला पाया गया है।'

फाउची ने कहा, 'इसलिए, भारत में हम जो मुश्किल हालात देख रहे हैं उसके बावजूद टीकाकरण इसके खिलाफ बहुत-बहुत प्रतिकारक हो सकता है।' 

कोवैक्सीन प्रतिरक्षा तंत्र को सार्स-सीओवी-2 कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज बनाना सिखाकर काम करती है। ये एंटीबॉडीज वायरल प्रोटीन जैसे कथित स्पाइक प्रोटीनों से जुड़ जाते हैं जो इसकी सतह पर फैल जाते हैं। 

राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ साझेदारी में भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोवैक्सीन के आपातकालीन प्रयोग को तीन जनवरी को मंजूरी मिली थी। परीक्षण के परिणामों में बाद में सामने आया कि यह टीका 78 फीसदी तक प्रभावी है।  

कोवैक्सीन टीके कोरोना वायरस के भारतीय स्वरूप पर प्रभावी
भारत में कोविड रोधी टीकाकरण में वर्तमान में इस्तेमाल किए जा रहे कोवैक्सीन टीका कोरोना वायरस के ‘भारतीय स्वरूप’ के खिलाफ प्रभावी है और टीकाकरण के बाद संक्रमण की स्थिति में ‘‘हल्के’’ लक्षण सामने आते हैं। 

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के अंतर्गत आने वाले जीनोमिक्स और एकीकृत जीवविज्ञान संस्थान (आईजीआईबी) के निदेशक अनुराग अग्रवाल ने एक अध्ययन के प्रारंभिक परिणामों के हवाले से कहा कि सार्स-कोव-2 के बी.1.617 स्वरूप पर टीकों के प्रभाव के आकलन से पता चलता है कि टीकाकरण के बाद संक्रमण होने पर बीमारी के लक्षण हल्के होते हैं।  

दो बार उत्परिवर्तन कर चुके कोरोना वायरस के प्रकार को भी बेअसर करती है 
देश में निर्मित कोविड-19 का टीका ‘कोवैक्सीन’, सार्स-सीओवी-2 के कई प्रकारों को निष्प्रभावी करता है और दो बार अपना उत्परिवर्तन कर चुके वायरस के प्रकार के खिलाफ भी प्रभावी है। 

भारतीय चिकित्सा अनुसंधा परिषद (आईसीएमआर) ने यह जानकारी दी। भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को भारत में तथा कई अन्य देशों में कोविड-19 के इलाज के लिए आपातकालीन प्रयोग के लिए अधिकृत किया गया था। 

आईसीएमआर का अध्ययन दिखाता है कि कोवैक्सीन सार्स-सीओवी-2 के विभिन्न प्रकारों को निष्प्रभावी करता है और दो बार परिवर्तित किस्मों के खिलाफ भी प्रभावी रूप से काम करता है। 

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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